आज हम आपको शनि ग्रह के बारे में बताने जा रहे हैं. कृपया पूर्ण जानकारी के लिए इस ब्लॉग को अवश्य पढ़ें. और अन्य जानकारी के लिए नव जगत के साथ बने रहे.
सौर्य मंडल का शनि छठवां ग्रह है, और यह वृहस्पति के बाद आकार में सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह माना जाता है. औसत व्यास में पृथ्वी से 9 गुना बड़ा शनि का एक गैस दानव है. जबकि इसका औसत घनत्व पृथ्वी का 1.8 है, अपने बड़े आयतन के साथ यह पृथ्वी से 95 गुने से भी थोड़ा बड़ा है. इसका खगोलिय चिन्ह ħ है. यह आकाश में पीले रंग के तारे के समान दिखाई देता है. इसी कारण इसे सौरमंडल का सबसे सुंदर ग्रह भी कहा जाता है.
शनि ग्रह में कौन सी गैस पाई जाती है?
शनि ग्रह का व्यास पृथ्वी के व्यास से लगभग 9 गुना अधिक है और भार पृथ्वी से लगभग 95 गुना अधिक माना जाता है इस ग्रह में 75 फीसद हाइड्रोजन और 25 फीसद हीलियम गैस पाई जाती है.
शनि ठंडा ग्रह क्यों है?
जैसा कि हमने भी आपको बताया कि शनि ग्रह सौरमंडल का छठवां ग्रह है, यह पृथ्वी की अपेक्षा सूर्य से करीब 10 गुना अधिक दूरी पर स्थित है, इसलिए यहां तक सूर्य का ताप नहीं पहुंच पाता और यही कारण है, कि शनि के वायुमंडल का तापमान शून्य से भी नीचे -150 डिग्री सेल्सियस के आसपास तक रहता है. इसलिए शनि ग्रह अत्यंत ठंडा रहता है.
शनि के कितने उपग्रह हैं?
शनि ग्रह के वर्तमान समय में कुल 82 प्राकृतिक उपग्रह है, जो इसके इर्द-गिर्द परिक्रमा लगा रहे हैं.
शनि ग्रह के चारों तरफ क्या है?
कुछ वैज्ञानिकों का यह मानना है कि शनि ग्रह के चारों तरफ जो वलय है उसी के कारण दूर से शनि ग्रह नीला रंग का दिखता है. कुछ वैज्ञानिक आज भी इस वलय को लेकर अचंभित है, कि आखिर यह वलय किस चीज से बना है, कुछ वैज्ञानिकों का तो यह भी कहना है, कि इसके चारों ओर छोटे छोटे कण है, जिनके कारण यह नीले रंग का दिखता है. और कुछ वैज्ञानिक का यह कहना है कि इसके वायुमंडल में गैस संरचना के कारण यह नीले रंग का दिखाई देता है, क्योंकि इसमें हाइड्रोजन और हीलियम गैस की मात्रा अत्यधिक रूप से पाई जाती है.
आशा करते हैं कि यह ब्लॉग आपको शनि ग्रह की पूर्ण जानकारी प्रदान करने में समर्थ रहा। अन्य महत्वपूर्ण और रोचक जानकारी के लिए हमारे अन्य ब्लॉग को अवश्य पढ़ें.
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