शास्त्रों में धनतेरस का विशेष महत्व बताया गया है हिंदू पंचांग के अनुसार धनतेरस हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष के त्रोयोदशी तिथि को मनाया जाता है इस दिन से दिवाली की शुरूआत हो जाती है धनतेरस के दिन धन्वंतरि देव मां लक्ष्मी और कुबेर देव की पूजा अर्चना की जाती है इस दिन घर का सामान खरीदने का भी विशेष महत्व है लोग धनतेरस के दिन कुछ ना कुछ खरीदते हैं. चलिए जानते है धनतेरस कब है मुहूर्त महत्व और पूजा विधि के बारे में.
कब है धनतेरस
इस साल धनतेरस की तिथि को लेकर दो राय है कोई कहता है धनतेरस 22 अक्टूबर को है किसी मनना है 23 अक्टूबर को धनतेरस मनाया जाएगा, लेकिन आपको बता दें जिन दिन त्रोयोदशी में प्रदोष काल प्राप्त हो रहा हो उस दिन धनतेरस मनाना चाहिए. हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल दो दिन तक भगवान धन्वंतरि की विशेष कृपा बनी रहेगी, शनिवार 22 अक्टूबर 2022 शाम 6 बजकर 2 मिनट से कार्तिक त्रोयोदशी लग रही है और 23 अक्टूबर 2022 शाम 6 बजकर 3 मिनट पर समापन होगा. ऐसे में 23 अक्टूबर को प्रदोष काल सिर्फ 19 मिनट के लिए प्राप्त होगा जबकि 22 अक्टूबर को प्रदोष काल पूरे दो घंटा पंद्रह मिनट तक के लिए प्राप्त होगा इसलिए आप 22 अक्टूबर को धनतेरस की पूजा दो घंटे में आराम से कर सकते हैं क्योंकि 23 अक्टूबर को शाम 5: 44 मिनट से राहुकाल रहेगा और शाम 06:03 पर त्रोयोदशी तिथी समाप्त हो जाएगी अगर आप ऐसे में 23 अक्टूबर को धनतेरस की पूजा करना चाहते हैं तो आपको शाम 5:44 मिनट से लेकर 06: 03 मिनट तक करना होगा.
वृषभ काल और धनतेरस की शुभ मुहूर्त
22 अक्टूबर को प्रदोष काल में वृषभ काल प्राप्त होगा और वृषभ काल में धनतेरस की पूजा सबसे अच्छी मानी जाता है जबकि 23 अक्टूबर में वृषभ काल प्राप्त नहीं होगा इसलिए 22 अक्टूबर को धनतेरस की पूजा करना अच्छा माना जाएगा. धनतेरस की खरीदारी दोनों दिन कर सकते हैं, लेकिन ध्यान रखें राहुकाल में खरीदारी नहीं करनी चाहिए.
22 अक्टूबर को वृषभ काल
दिल्ली में शाम 07:01 से 08:56 तक
वाराणसी में शाम 6:43 से लेकर 08:41 तक
जयपुर में शाम 07:10 से 09:06 तक
कोलकाता में शाम 06:27 से 08:25
मुंबई शाम 07:34 से 09:34 तक
अहमदाबाद में शाम 07:29 से 09:27 तक
22 अक्टूबर को धनतेरस की पूजा मुहूर्त
दिल्ली में शाम 07:01 से 08:17 तक
वाराणसी शाम 06:43 से 07:55
जयपुर शाम 07:11 से 08: 24 तक
कोलकाता शाम 06:27 से 07:35 तक
मुंबई शाम 07:34 से 08:40 तक
अहमदाबाद शाम 07:29 से 8:39
23 अक्टूबर पूजा मुहूर्त
दिल्ली में शाम 5:44 से 08:02 तक
वाराणसी में शाम शाम 05:24 से 06:03 तक
जयपुर में शाम 05:51 से 06:03
कोलकाता शाम 05:05 से 06:03 तक
मुंबई में शाम शाम 05:44 से 08:16 तक
अहमदाबाद में शाम 05:45 से 08:15
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धनतेरस की कथा
ऐसा कहा जाता है कि कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रोयोदशी तिथि के दिन समुंद्र मंथन में भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे इसलिए इस तिथि को धनतेरस के नाम से जाना जाता है.
धनतेरस पर क्या खरीदना शुभ होता है?
