आज हम आपको Samas In Hindi – समास किसे कहते हैं? समास के कितने भेद होते हैं के बारे में बताने जा रहे हैं. कृपया पूर्ण जानकारी के लिए इस ब्लॉग को अवश्य पढ़ें. और अन्य जानकारी के लिए नव जगत के साथ बने रहे.
जब दो या दो से अधिक शब्दों के बीच में से विभक्ति हटाकर उन दोनों शब्दों को मिलाया जाता है तब उस मेल को समाज कहा जाता है.
अथवा
दो या दो से अधिक शब्दों को मिलाकर जब एक नया शब्द बनता है, जो उस शब्द से मिलता जुलता शब्द हो, वह समास कहलाता है.
उदाहरण- दया का सागर का सामासिक शब्द बनता है, “दयासागर”.
समास के कितने भेद होते हैं? (samas ke kitne bhed hote hain)
समाज के मुख्य रूप से 6 भेद होते हैं, जिनके बारे में नीचे विस्तार से बताया गया है:-
1. अव्ययीभाव समास
2. तत्पुरुष समास
3. कर्मधारय समास
4. द्विगु समास
5. द्वंद समास
6. बहुव्रीहि समास
1. अव्ययीभाव समास (avyayibhav samas)
जिस समास का पूर्व पद अव्यय होता है, वह समाज अव्ययीभाव समास कहलाता है. यह वाक्य में क्रिया-विशेषण के सामान्य ही कार्य करता है जैसे:-
- यथास्थान – स्थान के अनुसार
- आजीवन – जीवन-भर
- प्रतिदिन – प्रत्येक-दिन
- यथासमय – समय के अनुसार
2. तत्पुरुष समास (tatpurush samas)
जिस समाज का पूर्वपद गौण तथा उत्तरपद प्रधान होता है, वह समाज तत्पुरुष समास कहलाता है. जैसे:-
- राजपूत्र – राजा का पुत्र
- धर्मग्रंथ – धर्म का ग्रंथ
समाज के दोनों पदों के बीच परसर्ग का लोप रहता है. परसर्ग लोप के आधार पर तत्पुरुष समास के छ: भेद होते हैं.
(i) कर्म तत्पुरुष
(ii) करण तत्पुरुष
(iii) सम्प्रदान तत्पुरुष
(iv) अपादान तत्पुरुष
(v) सम्बन्ध तत्पुरुष
(vi) अधिकरण तत्पुरुष
(i) कर्म तत्पुरुष (‘को’ का लोप), जैसे-
मतदाता – मत को देने वाला
गिरहकट – गिरह को काटने वाला
(ii) करण तत्पुरुष (‘से’ का लोप), जैसे-
जन्मजात – जन्म से उत्पन्न
मुँहमाँगा – मुँह से माँगा
गुणहीन – गुणों से हीन
(iii) सम्प्रदान तत्पुरुष (‘के लिए’ का लोप), जैसे-
हथकड़ी – हाथ के लिए कड़ी
सत्याग्रह – सत्य के लिए आग्रह
युद्धभूमि – युद्ध के लिए भूमि
(iv) अपादान तत्पुरुष (‘से’ का लोप), जैसे-
धनहीन – धन से हीन
भयभीत – भय से भीत
जन्मान्ध – जन्म से अन्धा
(v) सम्बन्ध तत्पुरुष (‘का ’ का लोप), जैसे –
प्रेमसागर – प्रेम का सागर
भारतरत्न – भारत का रत्न
(vi) अधिकरण तत्पुरुष (‘पर’ का लोप), जैसे-
आत्मविश्वास – आत्मा पर विश्वास
घुड़सवार – घोड़े पर सवार
3. कर्मधारय समास (karmadharaya samas)
जिस समास का पूर्वपद विशेषण और उत्तरपद विशेष्य होता है, वह समास कर्मधारय समास कहलाता है. इसमें भी उत्तरपद प्रधान होता है, जैसे:-
कालीमिर्च – काली है जो मिर्च
नीलकमल – नीला है जो कमल
4. द्विगु समास (digu samas)
जिस समास का पूर्वपद संख्यावाचक होता है, वह समास द्विगु समास कहलाता है, जैसे:-
नवरत्न – नौ रत्नों का समूह
सप्तदीप – सात दीपों का समूह
त्रिभुवन – तीन भुवनों का समूह
5. द्वन्द्व समास (dwand samas)
जिस समास का पूर्वपद और उत्तरपद दोनों ही प्रधान हों, अर्थात् अर्थ की दृष्टि से दोनों का स्वतन्त्र अस्तित्व हो और उनके मध्य संयोजक शब्द का लोप हो तो वह समास द्वन्द्व समास कहलाता है, जैसे:-
माता-पिता – माता और पिता
राम-कृष्ण – राम और कृष्ण
भाई-बहन – भाई और बहन
6. बहुव्रीहि समास (bahuvrihi samas)
जिस समास में दोनों पदों के माध्यम से एक विशेष (तीसरे) अर्थ का बोध होता है, वह बहुव्रीहि समास कहलाता है, जैसे:-
महात्मा – महान् आत्मा है जिसकी अर्थात् ऊँची आत्मा वाला
नीलकण्ठ – नीला कण्ठ है जिनका अर्थात् शिवजी
लम्बोदर – लम्बा उदर है जिनका अर्थात् गणेशजी
आशा करते हैं कि यह ब्लॉग आपको Samas In Hindi – समास किसे कहते हैं? की पूर्ण जानकारी प्रदान करने में समर्थ रहा. अन्य महत्वपूर्ण और रोचक जानकारी के लिए हमारे अन्य ब्लॉग को अवश्य पढ़ें.
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