भगवान राम ने विपरीत परिस्थितियों में भी स्थिति को नियंत्रित करके सफलता प्राप्त की, उन्होंने हमेशा वेदों और मर्यादा का पालन किया. उन्होंने अपने सुखों से समझौता करके न्याय और सत्य का समर्थन किया. जानिए भगवान राम के 5 ऐसे गुण जिनके कारण उनका जीवन सफल रहा, और श्री राम के वे गुण जिन्होंने उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम कहा.
सहनशील व धैर्यवान
सहनशीलता और धैर्य भगवान राम के प्रमुख गुण हैं. अयोध्या के राजा होते हुए भी श्रीराम ने सन्यासी की तरह जीवन व्यतीत किया. यह उनकी सहनशीलता को दर्शाता है.
दयालु स्वभाव
भगवान राम बहुत दयालु स्वभाव के हों। उसने दया से सभी को अपनी छतरी के नीचे ले लिया. उन्होंने सभी को सामने से नेतृत्व करने का अधिकार दिया. सुग्रीव को राज्य देना उनके दयालु स्वभाव का प्रतीक है.
सम्बंधित : – दीपावली कब और क्यों मनाई जाती है, जानिए इसका महत्व, पूजा विधि, तिथि और मूहर्त
मित्रता
भगवान राम ने हर जाति, हर वर्ग के लोगों से दोस्ती की. श्रीराम ने हर रिश्ते को दिल से निभाया. चाहे केवट हो या सुग्रीव, निषादराज हो या विभीषण, उसने स्वयं अपने सभी दोस्तों के लिए कई मुसीबतों का सामना किया.
बेहतर नेतृत्व क्षमता
भगवान राम एक कुशल प्रबंधक थे. वह सबको साथ लेकर चल रहे थे. भगवान राम की बेहतर नेतृत्व क्षमता के कारण ही लंका जाने के लिए पत्थरों का पुल बनाया गया था.
सम्बंधित : – दिवाली पर Employees के लिए ये है बेहतर गिफ्ट Ideas
भाई के प्रति प्रेम
भगवान राम ने अपने सगे भाई से अधिक अपने सभी भाइयों के प्रति त्याग और समर्पण और स्नेह की भावना रखी. इसी कारण लक्ष्मण जी भी भगवान राम के वनवास में जाते समय उनके साथ वन में चले गए. इतना ही नहीं, श्री राम की अनुपस्थिति में राजमहल प्राप्त करने के बावजूद, भगवान राम के मूल्यों को ध्यान में रखते हुए, भरत ने रामजी के चरण पादुका को सिंहासन पर रखकर लोगों की सेवा की.
सम्बंधित : – धनतेरस कब है शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि और क्या करने से होगी धन की वर्षा