आज हम आपको सूरज धरती से कितना दूर है? Suraj Dharti Se Kitna Dur Hai के बारे में बताने जा रहे हैं. कृपया पूर्ण जानकारी के लिए इस ब्लॉग को अवश्य पढ़ें. और अन्य जानकारी के लिए नव जगत के साथ बने रहे.
जैसा कि आप सभी जानते ही होंगे, कि सूर्य हमारे पृथ्वी के लिए ही नहीं बल्कि पूरे सूर्य मंडल के लिए एक महत्वपूर्ण तारा है. क्योंकि इसका प्रकाश पूरे सूर्य मंडल को प्रकाशित करता है, इसी के कारण पृथ्वी में दिन और रात भी होती है, साथ ही हम आपको बता दें, कि पृथ्वी के वातावरण को बनाए रखने में सूर्य का बहुत बड़ा योगदान होता है, परंतु क्या आपको पता है, कि सूर्य पृथ्वी से कितना दूर है. तो अब हम आपको बताएंगे कि सूर्य पृथ्वी से कितना दूर है?
सूरज (सूर्य) धरती से कितना दूर है? (Suraj Dharti Se Kitna Dur Hai)
हम आपको बता दें कि वैज्ञानिकों एवं शोधकर्ताओं के अनुसार यह माना जाता है, कि सूर्य धरती से लगभग 149,597,870 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, और इस दूरी को हम अगर मील में मांपे तो सूर्य से धरती की दूरी लगभग 92,955,807 मील है. और अगर हम आसान शब्दों में बोले तो सूरज से धरती की दूरी लगभग 14.96 करोड़ किलोमीटर है.
सूरज (सूर्य) का जन्म कैसे हुआ? (Suraj Ka Janam Kaise Hua)
हम आपको बता दें कि सूर्य के जन्म के बारे में बहुत से वैज्ञानिक एवं शोधकर्ता अपनी अलग-अलग राय देते हैं परंतु सूरज का निर्माण कैसे हुआ, इसके लिए सबसे पुरानी और ऐसेप्टेबल थ्योरी सन 1755 ईस्वी में जर्मन दास के द्वारा लिखी गई है, जिसे नेब्युलर थ्योरी या नेबुलर हाइपोथेसिस के नाम से भी जाना जाता है. इस थ्योरी के अनुसार हमारे सौरमंडल और सूर्य का निर्माण नेबुला मेटेरियल के द्वारा हुआ है, नेबूला ब्रह्मांड में धूल और गैसों का एक बादल होता है. जिसमें हाइड्रोजन गैस अत्यधिक मात्रा में पाई जाती है.
सूरज (सूर्य) का जन्म कब हुआ? (Suraj Ka Janam Kab Hua)
ऐसेप्टेबल थ्योरी के अनुसार हमारे सूर्य का जन्म करीब साढे 4 अरब वर्ष पूर्व आकाशगंगा में उपस्थित किसी विशाल गैस के बादल के हिस्से के ढहने से हुआ था. इस थ्योरी में बताया गया है कि वह स्थान जहां हमारा सूर्य बना उसके आस पास एक से अधिक सुपरनोबा जरूर रहे होंगे, साथ ही किसी सुपरनोबा की मैग्नेटिक वेव्स की वजह से उन गैस के बादलों में ग्रेविटीशनल अट्रैक्शन का निर्माण हुआ होगा. और वे बादल बदल गए होंगे, जिससे उन बादलों ने घूमना शुरू कर दिया, और एक डिस्क के रूप में परिवर्तित हो गया होगा. बादलों का एक बहुत बड़ा हिस्सा केंद्र में जमा हो गया, और बाकी बचा हिस्सा लाखों किलोमीटर तक उसकी ऑर्बिट में घूमने लगा. केंद्र में गैसों के बहुत अधिक कंडेंस के उपस्थित होने के कारण वहां प्लाज्मा बन गया. और फिर न्यूक्लियर फ्योजन की रिएक्शन हुआ, और यही कारण है कि बहुत अधिक मात्रा में ऊष्मा उत्पन्न होने लगी और हम आपको बता दें, कि यह प्रोसेस लगभग लाखों सालों तक चलती ही रही, जिसके बाद एक तारे का जन्म हुआ, साथ में कुछ ग्रहों का भी जन्म हुआ. जो तारे के चारों ओर घूम रहे है. उसमें गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव से घूमते हुए गैस और बादलों के कण आपस में जुड़ते चले गए, और इस प्रोसेस में लाखों साल ऐसे ही बीत गए इस तरह उस डिस्क ने आगे चलकर उस तारे की लेयर के रूप में परिवर्ती तो हो गया, और इन सभी प्रक्रियाओं से सूर्य का जन्म हुआ.
