आज हम आपको श्रमेव जयते योजना के बारे में बताने जा रहे हैं। कृपया पूर्ण जानकारी के लिए इस ब्लॉग को अवश्य पढ़ें। और अन्य जानकारी के लिए नव जगत के साथ बने रहे.
हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने सन 2014 में पंडित दीनदयाल उपाध्याय श्रमेव जयते योजना को प्रारंभ किया था. इस योजना को लागू करते समय प्रधानमंत्री जी ने कहा था. कि हमारे भारत देश में श्रम की अत्यधिक आवश्यकता है, और इसी कारणवश श्रम को बढ़ावा देना अत्यधिक जरूरी है. क्योंकि भारत में श्रम करने वाले लोगों की अत्यधिक आवश्यकता है. क्योंकि उन्हीं के द्वारा भारत देश का विकास हो सकता है. और भारत भी तीव्र गति से विकसित हो सकता है.
इसलिए जो हमारा श्रमिकों के प्रति नजरिया है. उसको हमें बदलना चाहिए. और श्रमेव जयते योजना का मुख्य उद्देश्य ही श्रम कानूनों में बदलाव लाना है. यह बदलाव श्रमिकों के हित के लिए किया गया है. इसी के साथ श्रम प्रक्रिया को और अच्छा बनाने के लिए इस योजना को लागू किया गया है. प्रधानमंत्री ने ‘पंडित दीनदयाल उपाध्याय श्रमेव जयते’ योजना के प्रारंभ के साथ ही साथ ‘श्रम सुविधा’ पोर्टल की शुरुआत की है. इसी के साथ श्रम जांच कार्यक्रम और भविष्य निधि जमा करने वाले कर्मचारियों के लिए बैंकों में एक समान अकाउंट को भी प्रारंभ किया.
इस योजना का उद्देश्य श्रमिकों के कौशल परीक्षण प्रदान करने के लिए सरकारी सहायता को बढ़ावा देना है. और साथ ही विनिर्माण क्षेत्र को और प्रोत्साहित करने के लिए और ‘मेक इन इंडिया’ अभियान का समर्थन करने के लिए श्रमेव जयते योजना शुरू की गई थी. श्रमेव जयते योजना के अनुसार कुछ ऐसे भी निर्णय लिए जाएंगे. जो व्यवसाय करने में आने वाली बाधाओं को दूर करने में कुशल होगा.
पंडित दीनदयाल श्रमेव जयते योजना में सम्मिलित होने वाले राज्य
नरेंद्र सिंह तोमर ने इस पर उठाए गए कदम को प्रधानमंत्री के ‘मिनिमम गवर्नमेंट’ ‘मैक्सिमम गवर्नमेंट’ की दूरदर्शिता को पाने के लिए इस योजना को साहसिक कदम बताते हुए, जोर देकर कहा, कि मंत्रालय के सभी कार्यों का उद्देश्य व्यवस्था में अधिक पारदर्शिता और गति लाना है. श्री नरेंद्र तोमर जी ने बताया, कि भारत के अनुकूल भौगोलिक स्थिति से होने वाले लाभ की कल्पना और देश में व्यवस्थाओं की सुविधा के साथ सांसद में पूर्व विधायक लाए जा चुके हैं. और ऐसा अनुमान है, कि एपरेंटिस अधिनियम के लागू होने पर प्रशिक्षुओं की संख्या 23 लाख से ऊपर चली जाएगी. श्री तोमर ने कहा, कि सरकार संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में सूक्ष्म, लघु और मझौले उद्यम मंत्रालय के लिए एक अधिनियम लाने और देश से बाल श्रम को समाप्त करने के लिए संशोधन लाएगी.
प्रधानमंत्री दीनदयाल उपाध्याय श्रमेव जयते कार्यक्रम में कई राज्यों के स्वास्थ्य तकनीक और शिक्षा मंत्री मंडल ने भाग लिया. जिनमें से मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, असम, कर्नाटक, मेघालय, पांडुचेरी सहित 20 राज्य शामिल है.
