आज हम आपको “वायु प्रदूषण क्या है? वायु प्रदूषण के कारण क्या है?” के बारे में बताने जा रहे हैं। कृपया पूर्ण जानकारी के लिए इस ब्लॉग को अवश्य पढ़ें। और अन्य जानकारी के लिए नव जगत के साथ बने रहे।
मानव को प्रकृति प्रदत्त एक नि:शुल्क उपहार मिला है जो वायु है. यह उपहार सभी जीवों का आधार है. मानव बिना भोजन एवं बिना जल के के कुछ समय व्यतीत कर ले, परंतु वह वायु के बिना 10 मिनट भी जीवित नहीं रह सकता है यह अत्यंत चिंता का विषय है. कि प्रकृति प्रदत्त जीवनदायिनी वायु लगातार जहरीली होती जा रही है शहरों का असीमित विस्तार, बढ़ता औद्योगिकरण, परिवहन के संसाधन में लगातार वृद्धि तथा विलासिता की वस्तु जैसे (एयर कंडीशनर और रेफ्रिजरेटर) आदि वायु प्रदूषण को लगातार बढ़ावा दे रहे हैं.
वायु प्रदूषण उद्योग की गतिविधियों और कुछ घरेलू गतिविधियों के फल स्वरुप हो रहा है, ताप संयंत्र, जीवाश्म ईंधन के निरंतर बढ़ते प्रयोग उद्योगों, यातायात, खनन कार्य, भवन निर्माण और पत्थरों की खुदाई से वायु प्रदूषण हो रहा है. वायु प्रदूषण को इस प्रकार परिभाषित किया जा सकता है, कि वायु प्रदूषण में किसी भी हानिकारक ठोस, तरल और गैस का जिसमें ध्वनि और रेडियोधर्मी विकिरण भी शामिल है, इतनी मात्रा में मिल जाना जो प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से मानव और अन्य जीवन धारियों को हानिकारक रूप से प्रभावित कर सकता है. उसे वायु प्रदूषण कहते हैं,
वायु प्रदूषण के प्रकार
विविक्त प्रदूषण – वायु में अनेक प्रदूषक ठोस रूप में उड़ते हुये पाये जाते हैं. जिसे विविक्त प्रदूषण कहते हैं.
गैसीय प्रदूषण – मानव प्रक्रियाओं द्वारा अनेक प्रकार की गैसों का निर्माण होता है. और इस निर्माण में अनेक प्राकृतिक तत्वों के मिश्रण का योगदान रहता है, जो स्वभाविक रूप से वायु को दूषित करते हैं उसे गैसीय प्रदूषण भी कहते हैं.
वायु प्रदूषण के कारण क्या है?
1. बढ़ती आबादी
जैसा कि आप सभी जानते हैं. कि भारत में जैसे तीव्र गति से जनसंख्या वृद्धि हो रही है, उसी प्रकार से वायु प्रदूषण भी तीव्र गति से बढ़ रहा है. जनसंख्या वृद्धि बढ़ते हुए वायु प्रदूषण का एक सबसे बड़ा संकेतक है. और वास्तविकता में अगर इसके पीछे का कारण जाने तो यह प्राकृतिक संसाधनों का आधाधुंध उपयोग है. इसके कारण वायु प्रदूषण इतनी तीव्र गति से फैल रहा है. वायु प्रदूषण की समस्या पहले सिर्फ शहरों तक ही सीमित थी, परंतु अब यह समस्या गांव में भी अत्यधिक तीव्र गति से बढ़ रही है. जिसका मुख्य कारण औद्योगिक करण और बढ़ती हुई आबादी है, लोगों को रोजगार प्राप्त कराने के लिए जो उद्योग बनाए जाते हैं. उन उद्योगों से निकलने वाली जहरीली गैस ही वायु को दूषित करती है.
