आज हम बात करेंगे “सन ऑफ बिहार ” यानि की पत्रकार मनीष कश्यप के बारे में जानेंगे कौन है मनीष कश्यप और कैसे बन गए ये सन ऑफ बिहार.
मनीष कश्यप एक नाम नहीं बल्कि एक ब्रांड बन गए हैं बात करेंगे बिहार के सबसे चर्चित शख्सियत और मीडिया जगत में तहला मचा देने वाले अपनी निडर पत्रकारिता और लोगों के हितों के बारे में बात करने वाले मनीष कश्यप के बारे में अपनी प्रत्रकारिता के दम पर पूरे देश में अपना लोहा मनवाने वाले मनीष कश्यप कैसे बन गए बिहार के लाल और सबके हीरो चलिए जानते पत्रकार मनीष कश्यप की जीवनी के बारे में.
कौन हैं मनीष कश्यप
मनीष कश्यप का जन्म 9 मार्च 1988 को बिहार के एक छोटे से गांव डुमरी महनवा में हुआ है इनके पिता भारतीय सेना में कार्यरत हैं और इनका भाई किसी निजी कंपनी में नौकरी करता है लेकिन मनीष ने पत्रकारिता को चुना क्योंकि वे इसके जरिए समाज और देश में हो रहे गलत कामों को लोगों तक पहुंचाना चाहते थें और पीड़ित लोगों को न्याय दिलाना इनके जीवन का मुख्य उद्देश्य था.
इंजियारिंग छोड़ बने पत्रकार
मनीष कश्यप एक पत्रका यूट्यूबर और राजनेता हैं मनीष को एक क्रांतिकारी पत्रकार के तौर पर देखा जाता है. बता दें मनीष कश्यप बचपन से ही पढ़ाई लिखाई में काफी अच्छे थें इन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा अपने गांव से ही पूरी की उसके बाद 12वी की पढ़ाई करने के बाद वे महाराष्ट्र के पुणे से सावित्रीबाई फुले विश्वविद्याल से सिविल इंजिनियरिंग की डिग्री 2016 में प्राप्त की लेकिन इस फिल्ड में नौकरी करने के बजाए मनीष अपने गांव वापस लौट आएं और पत्रकारिता करनी शुरू कर दी देश में और अपने राज्य में फैले भ्रटाचार के खिलाफ आवाज उठाने लगे और 2018 में अपना एक यूट्यूब चैनल बनाया जिसपर वे सरकारी दफ्तरों में हो रहे भ्रटाचार और सरकार की असफलताओं को पूरी निडरता के साथ अपने चैनल के माध्यम से लोगों तक पहुंचाने लगे सरकार को भी उनकी नाकामयाबियों से अवगत कराकर अधूरे कामों को पूरा कराने लगे देश और राज्य में फैले अपराध, गरीबों का हो रहा शोषण , घोटाले और रिश्वतखोरी पर कई वीडियो अपने चैनल पर दिखाकर तहलका मचा दिया इतना ही नहीं लोगों को उनके अधिकारों के बारे में अवगत कराया ताकि उन्हें किसी प्रकार की परेशानी ना हो . देखते ही देखते पत्रकारिता की दुनिया में मनीष कश्यप एक मिशाल बन गए और बिहार के लोगों ने इन्हें सन ऑफ बिहार के नाम से बुलाने लगे.
पत्रकार से बने राजनेता
देश में राजीतिक बदलाव करने के मकसद से इन्होंने राजनीति की दुनिया में कदम रखा और 2020 में चनपटिया में निर्दलीय उम्मीदवार बनकर चुनाव लड़ा और वे इस विधनसभा चुनाव में तीसरे नंबर पर रहें इन्हें 9329 वोट मिला . इसके बाद मनीष दोगुनी ताकत के साथ पत्रकारिता में सक्रिय हो गए और सरकारी दफ्तरों, सरकारी अस्पतालों और अन्य सरकारी कामों में हो रही धांधली के बारे में जानकर रिपोर्टिंग की और अपने चैनल पर दिखाया. आपको बता दें मनीष कश्यप बिहार में हिंदूवादी चेहरा बनकर उभरे हैं वे हिंदूवादी मुद्दों पर प्रखर होकर बोलते हैं विधासभा चुनाव के दौरान राम मंदिर का मुद्दा भी इन्होंने उठाया था जिसे लेकर इन्हें आलोचना का भी सामना करना पड़ा.
मनीष कश्यप एक ऐसे पत्रकार हैं जो देश में हो रही घटनाएं सरकारी कामकाज, अपराधिक मामलों पर अपनी पैनी नजर बनाकर रखते हैं और निडर होकर उसे जनता तक पहुंचाते हैं आज मनीष कश्यप एक ऐसा चेहरा बन गए हैं जिसे बिहार में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी लोग जानते हैं इनके ऊपर कई गाने बनाया जा चुका है. मनीष कश्यप बिहार के लिए किसी हीरो से कम नहीं हैं लोग इन्हें बिहार का लाल यूं ही नहीं कहते हैं.