हमारे देश में कुल 29 राज्य हैं, उन सभी राज्यों के राजस्व के कार्य को संभालने के लिए मुख्यमंत्री का चयन किया जाता है. परंतु एक मुख्यमंत्री राज्य के शहर और गांव सभी का ध्यान एक साथ अच्छे से नहीं रख सकता, और यही कारण है कि राज्यों को जिला और तहसील में बांटा जाता है. प्रत्येक जिले में सामान्य तौर पर 12 ब्लॉक और 11 तहसील होते है. यह संख्या जिला के सीमा अनुसार बदलती रहती हैं.
एक तहसीलदार अपने तहसील का राजस्व प्रभारी होता है, और कई राज्यों में इन्हें तालुकादार और कर अधिकारी भी कहा जाता है. और साथ ही इन्हें राजस्व निरीक्षक के नाम से भी जाना जाता है. इन्हें सरकार द्वारा तहसील दिया जाता है, जहाँ इन्हें ये सब सरकारी कार्य करने होते है. जो इन Tahsildar के नीचे काम करते है. उन्हें उप-तहसीलदार या नायब तहसीलदार कहा जाता है.
तहसीलदार का पद
वर्तमान समय में प्रत्येक व्यक्ति सरकारी नौकरी करने का सपना देखता है, और तहसीलदार का पद उन सभी सरकारी नौकरियों में से एक विशेष पद होता है, क्योंकि एक तहसील में आने वाले सभी प्रकार के राजस्व कार्य का निरीक्षण करना तहसीलदार का ही कार्य होता है.
तहसीलदार के पद को तहसील में एक विशेष पद माना जाता है, क्योंकि यह सर्वोच्च पद होता है, ऐसे में आप यह कह सकते हैं, कि तहसीलदार का पद उच्च सरकारी पदों में से एक होता है. तहसीलदार के अंतर्गत अन्य तहसील अधिकारी भी आते हैं.
तहसीलदार के कार्य
तहसीलदार जिले का वह अधिकारी होता है, जिसके अंतर्गत कुल जिले के सभी राज्यों से संबंधित कार्य होते हैं. तहसीलदार के अंतर्गत आने वाले सभी ग्राम पंचायतों से जुड़े हुए राजस्व के कार्य को करने एवं उनकी देखरेख करने का कार्य तहसीलदार द्वारा ही किया जाता है.
यदि किसी भी व्यक्ति को अपनी भूमि से संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी चाहिए तो, उससे संबंधित किसी भी समस्या का समाधान चाहिए, तो आप अपने जिले के तहसीलदार के पास जाकर इन सभी समस्याओं को जान सकते हैं. और प्राप्त कर सकते हैं, साथ ही बता दे कि इन सभी समस्याओं का समाधान देना तहसीलदार का मुख्य कार्य होता है. इसके अतिरिक्त भी तहसीलदार के कई कार्य होते हैं. जो नीचे निम्नलिखित रुप में दिए गए हैं:-
- भूमि सम्बंधित विवादों को निपटाना.
- किसान और उनकी जमीन से जुड़े विवादों का समाधान करना.
- किसी सामान्य जनता के घर और जमीन की रजिस्ट्री से सम्बंधित कार्य तहसील द्वारा ही किया जाता है.
- पटवारी के कार्यों के बारे में ध्यान रखना और उनके कार्यों पर निगरानी रखना तहसीलदार का कार्य होता है.
- जाति प्रमाण पत्र और मूल निवास प्रमाण पत्र आदि दस्तावेजों में हस्ताक्षर करना तहसीलदार का ही कार्य होता है.
- किसानों को प्राकृतिक आपदा के कारण होने वाले नुकसान पर मुआवजा प्रदान करवाना तहसीलदार का कार्य होता है.
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तहसीलदार कैसे बने
प्रत्येक वर्ष सरकार तहसीलदार बनने के लिए परीक्षा आयोजित करवाती है, जिसकी जानकारी आपको अपने राज्य की अधिकारिक तहसील वेबसाइट पर मिल जाएगा. आप किसी मान्यता प्राप्त कॉलेज या विश्वविद्यालय से अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद तहसीलदार की परीक्षा देने के लिए आवेदन कर सकते हैं.
तहसीलदार के तीन चरण में परीक्षाएं होती है, जिनके नाम नीचे निम्नलिखित रुप में दिए गए हैं:-
- जांच परीक्षा
- मुख्य परीक्षा
- इंटरव्यू
तहसीलदार बनने के लिए योग्यता
किसी राज्य का तहसीलदार बनने के लिए कम से कम उस राज्य का स्टेट PCS परीक्षा को पास करना आवश्यक होता है. और इसके अतिरिक्त भी तहसीलदार बनने के लिए कई प्रकार की योग्यताएं होती हैं, जो नीचे निम्नलिखित रूप में दी गई हैं:-
- जो अभियार्थी तहसीलदार की परीक्षा के लिए आवेदन करता है, उसके पास स्नातक की डिग्री होनी आवश्यक होती है.
- अभियार्थी जो इस परीक्षा में आवेदन करना चाहता है, उस की न्यूनतम उम्र 21 वर्ष और अधिकतम उम्र 42 वर्ष होनी चाहिए. वही इसके अलावा इसमें अभियार्थियों को उनकी श्रेणी के अनुसार आरक्षण भी दिया जाता है.
- तहसीलदार के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थी भारत का निवासी होना चाहिए.
तहसीलदार बनने के लिए होने वाली परीक्षा
किसी भी राज्य का तहसीलदार बनने के लिए राज्य में होने वाली राज्य प्रशासनिक परीक्षाओं और राज्य तहसीलदार की परीक्षा को पास करना आवश्यक होता है. इसके बाद ही अभियार्थी को इस परीक्षा के बाद चुना जाता है. इसके बाद आवेदक को उनकी रेंक के आधार पर पोस्टिंग दी जाती है.
तहसीलदार की सैलरी कितनी होती है?
तहसीलदार की सैलरी या महीने की तनख्वाह 16000 रुपए से 40000 रुपए तक होती है. इसके अतिरिक्त तहसीलदार को कई तरह के भत्ते भी उपलब्ध कराए जाते हैं. साथ ही कई प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है.
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तहसीलदार रिटायर कब होता है?
देश की किसी भी सरकारी पोस्ट की एक निश्चित अवधि होती है, उसके बाद उस पोस्ट पर नियुक्त व्यक्ति को रिटायर करके दूसरे व्यक्ति को नियुक्त किया जाता है. ठीक उसी प्रकार तहसीलदार के पोस्ट की भी रिटायरमेंट होती है, जिसकी अवधि 60 वर्ष होती है, तहसीलदार को 60 वर्ष की उम्र होते ही सम्मान पूर्वक तहसीलदार के पद से मुक्त कर दिया जाता है.