NSS का फुल फॉर्म “National Service Scheme” होता है. जिसे हिंदी में “राष्ट्रीय सेवा योजना” कहा जाता है. एनएसएस एक प्रकार की स्वयंसेवी संस्था है, और इसका देखरेख भारतीय सरकार के अंतर्गत युवा मामले और खेल मंत्रालय द्वारा किया जाता है, नेशनल सर्विस स्कीम की शुरुआत मुख्य रूप से विद्यार्थियों में सामाजिक कार्यों के माध्यम से देश के निर्माण के प्रति भागीदारी की भावना को विकसित करने के लिए की गई थी. साथ ही हम आपको बता दे, की नेशनल सर्विस स्कीम यानी कि राष्ट्रीय सेवा योजना पहली बार अस्तित्व में वर्ष 1969 में आई थी.
नेशनल सर्विस स्कीम ने कल्याणकारी योजना के रूप में 11वीं एवम 12वीं कक्षा में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को राष्ट्रीय स्तर पर कई कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए अवसर उपलब्ध करवाती है, साथ ही तकनीकी संस्थाओं के युवा विद्यार्थी, कॉलेज और ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रैजुएट छात्रों को भी यह कल्याणकारी योजना विभिन्न सामाजिक क्रियाओं और कार्यक्रमों में भाग लेने का बेहतर अवसर उपलब्ध करवाती है.
देश में या फिर किसी राज्य में किसी भी प्रकार की प्राकृतिक आपदा जैसे आग, सूखा, बाढ़ इत्यादि, समस्याओं के होने पर इसके समाधान के लिए NSS के स्वयंसेवी लोगों की मदद के लिए तैयार रहते है. और यही कारण है कि इस संगठन में जुड़ना देशप्रेम का सूचक भी माना जाता है.
NSS में कैसे शामिल हो?
अगर आप वर्तमान समय में स्कूल के विद्यार्थी हैं, या फिर आप अभी स्कूल में पढ़ रहे हैं, तो आप स्कूल स्तर से ही नेशनल सर्विस स्कीम में शामिल होकर इसका हिस्सा बन सकते हैं, और यदि आप कॉलेज में पढ़ाई कर रहे हैं, तो आप कॉलेज लेवल पर राष्ट्रीय सर्विस योजना में शामिल होकर इसका हिस्सा बन सकते हैं.
यदि आप नेशनल सर्विस स्कीम में जुड़ना चाहते हैं, तो इसके लिए सबसे पहले आपको अपने कॉलेज में उपस्थित नेशनल सर्विस स्कीम के हेड से मिलना होगा, और उनके साथ इसमें शामिल होने की बातचीत करनी होगी.
हेड से बात करके आपको एनएसएस के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करनी होगी, और इसके पश्चात आपको उनसे एनएसएस में भर्ती होने के लिए एप्लीकेशन फॉर्म को लेना होगा.
अब आपको एप्लीकेशन फॉर्म के अंदर मांगी गई सभी जानकारियों को ध्यान से पढ़ कर दर्ज करना होगा, एप्लीकेशन फॉर्म भरने के बाद आपको नेशनल सर्विस स्कीम के हेड के पास एप्लीकेशन फॉर्म को जमा कर देना होगा.
अब इसके बाद आप एन एन एस के वालंटियर यानी हिस्सा बन जाते हैं, एनएसएस का हिस्सा बन जाने के बाद आपको 2 सालों के अंदर लगभग 240 घंटे समाज की सेवा करने की जिम्मेदारी सौंपी जाती है. जिसे आपको पूर्ण मन और श्रद्धा से निभाना पड़ता है.
और जब आपकी सेवा पूर्ण हो जाती है, तो उसके बाद आपको राष्टीय सेवा योजना का प्रमाण पत्र प्रदान किया जाता है, जो आपके लिए निकट भविष्य में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए उचित अवसर उपलब्ध कराता है.
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एनएसएस का इतिहास
नेशनल सर्विस स्कीम को सितंबर महीने में वर्ष 1969 के तत्कालीन समय में उपस्थित देश की लगभग 37 यूनिवर्सिटी में इंडियन गवर्नमेंट के तत्कालीन सेंट्रल एजुकेशन मिनिस्टर वीके आर बी राव जी के द्वारा स्थापित किया गया था.
साथ ही हम आपकी जानकारी के लिए बता दें कि उस समय भारत में योजना आयोग के द्वारा चौथी पंचवर्षीय योजना के अंतर्गत राष्ट्रीय सेवा योजना को सभी कॉलेज और यूनिवर्सिटी में लागू करने के लिए बजट जारी किया गया था, जो कि वर्तमान समय में कुल 5 करोड रुपए है.
