आज हम आपको नाटो क्या है और इसमें कौन-कौन से देश शामिल है के बारे में बताने जा रहे हैं। कृपया पूर्ण जानकारी के लिए इस ब्लॉग को अवश्य पढ़ें। और अन्य जानकारी के लिए नव जगत के साथ बने रहे।
नाटो कुछ देशों का एक इंटरगवर्नमेंट मिलिट्री संगठन है जिसका उद्देश्य साझा सुरक्षा नीति पर कार्य करना है. जैसे मान लीजिए अगर किसी नाटो देश पर कोई देश आक्रमण करता है. तो पूरे नाटो देश प्रभावित देश के साथ उसकी सहायता के लिए उसके साथ खड़े हो जाते हैं. और इसका पूरा नाम नॉर्थ अटलांटिक ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन है जिसे फ्रेंच में ओ.टी.एन.ए. कहते हैं. जो नाटो का उल्टा है और अभी नाटो देश यूक्रेन की सहायता कर रहा है क्योंकि रूस और यूक्रेन के विवाद में यूक्रेन का पक्ष सैन्य शक्ति के कारण कमजोर पड़ रहा है.
नाटो मिलिट्री संगठन क्यों बनाया गया?
जैसा कि हमने आपको बताया कि किस प्रकार से कार्य करता है अब आपको बताते हैं कि आखिर नाटो अस्तित्व में कैसे आया और उसके बाद ही समझ जाएंगे कि नाटो देश रूस के खिलाफ क्यों खड़ा है. दूसरे विश्व युद्ध के बाद दुनिया दो भागों में बैठ गई उस समय दो सबसे ताकतवर देश है. जिसमें अमेरिका और सोवियत संघ शामिल था. उस समय सोवियत संघ के अलावा दूसरे पक्ष ने अपनी अर्थव्यवस्था सुधारने के लिए प्रयास शुरू किए. और उसके साथ ही उन देशों ने सोवियत संघ और अन्य देशों से खुद को सुरक्षित करने के लिए यह संगठन बनाया था. ताकि वह एक साथ होकर खुद की रक्षा कर सकें.
नाटो में कौन-कौन से देश शामिल है? (Nato Members or Nato Countries)
तो आइए बताते हैं कि नाटो में कौन-कौन से देश शामिल है इनमें शामिल देशों में अमेरिका मुख्य है इसे अमेरिका की ओर से बढ़ाया गया कदम ही माना जाता है क्योंकि जो देश अमेरिका की सहायता करता है उसी के खिलाफ रूस खड़ा है. और नाटो में अभी तक को 30 देश शामिल है अल्बानिया, बुल्गारिया, बेल्जियम, कनाडा, क्रोएशिया, चेक प्रतिनिधि, एस्तोनिया, डेनमार्क, जर्मनी, फ्रांस, हंगरी, आइसलैंड, यूनान, इटली, लातविया, लिथुआनिया, लक्समबर्ग, मोंटेनेग्रो, नीदरलैंड, उत्तर मैसेडोनिया, नॉर्वे, पोलैंड, पुर्तगाल, रोमानिया, स्लोवाकिया, स्लोवेनिया, स्पेन, तुर्की, यूनाइटेड, किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका, है. और आपको यह भी बता दें कि जब सोवियत संघ टूट गया था. तो उस से अलग होकर दो देश बने थे. वह भी नाटो का हिस्सा बन गए जिसमें लटूरिया और लिथुआनिया जैसे देश शामिल है नॉर्थ मैसेडोनिया साल 2020 में इसमें शामिल होने वाले सबसे नया देश है
Albania, Belgium, Bulgaria, Canada, Croatia, Czech Rep, Denmark, Estonia, France Germany, Greece, Hungary, Iceland, Italy, Latvia, Lithuania, Luxembourg, Montenegro, Netherlands, North Macedonia, Norway, Poland, Portugal, Romania, Slovakia, Slovenia, Spain, Turkey, United Kingdom, United States.
NATO का सदस्य कौन बन सकता है?
