आज हम आपको Tumor Kya Hai – ट्यूमर रोग क्या होता है? ट्यूमर क्यों होता है? ट्यूमर से कैसे बचें? ट्यूमर के प्रकार, ट्यूमर के लक्षण के बारे में बताने जा रहे हैं. कृपया पूर्ण जानकारी के लिए इस ब्लॉग को अवश्य पढ़ें. और अन्य जानकारी के लिए नव जगत के साथ बने रहे.
शरीर के ऊतकों की असामान्य वृद्धि को ट्यूमर कहते हैं, यथार्थ शरीर में जब असामान्य कोशिकाएं किसी जगह संग्रहित हो जाती है, तो ऊतकों का एक समूह बन जाता है, जिसे ट्यूमर (Tumor) कहते है.
यह कोशिकाएं शरीर के ना चाहते हुए भी असामान्य रूप से बढ़ती रहती हैं और अधिक से अधिक कोशिकाओं को अपने समूह में जोड़ती रहती है, और कुछ समय बाद यह ट्यूमर का रूप ले लेती है. हम आपको बता दें कि Tumor Cells ठोस (Solid) और द्रव्य (Liquid) से भरे होते है. जैसा कि आप सभी जानते हैं, कि ज्यादातर लोग ट्यूमर का नाम सुनकर डर जाते हैं, कि उन्हें कहीं कैंसर तो नहीं हो गया, पर हम आपको बता दें कि ज्यादातर ट्यूमर कैंसर रहित होते हैं.
ट्यूमर के प्रकार (tumor ke prakar)
ट्यूमर मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं, उनके बारे में नीचे निम्नलिखित रूप में विस्तार से बताया गया है:-
- सौम्य ट्यूमर
- घातक ट्यूमर
1. सौम्य ट्यूमर (benign tumor)
सौम्य टयूमर शरीर के अंदर धीरे धीरे बढ़ता है, पर ये Cancer का रूप नहीं लेता है. ये शरीर के किसी एक ही भाग में बढ़ता है, और शरीर के दूसरे भागों में नहीं फैलता है.
2. घातक ट्यूमर (malignant tumors)
यह ट्यूमर शरीर के अंदर बहुत जल्दी बढ़ता है, और Cancer का रूप ले लेता है. साथ ही यह तुरंत शरीर के आस-पास के ऊतकों में फैल जाता है, और दूसरे अंगों में भी Tumor को बढ़ा देता है.
ट्यूमर कैसे होता है? (tumor kaise hota hai)
ट्यूमर कोशिकाओं के DNA में संक्रमण फैलने के कारण होता है, इसके अलावा ट्यूमर बहुत अधिक तनाव, Infection, या किसी तरह की Trauma या चोट के कारण भी हो सकता है, समय रहते इसकी जांच करा लेनी चाहिए क्योंकि ट्यूमर मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं सामान्य ट्यूमर और कैंसर रहित ट्यूमर. अगर सामान्य Tumor है तो वह शरीर को अधिक हानि नहीं पहुंचाता. क्योंकि यह शरीर में नहीं फैलता है, और अगर वही कैंसर रहित ट्यूमर है तो यह पूरे शरीर में फैल जाता है, और कैंसर का रूप ले लेता है.
ट्यूमर के लक्षण (tumor ke lakshan)
ट्यूमर के कई लक्षण होते हैं जिनमें से कुछ लक्षण के बारे में नीचे निम्नलिखित रुप में बताया गया है:-
- सिर दर्द होना
- उल्टी आना
- शरीर में संतुलन बनाए रखने में कठिनाई होना
- एक तरफ के हाथ पैर में धीरे-धीरे कमजोरी महसूस होना
- किसी वस्तु को देखने, सुनने या बोलने में समस्या होना
- याददाश्त कमजोर होना
ट्यूमर से कैसे बचें (tumor se kaise bache)
ट्यूमर से बचने के कई तरीके होते हैं जिनमें से कुछ तरीकों के बारे में नीचे निम्नलिखित रुप में बताया गया है:-
- तनाव से दूर रहे.
- पौष्टिक आहार का सेवन करें.
- रोज़ व्यायाम (Yoga) करें.
- नशा और शराब से दूर रहें.
ब्रेन ट्यूमर के कितने स्टेज होते हैं?