एनएसएस की विशेषताएं
नेशनल सर्विस स्कीम की कई प्रमुख विशेषताएं हैं, जिन्हें नीचे निम्नलिखित रुप में बताया गया है, जो इस प्रकार है:-
संपूर्ण भारत के साथ-साथ समस्त विश्व की सामाजिक और आर्थिक समस्याओं से छात्रों को अवगत कराना और उस समस्याओं का समाधान करने का कार्य एन एन एस के द्वारा किया जाता है.
नेशनल सर्विस स्कीम के द्वारा प्रत्येक वर्ष देश के अलग-अलग क्षेत्रों में नेशनल सेमिनार कार्यक्रमों का आयोजन करवाया जाता है, जिससे कि छात्र जागरूक हो, और छात्रों में जागरूकता बड़े.
नेशनल सर्विस स्कीम के द्वारा मौलिक अधिकारों का अध्ययन कराया जाता है. जो कि वर्तमान समय में सभी को अध्ययन कराना बहुत ही आवश्यक है.
भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले युवा लड़की और लड़कों को नेशनल सर्विस स्कीम द्वारा कार्य सशक्तिकरण की शिक्षा प्रदान की जाती है, जिससे गांव में रहने वाले लड़के या फिर लड़कियां भी जागरूक हो. और उनमें जागरूकता बड़े.
राष्ट्रीय सेवा योजना के द्वारा पर्यावरण संवर्धन और परिवार कल्याण से संबंधित जागरूकता अभियान का भी आयोजन समय-समय पर कराया जाता है.
एनएसएस का LOGO
एनएसएस के लोगों में जिस सिंबल का उपयोग किया गया है, वह भारत देश के उड़ीसा राज्य के पुरी शहर में स्थित सबसे प्राचीन कोर्णाक सूर्य मंदिर है. जिसे अंग्रेजी में द ब्लैक पगोड़ा के नाम से जाना जाता है. एनएसएस का logo को रथ के पहिए से लिया गया है.
इस रथ के पहिए में कुल 8 तिल्लीया उपस्थित है, जो कि इस बात को दर्शाने का कार्य करती है, कि दिन के आठ पहर होते हैं. और हमारी जिंदगी के स्थान और समय की स्तिथि भी पहिए की तरह ही होती है.
एनएसएस के द्वारा दिए जाने वाले प्रमुख पुरस्कार के नाम
राष्ट्रीय सेवा योजना के द्वारा काम करने वाले स्वयं सेवकों को उनके काम के अनुसार से उन्हें विभिन्न प्रकार के पुरस्कार भी दिए जाते हैं, यह पुरस्कार यूनिवर्सिटी तथा एनएसएस इकाई के द्वारा दिए जाते हैं, पुरस्कार के नाम नीचे निम्नलिखित रुप में दिए गए हैं, कुछ इस प्रकार:-
- नेशनल सर्विस स्कीम नेशनल अवार्ड
- स्टेट लेवल अवॉर्ड
- यूनिवर्सिटी लेवल अवार्ड
- डिस्ट्रिक्ट लेवल अवार्ड
- कॉलेज लेवल अवार्ड
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एनएसएस द्वारा दिए जाने वाले प्रमाण पत्र के फायदे
राष्ट्रीय सेवा योजना में बतौर स्वयंसेवक जुड़ने के बाद एक सर्टिफिकेट दिया जाता है, जिसे एनएसएस प्रमाण पत्र और एनएसएस सर्टिफिकेट कहा जाता है, अब हम आपको उसी एनएसएस सर्टिफिकेट के फायदों के बारे में नीचे निम्नलिखित रुप में बताएंगे, जो इस प्रकार है:-
किसी भी क्षेत्र में सार्वजनिक या संस्कृतिक समारोह/सेमिनार आयोजित होने पर व्यक्ति को आमंत्रित करके बड़े सम्मान के साथ बुलाया जाता है. और इतना ही नहीं बल्कि 15 अगस्त अथवा 26 जनवरी के मौके पर भी एन एस एस मैं सम्मिलित व्यक्ति को बुलाया जाता है. और बड़े सम्मान के साथ उनका आदर किया जाता है.
FAQ
- एनएसएस का सिद्धांत क्या है ?
एनएसएस का सिद्धांत यह है:-
NOT ME BUT YOU
- एनएसएस का फुल फॉर्म क्या है ?
NSS का फुल फॉर्म “National Service Scheme” होता है. जिसे हिंदी में “राष्ट्रीय सेवा योजना” कहा जाता है.
- नेशनल सर्विस स्कीम का क्या उद्देश्य है?
नेशनल सर्विस स्कीम का उद्देश्य समाज सेवा हेतु लोगों को जागरूक करना है.
- एनएसएस की आधिकारिक वेबसाइट क्या है ?
एनएसएस की अधिकारी व्यवसाय दिया है:-