श्रमेव जयते योजना पोर्टल
श्रम क्षेत्र में पारदर्शिता सुनिश्चित करने और औद्योगिक विकास में अनुकूल माहौल बनाने के लिए समर्पित श्रम सुविधा पोर्टल को लांच किया गया, इसके तहत लगभग 6 लाख इकाइयों को श्रम पहचान संख्या आवंटित कराया जाएगा. और उन्हें 44 श्रम कानूनों में से 16 के लिए ऑनलाइन स्वीकृति दायर करने की इजाजत देगा. केन्द्रीय क्षेत्र में श्रम सुविधा पोर्टल और श्रम निरीक्षण योजना का समर्पण है. मंत्रालय ने औद्योगिक विकास के लिए उपयुक्त माहौल बनाने के उद्देश्य से केन्द्रीय क्षेत्र में श्रम सुविधा पोर्टल विकसित किया है. इस पोर्टल की कई विशेषताएं हैं जो नीचे निम्नलिखित रुप में दी गई है:-
- ऑनलाइन पंजीकरण के लिए इकाइयों को विशिष्ट श्रम पहचान संख्या आवंटित की जाएगी.
- उद्योग द्वारा स्वयं प्रमाणित और सरल ऑनलाइन रिटर्न दायर किया जाना. और फिर इकाइयों को 16 अलग रिटर्न दायर करने के बजाय सिर्फ एक रिटर्न ऑनलाइन दायर करना.
- श्रम निरीक्षकों द्वारा 72 घंटे के भीतर निरीक्षण रिपोर्ट अपलोड करना अनिवार्य है.
- पोर्टल की मदद से समय पर शिकायत का निवारण होगा.
अगर हम सम्मानजनक नजरिए से देखें, तो ‘श्रम योगी’ बन जाते हैं ‘राष्ट्रयोगी’ और ‘राष्ट्र निर्माता’. हमें श्रमिकों की नजर से ही श्रम को देखना चाहिए. श्रमेव जयते योजना को लागू करने के पीछे कई चीजों को विकसित करना था, जैसे लोगों के विश्वास को बढ़ाना, युवाओं की काबिलियत को बढ़ाना और व्यवसाय को बढ़ाना. सरकार को अपने देश के नागरिकों पर विश्वास करना चाहिए, और इसी बात को साबित करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने श्रमिकों की नजर से श्रम मुद्दों को समझने की पुरजोर वकालत की, ताकि उन्हें संजीदगी के साथ सुलझाया जा सके. नई दिल्ली में पंडित दीनदयाल उपाध्याय श्रमेव जयते कार्यक्रम में पांच नई पहलों की शुरुआत के बाद अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि इस तरह का सम्मानजनक नजरिया अपनाने से ‘श्रम योगी’ (श्रमिक) पहले ‘राष्ट्र योगी’ और फिर राष्ट्र निर्माता बन जायेंगे.
प्रधानमंत्री ने एक साथ अनेक योजनाओं का शुभारंभ करने के लिए श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के प्रयासों की सराहना की है, जिनके अंतर्गत श्रमिकों के साथ-साथ नियोजकों के हितों का भी ख्याल रखा गया है. उन्होंने कहा कि श्रम सुविधा पोर्टल ने महज एक ऑनलाइन फॉर्म के जरिये 16 श्रम कानूनों का अनुपालन आसान कर दिया है.
उन्होंने कहा कि निरीक्षण के लिए यूनिटों का अनियमित चयन करने की पारदर्शी ‘श्रम निरीक्षण योजना’ से इंसपेक्टर राज की बुराइयों से निजात मिलेगी. और इसके साथ ही कानूनों का बेहतर ढंग से पालन भी सुनिश्चित होगा. प्रधानमंत्री ने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन में 27,000 करोड़ रुपये की विशाल राशि बगैर दावे के पड़ी है. उन्होंने कहा कि यह रकम भारत के गरीब श्रमिकों के पसीने की कमाई है. उन्होंने यह भी कहा कि यूनिवर्सल एकाउंट नम्बर के जरिये कर्मचारी भविष्य निधि में सुनिश्चित की गई पोर्टेबिलिटी से इस तरह की रकम के फंस जाने और वास्तविक लाभार्थियों तक उसके न पहुंच पाने की समस्या से निजात मिल जायेगी.
पंडित दीनदयाल श्रमेव जयते योजना का उद्देश्य
पंडित दीनदयाल श्रमेव जयते योजना का मुख्य उद्देश्य श्रम कानूनों में सुधार करना. प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कर्मचारियों के लिए एक ‘श्रम सुविधा’ पोर्टल और एक नई ‘श्रम निरीक्षण योजना’ भी शुरू की. सभी श्रम कानूनों से संबंधित जानकारी ‘श्रम सुविधा’ पोर्टल पर दी जाएगी.
आशा करते हैं कि यह ब्लॉग आपको श्रमेव जयते योजना की पूर्ण जानकारी प्रदान करने में समर्थ रहा। अन्य महत्वपूर्ण और रोचक जानकारी के लिए हमारे अन्य ब्लॉग को अवश्य पढ़ें.
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