धनतेरस को साल का सबसे शुभ दिन माना जाता है इस दिन कई चीजों की खरीदारी की जाती है इस दिन खरीदारी करना शुभ माना जाता है.चलिए जानते हैं इस दिन किन चीजों की खरीदारी कर सकते हैं.
बर्तन
धनतेरस के दिन घर के लिए नए बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है , तांबे और चांदी के बर्तन खरीदना ज्यादा शुभ माना गया है ऐसा कहा जाता है की जो भी बर्तन आप लाएं हैं उन्हें पूर्व दिशा में रखना चाहिए.
झाड़ू
धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन झाड़ू खरीदना शुभ रहता है दीपावली पर साफ सफाई पर विषेश ध्यान दिया जाता है और झाड़ू को माता लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है इसलिए धनतेरस पर झाड़ू खरीदना चाहिए झाड़ू खरीदते समय ध्यान रखें फूल झाड़ू ना हो बल्कि सिंक वाली झाड़ू होनी चाहिए इसका भी विशेष महत्व है.
मिट्टी के दिए
इस दिन मिट्टी के दिए खरीदना भी शुभ माना गया है मिट्टी के दिए खरीदने से माता लक्ष्मी की विशेष कृपा बनी रहती है.
श्रीयंत्र
धनतेरस के दिन लोग चांदी के सिक्के की खरीदारी करते हैं लेकिन श्रीयंत्र खरीदना ज्यादा शुभ होता है धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दीपावली के दिन श्रीयंत्र की पूजा करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं.
लक्ष्मी गणेश की प्रतिमा
इस दिन आप मां लक्ष्मी गणेश की प्रतिमा भी खरीद सकते हैं इसे भी काफी शुभ माना जाता है शुद्ध चांदी से बनी प्रतिमा खरीदनी चाहिए अगर आप चांदी से बनी प्रतिमा नहीं खरीद सकते तो मिट्टी से बनी प्रतिमा भी खरीद सकते हैं.
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धनतेरस पर किन चीजों से बचें तो होगी धन की वर्षा
धनतेरस से दीपावली की शुरुआत हो जाती है ध्यान रखे इस दिन घर में मकड़ी के जाले ना लगे हों इससे घर में धन आने में रुकावट पैदा होती है . इस्तेमाल करने के बाद बाथरूम का दरवाजा बंद रखना चाहिए इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा आती है और धन की हानि होती है धनतेरस के दिन उत्तर दिशा का महत्व है इसलिए उत्तर दिशा को साफ सुथरा रखें क्योंकि जो धन के स्वामी हैं कुबेर देवता उनका स्थान माना जाता है. अगर घर में नल टपकते हों तो उन्हें पहले से ठीक करवा लेना चाहिए वास्तु के अनुसार पानी टपकना यानि आपका पैसा पानी को तरह बहना माना जाता है. इस दिन धारदार वस्तुओं की खरीदारी नहीं करनी चाहिए. इन छोटी छोटी बातों पर ध्यान रखने से आपके घर में कभी भी धन की कमी नहीं होगी धन्वंतरि देव की कृपा आप पर बनी रहेगी.
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पूजा विधि
धनतेरस पर धन की प्राप्ति के लिए पूजा की जाती है धनतेरस पर धन्वंतरि भगवान और माता लक्ष्मी की पूरे विधि विधान से पूजा करनी चाहिए इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर के सभी काम कर लें धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि और कुबेर की पूजा का विधान है इन दिन शाम के समय शुभ मुहूर्त पर पूजा करनी चाहिए. धनतेरस के दिन मुख्य द्वार पर दिए जलाएं उत्तर दिशा में धन्वंतरि और कुबेर देवता की स्थापना करें उसके बाद उनको तिलक करें पुष्प, फल और मिष्ठान चढ़ाएं और धनवंतरी देव
आरोग्य प्राप्ति हेतु धन्वंतरि देव का पौराणिक मंत्र का जाप करें
ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वंतराये:
साथ ही कुबेर देवता के मंत्रों का जाप करें
यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये
धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा॥
धनतेरस के दिन इन सारे उपायों से आप और आपके परिवार पर धन्वंतरि,लक्ष्मी और कुबेर देवता की विशेष कृपा बनी रहेगी और पूरे साल आपको धन की कमी महसूस नहीं होगी.
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