सूरज (सूर्य) का अंत कब होगा? (Suraj Ka Ant Kab Hoga)
हम आपको बता दें, कि सूर्य आज अपने जीवन के करीब आधे पड़ाव पर है, इसमें अभी तक कुछ परिवर्तन नहीं हुआ है, और आगे भी कई वर्षों तक यह ऐसा ही बना रहेगा. विज्ञानिको के अनुसार सूर्य की उम्र लगभग 10 बिलियन वर्ष है. पिछले करीब साढे 4 अरब वर्षों में सूर्य के अंदर की इखट्टा आधा हाइड्रोजन जल चुका है. लेकिन सूर्य के अंदर बचा हाइड्रोजन अभी भी साढ़े 5 अरब सालो तक और चलेगा तब तक सूरज हमें रोशनी देता रहेगा.
हम आपको बता दें कि सूर्य के कोर में स्थित तापमान के 1 सेकंड के प्रयोग से पूरे अमेरिका को अगले 38000 सालों तक बिजली की जरूरत नहीं होगी. क्योंकि सूरज की चमक भी आज साढ़े 4 अरब वर्ष की तुलना में 40% बढ़ जाएगी.
सूरज (सूर्य) का गुरुत्वाकर्षण बल कितना है? (Surya Ka Gurutvakarshan Bal Kitna Hai)
सूर्य का गुरुत्वाकर्षण बल धरती से 28 गुना ज्यादा है. मतलब अगर धरती पर आपका वजन 50 किलोग्राम है, तो सूरज पर आपका वजन 1400 किलोग्राम होगा. अगर मान लें कि सूर्य की चमक एक दिन धरती पर ना पहुंचे तो धरती कुछ ही घंटों में बर्फीले पहाड़ों से पूरी तरह जम जाएगी और बर्फ के ढेर में तब्दील हो जाएगी. हमारा सूर्य सौरमंडल की कुल द्रव्यमान का लगभग 99.86% समाई हुई है. अन्य 1.4% में ही धरती और अन्य ग्रह आते हैं. दोस्तों हमारे सौरमंडल में आठ ग्रह और 166 उपग्रह है. इसके अतिरिक्त बहुत सारे बौने ग्रह, उपग्रह और बहुत सारे उल्कापिंड है.
सूरज (सूर्य) का व्यास कितना है? (Suraj Ka Vyas Kitna Hai)
हम आपको बता दें, कि सूर्य हमारे सौर प्रणाली के केंद्र में स्थित एक तारा है. जिसके चारों ओर सौर मंडल में उपस्थित सभी ग्रह चक्कर लगाते हैं. हम आपको बता दें, कि उस सूर्य का व्यास लगभग 1400000 किलोमीटर है जो पृथ्वी का 109 गुना अधिक है, सूर्य हमारी धरती से देखने पर ज्यादा बड़ा नहीं लगता है क्योंकि वह हमसे बहुत दूर स्थित है. यही कारण है कि सूर्य पृथ्वी से लगभग 15 करोड़ किलोमीटर दूर है.
सूरज (सूर्य) किसकी परिक्रमा करता है? (Suraj Kiski Parikrama Karta Hai)
हम आपको बता दें कि जिस प्रकार पृथ्वी और अन्य ग्रह सूर्य की परिक्रमा करते हैं उसी प्रकार सूर्य भी आकाशगंगा की परिक्रमा करता है. ये आकाशगंगा के केंद्र में लगभग 30000 प्रकाश वर्ष दूर एक कोने पर स्थित है, और यही कारण है, कि सूर्य हमारी आकाशगंगा के केंद्र के चारों ओर 251 किलोमीटर प्रति सेकंड की गति से परिक्रमा लगाता है. इसको अपनी एक परिक्रमा पूरी करने में 22 से 25 करोड़ वर्ष का समय लगता है.
सूरज (सूर्य) को ऊर्जा कहां से मिलती है? (Surya Ko Urja Kaha Se Milti Hai)
हम आपको बता दें, कि सभी तारों की तरह शुरू में भी दो गैस में मुख्य रूप से पाई जाती हैं. हाइड्रोजन और हीलियम इन्हीं दो गैसों के कारण सूर्य इतना गरम है, साथ ही हम आपको बता दें कि सूर्य को ऊर्जा अपने केंद्र से मिलती है, साथ में इस प्रकार की प्रक्रिया को नाभिकीय संलयन के नाम से भी जाना जाता है. इस ऊर्जा को सतह तक आने में लाखो वर्ष का समय लग जाता है. सूर्य से निकली ऊर्जा का 2 अरब हिस्सा ही पृथ्वी तक आ पाता है. जिसमें से 15% अंतरिक्ष में परावर्तित हो जाती है. बाकी बची ऊर्जा में से 30% पानी को भाप बनाने में काम आती है, और बाकी बची हुई ऊर्जा पेड़ पौधे और समुद्र के द्वारा अवशोषित कर ली जाती.