नाटो की सदस्यता पाने के लिए यूरोपीय देश में होना जरूरी होता है किंतु अपना विस्तार करने के उद्देश्य से नाटो ने यूरोपीय देश के ना होने पर भी ऐसे देशों से संपर्क बनाया है जिनमें से अल्जीरिया, मिश्र, गार्डन, मोरक्को और ट्यूनीशिया में नाटो के सहयोगी देश है नाटो ने अफगानिस्तान और पाकिस्तान से भी अपने अच्छे संपर्क बनाए हैं.
नाटो के विस्तार में रूस का संवेदनशील होने का कारण
वर्ष 2008 में नाटो के बुखारेस्ट सम्मेलन में नाटो सहयोगियों ने सदस्यता हेतु यूक्रेन और जॉर्जिया की यूरो-अटलांटिक आकांक्षाओं का समर्थन किया तथा इस बात पर सहमति व्यक्त की ये देश नाटो के सदस्य बन जाएंगे।
- नाटो द्वारा अपनी सदस्यता की कार्य योजना के संबंधित शेष प्रश्नों के लिए उच्च राजनीतिक स्तर परदोनों देशों को एक करने के लिए समय सीमा का आदेश जारी किया गया।
- नाटो ने रूस के लिए खतरे की चेतावनी दी क्योंकि यूक्रेन की अवधारणा जिसे सोवियत संघ के साथ पहला मजबूत ऐतिहासिक संबंध रखने वाला देश माना जाता था. और उसके विश्वास के खिलाफ हो गया था।
- नाटो के विकास ने अमेरिका को चेतावनी देने के लिए रूस को उत्तेजित किया कि कोई भी नेता यूक्रेन के लिए नाटो सदस्यता की दिशा में उसके साथ खड़ा नहीं होगा।
- यह रूस के प्रति शत्रुतापूर्ण कार्य होगा।
नाटो देश की प्रतिक्रिया
नाटो महासचिव ने कहा, नाटो यूक्रेन में रूस के आक्रमण की कड़े शब्दों में अपमान किया हम रूस सैन्य कार्रवाई को तुरंत बंद कराने और यूक्रेन से पीछे हटने का आदेश जारी करेंगे. लोकतंत्र हमेशा निरंकुशता पर अपना दबाव बनाए रखेगा. देश पर हमेशा स्वतंत्रता की ही जीत होगी. हमारे पास अपने हवाई क्षेत्र की रक्षा के लिए सबसे अधिक जेट और उत्तर में भूमध्य सागर तक समुद्र में 120 से अधिक जहाज और गठबंधन (यूक्रेन) को आक्रामकता (रूस) से बचने के लिए जो भी जरूरी होगा वह हम करने के लिए तैयार है. और इस युद्ध से आगे की जैसी स्थिति होगी उसके लिए कल नाटो और यूक्रेन के सभी नेता एक साथ बैठक करके इस समस्या का समाधान निकालेंगे, यह सब बात नाटो के महासचिव ने कहा, कि नाटो यूक्रेन के साथ एकजुट होकर पूरी दुनिया से यूरोपीय संघ और अन्य सहयोगी समन्वय बनाकर उस पर कड़ी कार्यवाही करेगा और उस पर आर्थिक रूप से सभी प्रतिबंध लगाएगा. जिस कारण रूस इस युद्ध पर रोक लगा देगा.
रूस और यूक्रेन में नाटो का सहयोग
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन नाटो के पक्ष में नहीं है और उन्हें यूक्रेन के नाटो में जाने को लेकर भी आपत्ति है क्योंकि 2008 में जोड़ दिया गया. और यूक्रेन को इसमें शामिल करने के लिए प्रस्ताव भेजा गया था. यही माना जाता है कि यूक्रेन नाटो में शामिल होता है तो मौजूदा स्थिति के अनुसार नाटो की सेना यूक्रेन की सीमाओं पर स्थाई मौजूदगी हो जाएगी. और रूस नहीं चाहता था. कि यूक्रेन नाटो से मिल जाए.
आशा करते हैं कि यह ब्लॉग आपको नाटो क्या है और इसमें कौन-कौन से देश शामिल है. की पूर्ण जानकारी प्रदान करने में समर्थ रहा। अन्य महत्वपूर्ण और रोचक जानकारी के लिए हमारे अन्य ब्लॉग को अवश्य पढ़ें।
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