हमारे देश के नागरिकों के बीच में उद्यमशीलता की भावना को बढ़ावा देने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा स्टार्टअप इंडिया योजना (startup india scheme) को शुरू किया गया है, इस योजना के अंतर्गत रोजगार व उद्योग के लिए फंडिंग सहायता, मार्गदर्शन और उद्योग भागीदारी के अवसर प्रदान करके भारत में स्टार्टअप को बढ़ावा देना है, स्टार्टअप इंडिया पहल शुरू करने का मतलब इसके माध्यम से बेरोजगारों के बीच रोजगार देना भी है, रजिस्ट्रेशन में सरकार द्वारा शामिल कदम स्टार्टअप्स के लिए अतिरिक्त लाभों के साथ सरकार की योजना पर भरोसा करना और उन्हें सुविधाजनक बनाना है.
स्टार्टअप योजना का उद्देश्य
स्टार्टअप इंडिया योजना का उद्देश्य एक मजबूत इको-सिस्टम का निर्माण करना है, जो आपके स्थाई आर्थिक विकास को बढ़ावा देते हैं, ताकि, भारतीय स्टार्टअप अपने पंखों को दूर-दूर तक फैला सकें, स्टार्टअप इकोसिस्टम में सभी हितधारकों के लिए एक प्लेटफार्म उपलब्ध कराना है.
intellectual application दाखिल करने में स्टार्टअप्स को कानूनी सहायता प्रदान करने और उसकी प्रक्रिया को तेज करने के लिए पेटेंट और डिजाइन एप्लिकेशन से संबंधित 423 सहायक का एक पैनल और ट्रेडमार्क एप्लिकेशन के लिए 596 लोगो का सहायक का एक पैनल गठित किया गया है, अब तक, 179 आवेदनों को मुफ्त कानूनी सहायता के साथ पेटेंट शुल्क में 80% तक की छूट मिल जाती है.
स्टार्टअप योजना का महत्व
ट्रेडमार्क नियम 2017 के तहत स्टार्टअप्स के लिए ट्रेडमार्क दाखिल करने की फीस में 50% की छूट प्रदान की गयी है, स्टार्टअप इंडिया स्कीम के लिए संचालन को आसान बनाने के लिए एक तेज और सरल प्रक्रिया प्रस्तावित की गई है, यह उद्यमियों को नए और नए विचारों के साथ प्रयोग करने के लिए बढ़ावा देगी, स्टार्टअप के लिए एक इन्सॉल्वेंसी प्रोफेशनल की नियुक्ति की गयी है ताकि बिना डर के बिना जटिल फैसले लिए जा सके, स्टार्टअप इंडिया के प्रसार में और तेजी लाने के लिए कृषि, सामाजिक क्षेत्र, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, आदि क्षेत्रों की और भी ध्यान दिया गया है, मोबाइल ऐप और पोर्टल भी स्टार्टअप के लिए एकल मंच के रूप में सेवा प्रदान करने के लिए बनाया गया है, पंजीकरण आवेदन की स्थिति को ट्रैक और पंजीकरण को कभी भी डाउनलोड, आदि सब मोबाइल ऐप के माध्यम से कर सकते हैं.
सार्वजनिक प्रक्रिया में अब अधिक स्टार्टअप अब निविदा प्रक्रिया का हिस्सा बनने के लिए पात्र हैं, सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए सार्वजनिक खरीद के मानदंडों को कम किया गया है, स्टार्टअप को तीन साल से पांच साल की अवधि के लिए आयकर से छूट दी गई है, स्टार्टअप्स को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए, 1.6 बिलियन अमरीकी डालर का वित्तीय फंड पेश किया गया है, और इसका प्रबंधन लघु उद्योग विकास बैंक ऑफ इंडिया (CDB) द्वारा किया जा रहा है, सरकार ने बैंकों और NBFC के सहयोग से प्रारंभिक या विकास चरण में स्टार्टअप इंडिया ऋण प्रदान करती है, यह लोन नयी कंपनियों के साथ साथ दूसरों को भी प्रदान किये जाते हैं, स्टार्टअप इंडिया योजना में इस कंपनी को कर में लाभ भी प्रदान किये जाते हैं, स्टार्टअप इंडिया योजना और मेक इन इंडिया दोनों योजनाएं आज कई जगहों पर साथ साथ काम कर रही है, साथ ही स्टार्टअप इंडिया योजना के तहत आप लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं.
स्टार्टअप योजना से लाभ
स्टार्टअप इंडिया योजना के तहत लाभ लेने के लिए अस्तित्व और संचालन की अवधि 10 वर्षों तक होनी चाहिए, लाभ लेने के लिए एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी या एक पंजीकृत भागीदार होना अति आवश्यक होता है, किसी भी वित्तीय वर्ष के लिए 100 करोड़ रुपये से अधिक नहीं वार्षिक कारोबार होना चाहिए, किसी उत्पाद, प्रक्रिया या सेवा के विकास या सुधार की दिशा में काम होना है.
स्टार्टअप योजना के बारे में जानकारी
intellectual application इस योजना की अधिक जानकारी के लिए नीचे एक लिंक दिया गया है. https://www.startupindia.gov.in/ इस लिंक पर जाकर आप इस योजना की सारी जानकारी पा सकते हैं, जहाँ सूचना हिंदी, अंग्रेजी, मराठी, गुजरती, तमिल, तेलगु और कई विदेशी भाषा में उपलब्ध है, या फिर इस योजना की जानकारी आप कॉल पर भी प्राप्त कर सकते हैं इसका टोल फ्री नंबर 1800-115-565 है.