पटवारी (लेखपाल) बनने के लिए आपका किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय से 12वीं कक्षा उतीर्ण करना आवश्यक होता है, साथ ही आपके पास सरकारी मान्यता प्राप्त संस्थान से 1 वर्ष का कंप्यूटर डिप्लोमा होना चाहिए. वर्तमान समय में किसी – किसी राज्य में पटवारी (लेखपाल) के पद के लिए स्नातक (ग्रेजुएशन) आवश्यक होता है. प्रत्येक राज्य में पटवारी के पद के लिए चयन एक विशेष परीक्षा के माध्यम से किया जाता है. यह लिखित परीक्षा (Written Exam) कंप्यूटर आधारित ऑनलाइन रूप में आयोजित कराई जाती है.
लिखित परीक्षा में मुख्य रूप से 5 सेक्शंस होते है, जनरल नॉलेज, क्वांटिटेटिव एप्टीटुड, हिंदी, पंचायतीराज सिस्टम, और कंप्यूटर आदि. परीक्षा का पूर्णांक 100 अंकों का होता है, और लिखित परीक्षा में अभ्यर्थियों द्वारा प्राप्त किये गए अंकों के आधार पर एक मेरिट सूची तैयार की जाती है, और फिर उसे राज्य की आधिकारिक वेबसाइट पर दर्शाया जाता है, जिन अभ्यर्थियों का नाम उस मेरिट सूची में होता है, उन अभ्यार्थियों को उनके डॉक्यूमेंट के साथ वेरिफिकेशन के बाद ट्रेनिंग के लिए भेज दिया जाता है.
पटवारी (लेखपाल) किसे कहते हैं? (Patwari kise kahte hai)
राजस्व विभाग का वह सरकारी अधिकारी जो भारत के निर्धारित ग्रामीण क्षेत्र में भूमि मापन, भूमि की खरीदी बिक्री से संबंधित कार्यों को करता है, उसे पटवारी या लेखापाल कहते हैं, इसके अतिरिक्त आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र बनवाने से संबंधित सभी प्रकार के कार्य पटवारी (लेखपाल) के अंतर्गत ही आते हैं. पटवारी को कई नामों से जाना जाता है जैसे – लेखपाल, तलाटी, पटेल, कर्णम, अधिकारी, पटनायक आदि.
पटवारी (लेखपाल)) बनने के लिए योग्यता (Patwari banne ke liye yogyata)
पटवारी (लेखपाल) बनने के लिए कुछ मुख्य योग्यताएं होती है, जिनके बारे में नीचे निम्नलिखित रुप में बताया गया है:-
अगर आप पटवारी (लेखपाल) बनना चाहते हैं, तो आपके पास दसवीं और बारहवीं की अंकसूची होना अनिवार्य होता है.
पटवारी ((लेखपाल) बनने के लिए आपके पास ग्रेजुएशन की डिग्री होनी चाहिए.
पटवारी (लेखपाल) बनने के लिए अभ्यार्थी को भारत का नागरिक होना आवश्यक होता है. और वह जिस राज्य में पटवारी की परीक्षा के लिए आवेदन कर रहा है, वह उसी राज्य का निवासी होना चाहिए.
पटवारी (लेखपाल) बनने के लिए सरकार द्वारा न्यूनतम आयु 18 वर्ष और अधिकतम उम्र 40 वर्ष निर्धारित की गई है. हालांकि विभिन्न राज्यों में आरक्षित वर्ग के लिए आयु की छूट दी गई है.
पटवारी (लेखपाल) चयन प्रक्रिया (Patwari chayan prakriya)
पटवारी (लेखपाल) पद के चयन की प्रक्रिया निम्नलिखित रुप में 2 तरीकों से की जाती है, जिनके नाम नीचे निम्नलिखित रुप में दिए गए हैं:-
- लिखित परीक्षा
- इंटरव्यू
पटवारी (लेखपाल) बनने के लिए सबसे पहले आपको लिखित परीक्षा को अधिक अंकों से उत्तीर्ण करना पड़ता है, लिखित परीक्षा को उत्तीर्ण करने के बाद आपको इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है. Interview राउंड में प्राप्त अंकों के आधार पर डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के बाद आपका पटवारी के पद पर चयन किया जाता है.
पटवारी (लेखपाल) कैसे बने की पूरी प्रक्रिया (Patwari kaise bane puri jankari)
अगर आप भी पटवारी (लेखपाल) बनना चाहते हैं, और आपको पटवारी बनने की प्रक्रिया नहीं मालूम है, तो हम आपको इस लेख में पटवारी (लेखपाल) बनने की पूरी प्रक्रिया को स्टेप बाय स्टेप बताएंगे, जो इस प्रकार है:-
1. 12वीं क्लास पास करें
पटवारी (लेखपाल) बनने के लिए सबसे पहले आपको किसी भी विषय के साथ किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय से 12वीं कक्षा पास करना होगा.
2. ग्रेजुएशन पूरा करें
पटवारी (लेखपाल) बनने के लिए आपको बारहवीं कक्षा के बाद किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई पूरी करनी होगी.
3. परीक्षा के लिए आवेदन करें
पटवारी (लेखपाल) बनने के लिए आपको राज्य की ऑफिसियल वेबसाइट से पटवारी की परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा.
4. पटवारी (लेखपाल) की एग्जाम दें
पटवारी (लेखापाल) के लिखित परीक्षा पेपर में 100 अंकों का पूर्णांक होता है, जिसमें कंप्यूटर आधारित बहु विकल्पीय प्रश्न पूछे जाते हैं, पटवारी चयन परीक्षा का पेपर हिन्दी, गणित एवं रीजनिंग, सामान्य ज्ञान, पंचायती राज, कंप्यूटर सहित कुल 5 विषयों में बटा हुआ होता है, जिसे हल करने के लिए अभ्यार्थियों को 2 घंटे का समय दिया जाता है.
