समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आगामी स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर पार्टी में हलचल तेज कर दी है. सपा पूरी ताकत के साथ नगर निकाय चुनाव के लिए तैयारी शुरू कर दी. 2017 से लगातार हार का सामना कर रही अखिलेश की पार्टी 2024 से पहले कई तरह की रणनीति अपना सकती है. सपा 16 नगर निगमों में अपने प्रत्याशी उतारेगी.
निकाय चुनाव की तैयारी में जुटी पार्टी
राजनीतिक गलियारों में आजकल हलचल तेज हो गई है. कहा जा रहा है कि 2024 के चुनावों के पहले स्थानीय निकाय चुनाव में कई तरह की रणनीति अपना सकते हैं, अखिलेश यादव. 2022 के विधनसभा चुनाव में सपा पार्टी ने पूरी ताकत झोंक दी थी, इसके बावजूद उन्हें हार का मूंह देखना पड़ा. अब निकाय चुनाव के लिए सपा ने कमर कर ली है पूरे दमखम के साथ मैदान में उतरने की तैयारियों में लगी हुई है पार्टी. सपा का कहना है, निचले स्तर से पार्टी को मजबूत करेंगे.
सम्बंधित – गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में घुसा पानी
आजम खान के बेटे को सौंपी गई बड़ी जिम्मेदारी
जानकारी के लिए बता दें समाजवादी पार्टी ने आजम खान के बेटे अब्दुला आजम खान को चुनाव की बड़ी कमान सौपी है. इस बार सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपनी रणनीति में कई बदलाव लिए हैं. इस बार वे नगर निकाय चुनाव सपा के विधायकों के नेतृत्व में लड़ने फैसला लिया है. जहां सपा के विधायक नहीं है वहां पूर्व विधायक और पूर्व सांसदों को जिम्मेदारी सौंपी गई है. लखनऊ में तीन तो अन्य जिलों में कहीं दो तो कहीं एक विधायकों को ज़िम्मेदारी सौपी गई है. खास बात ये है, कि इन विधायकों को अपने जिले का पर्यवेक्षक नहीं बनाया गया है. बल्कि कुछ विधायक और वरिष्ठ पार्टी नेताओं को नगर निकाय चुनाव का पर्यवेक्षक नियुक्त किया है. ये पर्यवेक्षक निकाय चुनाव को अंतिम रूप देंगे. पार्टी का ये फैसला एक तीर से कई निशाने लगाने वाला है, एक पार्टी में हो रही गुटबाजी को रोका जा सकेगा और दूसरा अपने जिले की कमान ना सौप कर दूसरे जिले की जिम्मेदारी देकर संगठन स्तर पर उनकी क्षमता की परीक्षा ली जाएगी.
विधायकों के नेतृत्व में लड़ेंगे चुनाव
नगर निकाय चुनाव के लिए लखनऊ की बाग डोर तीन विधायकों को दी गई है. ये नाम इस तरह हैं अमिताभ बाजपेयी, धर्मराज सिंह और फरीद महफूज किदवई को लखनऊ के पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी दी गई है. अलीगढ़ के लिए पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी विधायक नवाब जान और विधायक रामखेलावन सिंह को सौंपी गई है है. इसी तरह गोरखपुर की जिम्मेदारी विधायक राममूर्ति वर्मा और संग्राम सिंह को दी गई है. इस तरह सभी जिलों के लिए विधायक पर्यवेक्षक बनाए गए हैं.
सम्बंधित – अजरबैजान से पकड़ा गया मूसे वाला हत्याकांड का मास्टरमाइंड सचिन बिश्नोई
सपा पूरे दमखम के साथ उतरेगी मैदान में
विधायकों को पार्टी के हित के लिए फैसले लेने के लिए कहा गया है. कहा गया है की वे वोटरों के नाम बढ़वाने, बदलवाने या फिर हटवाने का फैसला पार्टी के हित को देखते हुए लेंगे. पार्टी का सदस्यता अभियान तेजी से चल रहा है इसके बाद ये पर्यवेक्षक प्रत्याशी चुनाव में मदद करेंगे. इस समय सपा पार्टी निकाय चुनाव की तैयारियों में लगी हुई है. और अब वोटरों को किस तरह अपनी तरफ किया जाए उसकी रणनीति में लगे हुए हैं.