सूरज (सूर्य) की रौशनी धरती पर पहुंचने में कितना समय लगता है? (Suraj Ki Roshni Dharti Par Aane Me Kitna Samay Lagta Hai)
हम आपको बता दें कि सूर्य की रोशनी धरती तक पहुंचने में लगभग 8 मिनट का समय लगता है, और साथ में हम आपको बता दें, कि कई ऐसी जगह है जहां सूर्य उदय आगे पीछे होते रहते हैं, जैसे कि पूरे पृथ्वी में सबसे पहले सूर्य न्यूजीलैंड में उगता है.
सूर्य (सूरज) पृथ्वी से कितना बड़ा है? (Suraj Prithvi Se Kitna Bada Hota Hai)
हम आपको बता दें, कि सूर्य हमारे सौर्य मंडल के सभी ग्रहों और तारों की तुलना में सबसे ज्यादा बढ़ा है. और अगर सूर्य की हम पृथ्वी से तुलना करें तो सूर्य पृथ्वी से 109 गुना बड़ा है. क्योंकि इसका व्यास लगभग 13 लाख 90 हज़ार किलोमीटर है जो कि इसे पृथ्वी से सूर्य को 109 गुना बड़ा बनाता है.
दुनिया में कितने सूर्य (सूरज) है? (Duniya Mein Kitne Suraj Hai)
हम आपको बता दें कि सूर्य एक तारा है, जिसे हमारे सौर प्रणाली का मुखिया भी कहा जाता है, और हम आपको बता दें कि हमारे सौर मंडल में सूर्य की तरह ही हजारों तारे उपस्थित हैं, तो हम यह कह सकते हैं, कि दुनिया में हजारों सूर्य है.
सूर्य (सूरज) के अंदर क्या है? (Suraj Ke Andar Kya Hai)
सूरज के अन्दर 25% हीलियम और 73% तक हाइड्रोजन उपस्थित है, और बाकि अन्य तत्व उपस्थित है, जैसे कि आक्सीजन, निकेल, सिलिकन, नियोन, सल्फर, केल्सियम, कार्बन, मैग्नीशियम, क्रोमियम, इत्यादि जैसे तत्व सूर्य के अंदर मौजूद है.
सूर्य (सूरज) का वजन कितना है? (Suraj Ka Vajan Kitna Hai)
अगर हम सूर्य का वजन की बात करें तो सूर्य का वजन सभी ग्रहों की तुलना में 80 प्रतिशत ज्यादा वजन है, जिसके कारण सूर्य सौर मंडल के सभी ग्रहों की तुलना में काफी वजनदार है.
रात में सूर्य (सूरज) कहां जाता है? (Raat Mein Suraj Kahan Jata Hai)
जैसे कि आप सभी जानते होंगे, कि प्रत्येक दिन सूर्य उदय और सूर्यास्त होता है, तो आप यह अवश्य सोचते होंगे कि रात में सूर्य जाता कहां है, तो हम आपको बता दें कि सूरज अपने अक्ष पर ही मौजूद होता है वह कहीं नहीं जाता है, बल्कि हमारी पृथ्वी सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाती है इसीलिए जब पृथ्वी सूर्य के सामने होती है, तब सूर्य के प्रकाश पृथ्वी पर आता है. तो दिन होता है, वही रात में पृथ्वी अपने अक्ष में घूमकर सूर्य के पीछे चली जाती है, और पृथ्वी सूर्य के बीच में चांद आ जाता है, और यही कारण है, कि रात को सूर्य हमें दिखाई नहीं देता है.
सूर्य (सूरज) का तापमान कितना है? (Suraj Ka Tapman Kitna Hai)
हम आपको बता दें कि सूर्य जैसे दिखता है, उसी प्रकार का वह एक आग का गोला है. सूर्य की सतह का तापमान लगभग 5500.85 डिग्री सेल्सियस से भी अधिक है. सूर्य के तापमान का अनुमान आप इस बात से लगा सकते हैं कि यह लगभग 10.15 लाख डिग्री सेल्सियस तापमान तक पहुँचता है.
सूर्य धरती के करीब कैसे आता है?
PSI के डायरेक्टर यानी Planetary Society of India के डायरेक्टर एन श्री रघुनंदन कुमार (N Sri Raghunandan Kumar) के अनुसार पृथ्वी सूर्य का चक्कर एक अंडाकार कक्ष में लगाती है, और यही कारण है कि एक वक्त ऐसा आ जाएगा जब वह सूरज के सबसे करीब पहुंच जाएगी. उस समय पृथ्वी की सूरज से दूरी लगभग 14,70,99,586 किमी होगी. धरती वास्तव में सूर्य के चारों ओर एक वृत्त में नहीं घूमती है. यह एक दीर्घवृत्त में चक्कर लगाती है, इसलिए जनवरी की शुरुआत में यह सूर्य के सबसे निकटतम बिंदु पर होती है. जिसे पेरिहेलियन कहा जाता है, जबकि जुलाई की शुरुआत में यह सूर्य से अपने सबसे दूर के बिंदु पर होता है जिसे एपेलियन (Aphelion) कहा जाता है.
