हिंदू धर्म में सप्ताह के सातों दिन का महत्व है सप्ताह का हर दिन किसी ना किसी देवता को समर्पित है . वैसे रविवार को छुट्टी का दिन माना जाता है और लोगों के मन में अक्सर ये सवाल आता है कि रविवार के दिन किस भगवान की पूजा अर्चना करनी चाहिए.
रविवार का दिन भगवान सूर्य को समर्पित है इस दिन लोग सूर्य देवता की पूजा अर्चना करते हैं और व्रत रखते हैं आज हम आप को बताएंगे रविवार की पूजा विधि,कथा, और व्रत के बारे में .
रविवार का व्रत और महत्व
रविवार का दिन भगवान सूर्य देवता को समर्पित है इस दिन सूर्य भगवान की पूजा करने से जीवन के सारे कष्ट दूर होते हैं शत्रुओं से रक्षा होती है , मान सम्मान की प्राप्ति होती है जो लोग सरकारी नौकरी करना चाहते हैं उन्हें अवश्य रूप से रविवार का व्रत करना चाहिए.
संतान प्राप्ति के लिए रविवार का करें व्रत
जिन लोगों को संतान नहीं हो रही है और संतान प्राप्ति की इच्छा रखते हैं उन लोगों को रविवार का व्रत करना चाहिए और सूर्य देवता की पूजा करनी चाहिए. इन्हें नव ग्रहों का राजा कहा जाता है इनकी पूजा और व्रत से समस्त ग्रहों की शांति हो जाती है .
रविवार का व्रत कब से शुरू करना चाहिए
अगर आप रविवार का व्रत करना चाहते हैं तो किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष के रविवार से आप ये व्रत शुरू कर सकते हैं आप भादव के महीने के रविवार से ये व्रत शुरू कर सकते हैं ये दिन भी बहुत शुभ होता है. आप रविवार का व्रत अगर लंबे समय के लिए रखना चाहते हैं तो एक साल या पांच साल तक का रख सकते हैं अगर आप कम समय के लिए व्रत करना चाहते हैं तो 20 या 12 रविवार का व्रत कर सकते हैं .
पूजा विधि
रविवार के दिन सुबह उठकर स्नान कर के लाल कपड़ा पहन ले इसके बाद पहले रविवार को व्रत का संकल्प जरूर लें और अपने दाहिने हाथ में अक्षत और जल लेकर अपना नाम लेते हुए और जितने रविवार का व्रत कर रहे हैं वो भी बोलें और अपनी मनोकामना भी साथ में बोलें और हाथ में जल,फूल और अक्षत जो लिया है उसे जमीन पर छोड़ दें उसके पास अगर आप के पास सूर्य भगवान की फोटो हो तो उसकी विधिवत पूजा करनी चाहिए इसके बाद सूर्य देवता को लाल पुष्प, लाल चंदन और अक्षत अर्पित करें उसके बाद भगवान सूर्य को आटे का हलवा या शिरा भोग में चढ़ाएं सूर्य देवता की आरती करें और कथा सुने इसके बाद ॐ सूर्याये नमः मंत्रों का जाप करें इन सब के बाद सूर्य देवता को तांबे के लोटे में लाल पुष्प , लाल अक्षत लाल चंदन डाल कर जल चढ़ाएं. रविवार के सूर्योदय से लेकर सोमवार के सूर्योदय तक ये
व्रत चलता है.
क्या ना करें
इस दिन आप सभी को सात्विक भोजन करना चाहिए ध्यान रखें इस दिन आप को नमक और तेल का सेवन नहीं करना चाहिए . ध्यान रखें इन दिन भोजन करने से पहले कुछ हिस्सा बच्चों को या किसी मंदिर में दान कर के भोजन ग्रहण करें व्रत वाले दिन किसी की बुराई ना करें, अपने से बड़ों का अपमान नहीं करना चाहिए इस दिन ब्रम्हचार्य का पालन करना चाहिए ध्यान रखें इन दिन पान खाना वर्जित है.
इस प्रकार आप रविवार के दिन सूर्य देवता को प्रसन्न करने के लिए उनका व्रत और पूजा कर सकते हैं और सूर्य भगवान की कृपा प्राप्त कर सकते हैं.