डेंगू इन दिनों देश के कई राज्यों में फैला हुआ आज हजारों लोग इस इसकी चपेट में आ रहे हैं. बरसात का मौसम आते ही देश भर में डेंगू अपना प्रकोप बरपाने लगता है. वैसे तो यह एक वायरल फीवर जैसा है, लेकिन समय पर ध्यान नहीं दिया और सही इलाज नहीं मिला तो ये जानलेवा भी हो सकता है. आज हम अपने इस आर्टिकल में आपको डेंगू कैसे फैलता है, क्या लक्षण हैं और इससे बचाव के बारे में सारी जानकारी देंगे.
डेंगू क्या होता है?
डेंगू मच्छरों के काटने से होता है. जुलाई से अक्टूबर तक इसका प्रकोप बहुत तेज होता है. डेंगू के मच्छर समान तौर पर दिन में काटते हैं. डेंगू के मच्छर साफ पानी में पनपते हैं. डेंगू एडीज जाति के मच्छर के काटने होता है
डेंगू के लक्षण
ठंडी लगकर तेज बुखार आना
हाथों पैरों में तेज दर्द
शरीर पर लाल चकत्ते पड़ना
कभी कभी उल्टी जैसी समस्या
चक्कर आना
सिर में तेज दर्द
आंखों में दर्द होना
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डेंगू को गंभीरता से लें
डेंगू के अगर लक्षण हैं तो उनसे गंभीरता से लें क्योंकि डेंगू में कुछ घंटों में उसके गंभीर लक्षण नजर आने लगते हैं. जैसे अभी आप ठीक लग रहे हैं कुछ घंटे बाद बीमारी बढ़ सकती है. डेंगू कभी कभी काफी गंभीर रूप ले लेता है. ऐसे में सबसे पहले अपने डॉक्टर से संपर्क करें घर में बैठकर खुद इलाज करने से इसके भारी परिणाम देखने को मिल सकता हैं. और हालात हाथ से बाहर होने लगते हैं.
डेंगू तीन प्रकार का होता है
सामान्य डेंगू फीवर
डेंगू हेमरेजिक फीवर
डेंगू शॉक सिंड्रोम
डेंगू शॉक सिंड्रोम के लक्षण
सामान्य डेंगू में सामान्य लक्षण नजर आते है और हेमरेजिक फीवर में भी, लेकिन डेंगू शॉक सिंड्रोम में काफी गंभीर लक्षण पाया जाता है.
20 लोगों को डेंगू होता है तो मेडिकल साइंस में ऐसा माना जाता है कि एक को सीवियर डेंगू अटैक हो सकता है. सीवियर डेंगू में डेंगू के नॉर्मल लक्षण के साथ साथ और परेशानियां हो सकती हैं जैसे शरीर में असहनीय दर्द होगा, हाथ पैर ढीले पड़ जाएंगे, ब्लड प्रेशर नीचे आ जाएगा और इंटरनल ब्लीडिंग भी हो सकती है. आपको नाक से खून आ सकता है, उल्टी में खून आ सकता है और शौच के दौरान भी ब्लीडिंग हो सकती है. ऐसे में अगर इसे इमरजेंसी के तौर पर नहीं देखा गया तो जान का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ जाता है. इसलिए अगर आपको लगता है कि सीवियर डेंगू है तो बहुत ध्यान देकर देखने की जरूरत है और तुरंत हॉस्पिटल जाने की भी आश्यकता है.
डेंगू बीमारी से कैसे बचा जाए?
सप्ताह में कम से से कम एक बार कूलर का पानी बदले.
गमलों में पानी न जमा होने दें.
सोते समय मच्छरदानी लगाए.
ऐसे कपड़े पहने जो हाथों और पैरों को ढके रखे.
बाल्टी में पानी ना भर के रखें.
पानी को ढक कर रखें.
घर के आसपास पानी जमा ना होने दें.
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डेंगू होने पर उपचार
डेंगू होने पर प्लेटलेट्स को मॉनिटर करते रहना जरूरी है. तरल पदार्थों का सेवन ज्यादा से ज्यादा करें, ज्यादा मात्रा में पानी पिए. ज्यूस का सेवन करें. पपीता को डेंगू के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है तो ऐसे में पपीता और उसके पत्तों का सेवन कर सकते है.
डेंगू के मौसम को ध्यान में रखते हुए आप भी अपना ख्याल रखें और अगर कोई लक्षण नजर आता है तो बिना देरी किए डॉक्टर से संपर्क अवश्य करें.
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