5. पटवारी (लेखपाल) की पद नियुक्ति
जब आप पटवारी (लेखापाल) की परीक्षा उत्तीर्ण कर लेंगे तब आपको इंटरव्यू के लिए बुलाया जाएगा, और आपसे कुछ प्रश्न पूछे जाएंगे उन प्रश्नों का सही उत्तर देने के बाद आपको दस्तावेज सत्यापन (Document Verification) के लिए बुलाया जाता है, अगर आपके Documents सही होते है, तो आपको नियुक्ति पत्र प्रदान कर दिया जाएगा, और अब आप पटवारी बन जाएंगे.
सम्बंधित : – सीआरपीएफ (CRPF) क्या है?
पटवारी (लेखपाल) की परीक्षा का पैटर्न (Patwari ki pariksha ka pattern)
अब हम आपको पटवारी (लेखपाल) के परीक्षा के पैटर्न के बारे में बताएंगे, जो नीचे निम्नलिखित रुप में दिए गए हैं:-
विषय | कुल प्रश्न | कुल अंक | समय |
सामान्य ज्ञान एवं सामयिकी | 20 | 20 | 2 घंटा |
मात्रात्मक योग्यता (Quantitative Aptitude) | 20 | 20 | |
हिन्दी (Hindi) | 20 | 20 | |
कंप्यूटर ज्ञान (Computer Knowledge) | 20 | 20 | |
ग्रामीण अर्थव्यवस्था एवं पंचायतीराज प्रणाली | 20 | 20 |
पटवारी (लेखपाल) की परीक्षा का सिलेबस
अब हम आपको पटवारी (लेखपाल) परीक्षा की तैयारी करने में जिस सिलेबस को निर्धारित किया जाता है, उनके नाम और उनके बारे में विस्तार से बताएंगे, जो इस प्रकार हैं:-
हिंदी
पटवारी (लेखपाल) की परीक्षा में हिंदी विषय शामिल होती है, और इससे निम्नलिखित टॉपिक से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं, जैसे संधि, काल, वाक्यांश, क्रिया त्रुटि का पता लगाना, आदि.
Panchayat System
पटवारी (लेखपाल) बनने के लिए आपके पास गणित का नॉलेज होना चाहिए, क्योंकि इसमें दशमलव, औसत, अनुपात, तार्किक विचार, नंबर सिस्टम, समय और कार्य आदि से संबंधित सभी प्रकार के प्रश्न पूछे जाते हैं.
Computer Knowledge
पटवारी (लेखपाल) परीक्षा देने के लिए कंप्यूटर का अच्छा नॉलेज होना चाहिए, क्योंकि पटवारी की परीक्षा में कंप्यूटर से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं जैसे, Computer Basics, Input And Output Devices, MS Word, MS Excel, Operating System, आदि.
GK And Current Affairs
जीके के बारे में अधिकतर सभी परीक्षाओं में पूछा जाता है, और पटवारी के लिए इसमें राज्य का सामान्य ज्ञान, भारत का इतिहास, रसायन विज्ञान, भारतीय संविधान, खेल, दिवस, करंट अफेयर्स आदि विषय शामिल होते हैं.
पटवारी (लेखपाल) के मुख्य कार्य (Patwari ke mukhya karya)
पटवारी (लेखपाल) राजस्व विभाग का एक सरकारी अधिकारी के रूप में नियुक्त होता है, पटवारी की नौकरी गाँवों में लगती है. पटवारी को एक से अधिक गांव सौपे जाते हैं, जिनकी वह पूरी तरह से जानकारी अपने पास रखता है, राज्य सरकार के राजस्व एवं अभिलेखों के अतिरिक्त भी पटवारी के अन्य मुख्य कार्य होते हैं, जिनके बारे में नीचे निम्नलिखित रुप में बताया गया है:-
- पटवारी (लेखपाल) का कार्य पूरे गांव के जमीन के रिकॉर्ड को रखना होता है.
- पटवारी (लेखपाल) के पास गांव में बेची गई जमीन और गांव में खरीदी गई जमीन के बारे में पूर्ण जानकारी होती है.
- फसल बीमा आदि के दावे स्वीकृत करवाने के कार्य पटवारी (लेखपाल) द्वारा ही किए जाते हैं.
- जमीन को किसी के नाम करने और किसी के नाम से हटाने का कार्य पटवारी (लेखपाल) का ही होता है.
- आपदा के कारण हुई फसल हानियों को सरकार द्वारा अवगत कराना और उस से किसानों को लाभ दिलाना पटवारी (लेखपाल) का ही कार्य होता है.
- आय प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, विधवा पेंसन, विकलांग पेंसन बनवाने में आवेदकों की सहायता पटवारी (लेखपाल) द्वारा ही की जाती है.
सम्बंधित : – जानिए भारत के ट्रैफिक नियमो को
पटवारी (लेखपाल) की सैलरी कितनी होती है? (Patwari ki salary kitni hoti hai)
पटवारी (लेखापाल) का पद राज्य सरकार के द्वारा नियुक्त किया जाता है, इसलिए यह पद राज्य सरकार के अंतर्गत आता है. राज्य सरकार द्वारा ही पटवारी की वेतन निर्धारित की जाती है, पटवारी (लेखपाल) की वेतन न्यूनतम 5,200/- रूपए से लेकर अधिकतम 20,200/- रूपए तक होती है, इसके अतिरिक्त पटवारी (लेखपाल) को अनेक प्रकार के भत्ते भी प्रदान किए जाते हैं.