ब्रेन ट्यूमर एक बहुत ही घातक और पीड़ादाई बीमारी होती है, ब्रेन ट्यूमर की मुख्यता 4 स्टेज होती हैं. इन 4 स्टेजो में तीसरी स्टेज तक अगर अच्छे से इलाज कराया जाए तो मरीज को बचाया जा सकता है, लेकिन अगर ब्रेन ट्यूमर अपनी चौथी अवस्था में पहुंच जाए तो यह बेहद खतरनाक और जानलेवा हो सकता है, अब हम आपको ब्रेन ट्यूमर के चारों स्टेज के बारे में उपचार सहित बताएंगे, जो इस प्रकार है:-
पहली स्टेज –
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार ब्रेन ट्यूमर में मस्तिष्क की कोशिकाओं में असामान्य विकास होली लगता है, जिसके कारण टीश्यूज व ऑर्गन खराब होने शुरू हो जाते हैं, स्वास्थ्य विशेषज्ञों का ऐसा मानना है कि ट्यूमर की पहली स्टेज में मस्तिष्क में ट्यूमर बनना शुरू होता है, ट्यूमर की कोशिकाएं धीमी गति से विकसित होनी शुरू हो जाती हैं. इस स्टेज में इसका फैलाव मस्तिष्क के अन्य दूसरे हिस्सों में नहीं होता है. इसलिए अगर आप पहली अवस्था में अच्छे से इलाज करवा लेते हैं तो आप इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं.
दूसरी स्टेज –
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार ट्रिमर की दूसरी स्टेज में मस्तिष्क की कोशिकाएं मैलिग्नेंट प्रकृति की रहती हैं. इसमें सामान्य कोशिकाओं से छोटी दिखाई देती हैं, इस अवस्था में यह शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैलना शुरू हो जाता है, दूसरी अवस्था के दौरान समय पर इलाज मिल जाए तो इससे छुटकारा मिल सकता है, परंतु अगर सही समय पर इसका इलाज नहीं किया गया तो यह ट्यूमर खतरनाक स्थित तक पहुंचा सकता है.
तीसरी स्टेज –
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का ऐसा मानना है कि तीसरी स्टेज में ब्रेन ट्यूमर बढ़कर परिपक्व होने की स्थिति में पहुंच जाता है. इस स्टेज में कैंसर की कोशिकाएं तीव्र गति से फैलने लगती है, साथ ही शरीर की तमाम सामान्य गतिविधियों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देती हैं. तीसरी अवस्था में भी अगर मरीज का इलाज अच्छी तरह कराया जाए तो उसकी जान बचाई जा सकती है.
चौथी स्टेज –
चौथी स्टेज को स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार ऐसा माना गया है कि यह लास्ट स्टेज होती है और यह सबसे जानलेवा और खतरनाक होती है इसमें मरीज का बचना संभव नहीं होता, क्योंकि चौथी स्टेज में ट्यूमर पूरी तरह से विकसित हो जाता है, इस अवस्था में मैलिग्नेंट कोशिकाएं कि काफी तेज गति से वृद्धि होती है, जिसके कारण यह शरीर को काफी क्षति पहुंचाती हैं. इसमें खतरनाक ऊतकों की पहचान करना भी बहुत मुश्किल होता है. इस स्टेज में मरीज को बचाना बहुत ही मुश्किल होता है.
ब्रेन ट्यूमर से बचाव के उपाय
ब्रेन ट्यूमर से बचने के कई उपाय होते हैं, जिनमें से कुछ उपाय नीचे निम्नलिखित रुप में दिए गए हैं, जो इस प्रकार है:-
● नर्वस सिस्टम को परेशानियों से बचाने के लिए भरपूर नींद लें.
● विटामिनों और पौष्टिकता से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें.
● खाने में विटामिन-सी, विटामिन-के और विटामिन-ई युक्त खाद्य पदार्थों का उपयोग ज्यादा से ज्यादा करें.
● फास्ट फूड या डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों का सेवन ना करें.
● प्रतिदिन भरपूर मात्रा में पानी पिए.
● रसायन और कीटनाशकों के जोखिम पदार्थों से बचें.
● फलों व हरी सब्जियों का सेवन ज्यादा से ज्यादा करें.
● प्रतिदिन व्यायाम करें.
● मादक पदार्थ जैसे धूम्रपान और शराब के सेवन से दूर रहें.
आशा करते हैं कि यह ब्लॉग आपको Tumor Kya Hai – ट्यूमर क्या होता है? की पूर्ण जानकारी प्रदान करने में समर्थ रहा. अन्य महत्वपूर्ण और रोचक जानकारी के लिए हमारे अन्य ब्लॉग को अवश्य पढ़ें.
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