शंघाई सहयोग संगठन (SCO) एक अंतर सरकारी संगठन है जो राजनीतिक मुद्दों, अर्थव्यवस्था, विकास , पर्यटन और सेना के मुद्दो पर केंद्रित है. 1996 में 5 देशों ने मिलकर एक ऐतिहासिक कदम उठाया वे देश थें चीन, रूस, कज़ाकस्तान, किर्गिस्तान और ताजिकिस्तान इन पांच देशों ने मिलकर शंघाई में SCO समिट की नींव रखी. शुरुआत में इसे शंघाई फाइव के नाम से जाना जाता था. 1996 में बने शंघाई फाइव का एक ही मकसद था इन पांच देशों की सीमाओं पर पैदा हुए तनाव को कम कर शांति स्थापित करना. इनके सीमाओं पर जो सैनिक तैनात थें उनकी संख्या कम करना. उसके बाद 2001 में इस संगठन में एक और देश शामिल हुआ उज्बेकिस्तान उसके बाद 15 जून 2001 में इस संगठन का नाम शंघाई फाइव से बदलकर शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (SCO) रखा गया.
कितने देश शामिल हैं SCO समिट में
अगर अभी की बात की जाए तो इस वक्त कुल आठ देश SCO में शामिल है . SCO के आठ सदस्य देशों में भारत, पाकिस्तान, चीन, रूस, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, कज़ाकस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल है. तो वही चार देश अफगानिस्तान, बेलारूस, ईरान और मंगोलिया को पर्यवेक्षक का स्थान दिया गया है. और छह देशों को डायलॉग भागीदार राष्ट्र का दर्जा मिला हुआ हैं वे छह देश हैं नेपाल, श्रीलंका, कंबोडिया, तुर्की, अजरबैजान और आर्मेनिया शामिल है. इस तरह पांच देशों द्वारा अपनी सीमा पर पैदा हुए तनाव को कम करने के लिए बनाया गया ये संगठन आज एशिया का सबसे पावरफुल संगठन बन चुका है. और इस शिखर सम्मेलन में भारत की हिस्सेदारी बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत चीन के बाद आबादी में दूसरे स्थान पर है क्षेत्रफल के हिसाब से जीडीपी में भागीदारी होगी.
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भारत के लिए क्यों महत्वपूर्ण हैं SCO
सबसे पहले बात करें तो भारत 2023 में SCO समिट की मेजबानी करने वाला है यानी की अगले साल SCO समिट भारत में आयोजित होगा इस लिहाज से भारत के लिए ये शिखर सम्मेलन काफी अहम है. उसके अलावा पीएम मोदी ने SCO समिट में द्विपक्षीय बैठक की बात कही थी. जिसमें शायद रूस, चीन और पाकिस्तान के राष्ट्रपति से कई मुद्दों पर चर्चा हो सकती है. पिछले दो सालों से भारत और चीन की सीमाओं पर तनाव बढ़ा हुआ है उसे लेकर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से वन टू वन बातचीत को संभावना है. और दूसरी तरफ भारत के लिए इसलिए जरूरी है SCO समिट क्योंकि यह एक ऐसा प्लेटफार्म हैं जहां पर एक साथ कई देश इकट्ठा होते हैं. जहां पर भारत व्यापार में बढ़ावा देने से लेकर सुरक्षा चुनौतियों जैसे कई मुद्दों पर बात कर सकता है.
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मोदी और पुतिन की मुलाकात
समरकंद में हो रहे SCO समिट के दौरान पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक हुई इस बैठक में रूस के राष्ट्रपति पुतिन और पीएम मोदी के बीच कई अहम मुद्दों पर बातचीत हुई. उम्मीद जताई जा रही है कि इस शिखर सम्मेलन से भारत और अन्य देशों के बीच रिश्तों में और सुधार होगा और भारत को व्यापार में बढ़ावा मिलेगा.