2. बढ़ते उद्योग
हम यह भी कह सकते हैं, कि वायु प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण बढ़ते हुए उद्योग हैं. क्योंकि इनसे निकलने वाले जहरीले धुए ज्यादातर वायु को प्रदूषित करते हैं और वायु प्रदूषण ज्यादातर विकासशील देशों की समस्या है, क्योंकि यहां बढ़ते उद्योग के कारण वायु प्रदूषित हो रही है. और यही कारण है, कि भारत के कई शहर जोखिम निशान के ऊपर हो चुके हैं, उन शहरों में सांस लेना भी मुश्किल हो गया है.
3. संचार के साधन
जैसा कि आप सभी जानते हैं कि भारत में बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए विभिन्न संसाधनों की वृद्धि हो रही है. इन संसाधनों में हो रही वृद्धि के कारण इंजन, बस. वायुयानो, स्कूटरो आदि की संख्या भी तेजी से बढ़ती जा रही है. और इन्हीं सन संसाधनों के उपयोग से निकलने वाले धुआ वायुमंडल को दूषित कर रहे हैं.
4. वनों की अंधाधुंध कटाई
जैसा कि आप सभी जानते हैं कि हम मनुष्य अपनी सुविधा के लिए पेड़ों की अंधाधुंध कटाई कर रहे हैं. जिससे वायु प्रदूषण अत्यधिक तीव्रता से बढ़ रहा है, स्वाभाविक है कि वृक्ष वायुमंडल के प्रदूषण को कम करने में आपकी सहायता करते हैं. पौधे हमारे द्वारा छोड़ी जाने वाली हानिकारक गैस कार्बन डाइऑक्साइड को अपने भोजन के लिए ग्रहण करके. जीवनदायिनी गैस ऑक्सीजन प्रदान करते हैं, परंतु पेड़ों की अंधाधुंध कटाई के कारण ऑक्सीजन की मात्रा कम होती जा रही है. और जहरीली गैस से वायुमंडल को प्रदूषित कर रही है.
5. परमाणु परिक्षण
जैसा कि आप सभी जानते हैं, कि आपसी वैमनस्य को इस कदर बढ़ाया गया है, कि देशों के बीच लड़ाइयां होने लगी है जिसके कारण हथियारों की होड़ लग गई है, इस वजह से लोगों ने परमाणु बंब जैसे बेहद घातक और प्रदूषण फैलाने वाला हथियार भी उपयोग करना शुरू कर दिए है. जिसके कारण दिन-ब-दिन वायु प्रदूषित हो रही है.
वायु प्रदूषण से बचने के उपाय
1. वायु प्रदूषण को रोकने का सबसे बड़ा उपाय पेड़ों की अंधाधुंध कटाई पर रोक लगाना है. और साथ ही जितना हो सके उतना वृक्षारोपण करें, इससे आप वायु प्रदूषण से बच सकते हैं.
2. शहरीकरण की प्रक्रिया को रोकने के लिए कस्बों व गांव में ही रोजगार व कुटीर उद्योगों व अन्य सुविधाओं को उपलब्ध कराई जाए.
3. वायु प्रदूषण को रोकने के लिए उद्योगों को ऐसी जगह स्थापित करें जो गांव व शहर से दूर हो, साथ ही उद्योगों की चिमनिया थोड़ा ऊपर और बढ़ा दी जाए, जिससे जहरीले धूआ वायु में ना मिले जिससे वायु दूषित ना हो.
4. जनसंख्या शिक्षा की उचित व्यवस्था की जाए ताकि जनसंख्या वृद्धि में रोक लगाना संभव हो सके.
5. वाहनों में उपयोग किए जाने वाले ईंधन की जगह, इलेक्ट्रिक या गैस का प्रयोग करें जिससे बाय प्रदूषण कम हो.
6. ईंधन की जगह ऐसी गैस का उपयोग किया जाए जो वायु को नुकसान ना पहुंचाती हो.
7. निर्धूम, चूल्हे व सौर ऊर्जा की तकनीकि को प्रोत्साहित करें.
आशा करते हैं कि यह ब्लॉग आपको “वायु प्रदूषण क्या है? वायु प्रदूषण के कारण क्या है?” की पूर्ण जानकारी प्रदान करने में समर्थ रहा। अन्य महत्वपूर्ण और रोचक जानकारी के लिए हमारे अन्य ब्लॉग को अवश्य पढ़ें ।
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