नीम करोली बाबा 20वी सदी के एक ऐसे संत जिनके मुरीद विदेशों की बड़ी बड़ी हस्तियां थीं. कहा जाता है, नीम करोली बाबा की कृपा जिस पर होती उसकी किस्मत बदल जाती थी. इन्हें किस्मत बनाने वाला बाबा और जादुई बाबा भी कहा जाता था. आज हम नीम करौरी बाबा से जुड़े कुछ ऐसे तथ्यों पर रोशनी डालेंगे जिसे सुन आप ही अचंभित रह जाएंगे. बाबा के ऐसे चमत्कारों के बारे में बताएंगे जिसे जानकर आप दंग रह जाएंगे.
बाबा के चरणों में झुकते थें दुनिया के ताकतवर लोग
देश के एक ऐसे संत महापुरुष जिन्हें दुनिया के सबसे अमीर और ताकतवर लोग अपना गुरु मानते थें. नैनीताल के कैंची धाम के रहने वाले नीम करौरी बाबा के भक्तों की लिस्ट जब आप सुनेंगे तो चौक जाएंगे. जी हां एप्पल के मालिक स्टीव जॉब्स को कौन नहीं जानता. कहा जाता है, 1973 में स्टीव जॉब्स बाबा का दर्शन करने कैंची धाम गए थें. बाबा तो नहीं मिले लेकिन उनके धाम पहुंचकर उन्हें ऐसा आशीर्वाद मिला बाबा का की वहां से आने के बाद स्टीव जॉब्स को इतनी कामयाबी मिली कि एप्पल के संस्थापक बन गए. कहा जाता है, एप्पल का लोगो भी उन्हें बाबा के दर्शन के दौरान ही मिला. बाबा की भक्तों की लिस्ट यहीं नहीं खत्म होती हैं. पहले शुरुआत करते हैं, बाबा के इंटरनेशनल भक्त कैसे बने इसकी कहानी से.
बाबा ने सबका किया कल्याण
दरअसल ये कहानी शुरू होती है एक अमेरिकी गणितज्ञ रिचर्ड एल्पर्ट के भारत यात्रा से लेकर हॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री जूलिया रॉबर्ट्स से लेकर फेस बुक के फाउंडर मार्क जुकरबर्ग और एप्पल कंपनी के मालिक स्टीव जॉब्स से. इन नामों को सुन आपके भी होश उड़ गए होंगे, लेकिन ये सच है. दुनिया के ये नामी चेहरे बाबा की भक्ति रस में डूबे हुए थें, और इन सब का वारा न्यारा नीम करौरी बाबा ने किया. चलिए आप को बताते हैं, कैसे इन महान हस्तियों की किस्मत बदल दी बाबा ने.
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मार्क जुकरबर्ग की डूबती नैया को बाबा ने पार लगाया
पहले बात करेंगे फेस बुक के फाउंडर मार्क जुकरबर्ग की जब जुकरबर्ग की कंपनी फेस बुक पर संकट के बादल छाए थें, उन दिनों वह बहुत परेशान थें. तब उन्होंने नीम करोली बाबा के दर्शन किए जिसके बाद से जुकरबर्ग की किस्मत पलट गई. और वे कामयाबी के शिखर पर पहुंच गए. इस बात का जिक्र खुद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की है. जिसे सुन खुद पीएम मोदी भी दंग रह गए. उन्होंने बताया कि वे एप्पल के मालिक स्टीव जॉब्स के कहने पर कैंची धाम नीम करोली बाबा के दर्शन करने गए थे. आप को पहले ही बता चुके हैं, की एप्पल के मालिक स्टीव जॉब्स बाबा के परब भक्त थें, और उन्हें भी कामयाबी बाबा के आशीर्वाद से ही मिली थी. बात करें अमेरिकी गणितज्ञ रिचर्ड एल्पर्ट की तो बाबा के शरण में आकर वे भी संत बन गए. बाबा ने रिचर्ड एल्पर्ट को देखते ही उनके मन के भाव को भाप लिया था, उसी बात से प्रभावित होकर एल्पर्ट बाबा के शिष्य बन गए, और रामदास नाम से लोग उन्हें जानने लगे. उन्होंने अमेरिका जाकर बाबा के आश्रम की स्थापना की.
हॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री जूलिया रॉबर्ट्स को कौन नहीं जानता. लोग यह भी जानते हैं, जूलिया का हिंदू धर्म से कितना लगाव है. और ये भी हुआ नीम करोली बाबा के चमत्कार से. जूलिया ने एक इंटरव्यू में खुद बताया था, कि कैसे एक बार उन्होंने जब नीम करौरी की तस्वीर देखी तो मंत्र मुग्ध हो गई तब से उन्हें हिंदू धर्म में दिलचस्पी हो गई. उन्होंने बताया तस्वीर देख उनसे मिलने की बहुत इच्छा हुई लेकिन मिल नहीं पाई क्योंकि तब तक उनका देहांत हो गया था.
नीम करोली धाम
नीम करोली बाबा का आश्रम नैनीताल के कैंचीधाम में स्थित है. बहरहाल कैंची धाम का निर्माण कैसे हुआ बाबा नीम करोली बाबा कैसे बने कहां से आए कैसे इनके चमत्कारों को भक्तों ने जाना इसकी कहानी भी बड़ी रोचक है. वो 60 का दशक था, जब उत्तर प्रदेश के एक गांव में जन्में नीम करौरी बाबा नदी पार कर कैंची धाम पहुंचे उत्तर प्रदेश में जन्में नीम करोली बाबा का असली नाम लक्ष्मीनारायण शर्मा था. 11 साल की उम्र में उनकी शादी करा दी गई जिसके बाद उन्होंने घर छोड़ दिया. लोगों का कहना है, की कई सालों तक बाबा अलग अलग शहरों में भ्रमण करते हुए एक दिन उत्तर प्रदेश के नीम करोली गांव पहुंच गए. बताया जाता है, की लगभग 15 साल तक बाबा ने उसी गांव में तप किया जिसके बाद से उन्हें लोग नीम करोली बाबा नाम से बुलाने लगे. और उसके बाद वो नैनीताल के कैंची धाम पहुंचे जहां पर उन्होंने मंदिर की स्थापना की.
नीम करोली बाबा मंत्र
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बाबा से जुड़ी कई चमत्कारी कहानियां हैं. लेकिन बाबा अपने आप को कभी भी भगवान का दर्जा नहीं देते थे. आपको जानकर हैरानी होगी की बाबा कभी भी अपने भक्तों से अपना पैर नही छूलवाते थें. बाबा कहते थें. पैर पड़ना है तो हनुमान जी का पड़ो वही कल्याण करेंगे. लोग बाबा को हनुमान जी का अवतार मानते थें. लोगों मानते थें, कि बाबा के भीतर भगवान हनुमान का वास है. नीम करोली बाबा हनुमान जी के परम भक्त थें. वैसे तो देश भर में बाबा के धाम है, लेकिन नैनीताल के कैंची में मुख्य धाम है, जिसे कैंची धाम कहा जाता है. बाबा के कैंची धाम में देश से ही नहीं बल्कि विदेशों से हजारों श्रद्धालु पहुंचते हैं, और बाबा का आशीर्वाद पाना सौभाग्य मानते हैं. 1973 में बाबा ने बृंदावन में अंतिम सांस ली. लेकिन बाबा के चमत्कारों के चर्चे आज भी होते हैं, और उनके धाम पर लाखों भक्त दर्शन करने जाते हैं.