सूर्य (सूरज) किस दिशा की ओर डूबता है?
जैसा की आप सभी सूर्य के डूबने और सूर्य के निकलने के प्रतीक को अच्छी तरह से जानते होंगे, तो आज हम आपको बताएंगे कि इस सूर्य किस दिशा की ओर डूबता है. और उस दिशा में कौन सा देश है तो चलिए जानते हैं:-
सूर्य पश्चिम दिशा की ओर डूबता है, और सूर्य ब्रिटेन देश की ओर डूबता है, जिसे कई लोग नॉर्वे देश के नाम से भी जानते हैं.
सूर्य (सूरज) से बढती दूरी में ग्रहों का क्रम क्या है?
ग्रहों के नाम | ग्रहों का क्रम | सूर्य से ग्रहों की दूरी |
बुध | पहला | 576 लाख किलोमीटर |
शुक्र | दूसरा | 10 करोड़ 82 लाख किलोमीटर |
पृथ्वी | तीसरा | 14 करोड़ 96 लाख किलोमीटर |
मंगल | चौथा | 22 करोड़ 79 लाख किलोमीटर |
बृहस्पति | पांचवां | 77 करोड़ 83 लाख किलोमीटर |
शनि | छठा | 142।7 करोड़ किलोमीटर |
अरुण | सातवाँ | 286।96 करोड़ किलोमीटर |
वरुण | आठवां | 449।66 करोड़ किलोमीटर |
सूर्य (सूरज) और पृथ्वी के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें
जिस प्रकार लोग चांद पर जा सकते हैं उसी प्रकार प्रत्येक देशों के वैज्ञानिकों ने सूर्य पर जाने का भी प्रयास किया परंतु आज तक कोई सूर्य पर नहीं जा पाया क्योंकि सूर्य एक आग का गोला है, यह अपने नजदीक आने वाली सभी चीजों को जलाकर भस्म कर देता है.
सूर्य 13 लाख 90 हजार के व्यास वाला तारा है, जो सौर मंडल के पांचवे सबसे बड़े विंड में आता है, और यदि हम बात करें सूर्य के आकार की तो सूर्य का आकार पृथ्वी से 100 गुना बड़ा है.
पृथ्वी सूर्य पर निर्भर है क्योंकि सूर्य के कारण ही पृथ्वी पर संतुलन बना हुआ है, यदि पृथ्वी पर सूर्य की किरण ना पड़े. तो पृथ्वी पर वातावरण का संतुलन बिगड़ जाए.
सूर्य से पृथ्वी तक सूर्य की किरण को आने में लगभग 8 मिनट 18 सेकंड का समय लगता है.
जब सूर्य और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा आ जाता है. तो इस प्रक्रिया को खगोल शास्त्र में इसे सूर्यग्रहण कहते हैं.
FAQ
प्रश्न– सूर्य से पृथ्वी पर प्रकाश आने में कितना समय लगता है?
उत्तर– सूर्य का प्रकाश पृथ्वी तक आने में 8 मिनट 16.6 सेकंड का समय लगता है.
प्रश्न– सूर्य के प्रकाश की गति क्या है?
उत्तर– सूर्य के प्रकाश की स्टिक गति 2,99,792,458 मीटर प्रति सेकंड के लगभग होती है.
प्रश्न– भारत में सबसे पहले सूर्योदय कहाँ होता है?
उत्तर– भारत में सबसे पहले सूर्योदय अरुणाचल प्रदेश में होता है.
प्रश्न– जुलाई में जिस बिंदु पर सूर्य उपस्थित होता है, उस बिंदु को क्या कहते हैं?
उत्तर– जुलाई में जिस बिंदु पर सूर्य उपस्थित रहता है, उस बिंदु को एपेलियन कहते हैं.
प्रश्न– जनवरी के महीने में सूर्य के सबसे निकटतम बिंदु को क्या कहा जाता है?
उत्तर– जनवरी के महीने में सूर्य के सबसे निकटतम बिंदु को पेरिहेलियन कहां जाता है.
आशा करते हैं कि यह ब्लॉग आपको Suraj Dharti Se Kitna Dur Hai – सूरज धरती से कितना दूर है? की पूर्ण जानकारी प्रदान करने में समर्थ रहा. अन्य महत्वपूर्ण और रोचक जानकारी के लिए हमारे अन्य ब्लॉग को अवश्य पढ़ें.
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