नवरात्रि का पर्व आज आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से शुरू हो रहा है. ये शक्ति साधना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है. नवरात्रि का त्योहार साल में चार बार मनाया जाता है, लेकिन इनमें शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व है. सनातन परंपरा में नवरात्रि के नौ दिनों में 9 देवी-देवताओं की विशेष पूजा का विधान है, जिसमें पहले दिन कलश पूजा के साथ मां शैलपुत्री की विशेष पूजा की जाती है. आइए जानते हैं नवरात्रि में मां शैलपुत्री की पूजा की विधि, मंत्र, कथा और धार्मिक महत्व के बारे में विस्तार से.
इसलिए की जाती है पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा
नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है, जिन्हें हिमालय की पुत्री माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि पहले उनका जन्म राजा दक्ष की बेटी सती के रूप में हुआ था, जिनका विवाह भगवान शिव से हुआ था. किंवदंती के अनुसार, एक बार राजा दक्ष ने एक महायज्ञ का आयोजन किया और उसमें सभी देवी-देवताओं को बुलाया लेकिन भगवान शिव को आमंत्रित नहीं किया. जब देवी सती को इस बात का पता चला तो वह बिना निमंत्रण के वहां पहुंच गईं, जहां उन्होंने महादेव के प्रति अपमानित महसूस कर महायज्ञ में खुद को जलाकर राख कर लिया. जब भगवान शिव को इस बात का पता चला तो उन्होंने सती को कंधे पर उठाकर यज्ञ का नाश किया और तीनों के बीच चलने लगे. इसके बाद भगवान विष्णु ने सती के शरीर को एक पहिये से काट दिया और भगवान शिव की मोह को दूर करने के लिए सती के शरीर को 51 भागों में विभाजित कर दिया. ऐसा माना जाता है कि जहां भी माता सती के टुकड़े गिरे, उन्हें शक्तिपीठ कहा जाता है. इसके बाद देवी सती ने फिर से शैलराज हिमालय की पुत्री के रूप में जन्म लिया, जिन्हें माता शैलपुत्री के नाम से जाना जाता है.
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जानें मां शैलपुत्री की पूजा विधि
नवरात्रि के पहले दिन स्नान और ध्यान करने के बाद किसी चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर मां शैलपुत्री का चित्र लगाएं और फिर गंगाजल से उसका अभिषेक करें. इसके बाद लाल फल, लाल फूल, लाल वस्त्र, लाल चंदन आदि का भोग लगाकर मां शैलपुत्री की पूजा करें. मां शैलपुत्री की पूजा में विशेष रूप से गाय के घी और उससे बने भोग का प्रयोग करना चाहिए.
मां शैलपुत्री की पूजा के धार्मिक उपाय
नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की कृपा पाने के लिए उनकी पूजा में लाल रंग के फूल, लाल रंग के फल, लाल वस्त्र, लाल चंदन और तांबे के सिक्के चढ़ाने चाहिए. ऐसा माना जाता है कि मां शैलपुत्री की पूजा में इन चीजों का प्रयोग करने से देवी जल्दी प्रसन्न होती हैं और मूलाधार चक्र से जुड़ी समस्याओं को दूर करती हैं. इस प्रकार मां शैलपुत्री की पूजा करने से साधक को सुख, धन, सौभाग्य के साथ स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है.