होमराज्य समाचारउत्तर प्रदेशमुलायम सिंह यादव के...

मुलायम सिंह यादव के चले जाने के बाद क्या अखिलेश यादव उनकी विरासत को संभाल पायेंगे

समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने 82 वर्ष की आयु में 10 अक्टूबर को अंतिम सांस ली इसे राजनीति में एक बड़ी क्षति के रूप में देखा जा रहा है लंबे समय से बीमारी से लड़ रहे मुलायम सिंह यादव ने आखिरकार पार्टी और अपने परिवार को अलविदा कह दिया. उनके जाने के अब उनके बेटे अखिलेश यादव पर पार्टी और परिवार की पूरी जिम्मेदारी आ गई है अब ऐसे सवाल ये उठता है की क्या अखिलेश दिग्गज नेता मुलायम सिंह यादव की विरासत संभाल पायेंगे या नहीं.

पिता के रिक्त स्थान को भर पाएंगे अखिलेश?

मुलायम सिंह यादव की बात करें तो पिछले पांच सालों से वो राजनीति में सक्रिय नहीं थें मैनपुरी से सांसद जरूर थें लेकिन पूरी पार्टी को अखिलेश यादव ही चला रहे थे अखिलेश यादव पिछले दिनों आजमगढ़ रामपुर के लोकसभा चुनाव में हार हासिल की है अब उनके लिए बहुत बड़ी चुनौती है यूपी में समाजवादी पार्टी की साख और उसकी जगह को बनाए रखना और मैनपुरी में अपने पिता मुलायम सिंह यादव के रिक्त हुए स्थान के लिए उपचुनाव जितना.

एक दिग्गज नेता थें मुलायम सिंह यादव

मुलायम सिंह यादव तीन बार यूपी के मुख्यमंत्री रहे 8 बार विधानसभा सदस्य और 7 बार लोकसभा निर्वाचित और 1996 से 1998 के बीच केंद्र में रक्षा मंत्री भी रहें मुलायम सिंह यादव का राजनीतिक सफर बहुत लंबा रहा है राजनीति जगत में उनकी उपलब्धियां इतनी हैं जिसे गिना पाना संभव नहीं है अकेले के दम पर उन्होंने अपनी पार्टी को इस मुकाम तक पहुंचाया आंदोलन की मिट्टी में ढक्कन और राजनीति की आग में तपकर मुलायम सिंह यादव नेता जी कहलाएं और जनतादल से अलग होकर समाजवादी पार्टी की एक अलग पहचान बनाई और अपनी पार्टी के समर्थकों के लिए हमेशा नेता जी रहें और आगे चलकर धरती पुत्र कहलाने लगे.

1992 में बनाई पार्टी

मुलायम सिंह यादव ने 1992 में समाजवादी पार्टी की स्थापना की बता दें पहली बार 1989 में मुलायम सिंह यादव ने यूपी में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी 1980 में मुलायम सिंह यादव लोक दल के यूपी के अध्यक्ष बनाए गए थें उसके बाद लोकदल जनता दल का हिस्सा बन गया 1989 में जब यूपी में लोकसभा का चुनाव हुआ तो लोकदल ए और लोकदल बी के गटबंधन वाले जनता दल ने 208 सीटें जीती बीजेपी ने जनता दल को बाहर से अपना समर्थन दिया था बीजेपी के समर्थन से जनता दल ने यूपी में सरकार बना ली और पहली बार मुलायम सिंह यादव यूपी के मुख्यमंत्री बने. सामान्य कद काठी और धोती कुर्ते वाले मुलायम सिंह यादव के लाखो प्रशंसक बन गए राजनीति में इतने उतार चढ़ाव से गुजरने वाले नेता मुलायम सिंह की राजनीतिक धरोहर अब अखिलेश यादव के हाथों में है.

क्या अखिलेश अपने पिता की विरासत संभाल पाएंगे

मुलायम सिंह यादव अपनी सारी धरोहर की चाभी अपने बेटे अखिलेश के हाथों में सौंप कर चले गए अब अखिलेश के सामने अपनी पार्टी को एकजुट रखने के अलावा यूपी में समाजवादी पार्टी की पकड़ को मजबूत करने के साथ साथ कई चुनौतियां हैं वैसे तो काफी सालों से अखिलेश के हाथों में ही पार्टी की बाग डोर है लेकिन मुलायक की मौवजूदगी पार्टी को मजबूती देती थी , अखिलेश की बात करें तो पिछले पांच छह सालों से अखिलेश ही पार्टी को चला रहे हैं 2017 में उन्होंने बगावत की और उसके बाद उन्होंने पार्टी पर पूरी तरह कब्जा कर लिया था लेकिन सच बात तो यही है कि आज जो अखिलेश के साथ जुड़े हैं वो मुलायम सिंह के समय से जुड़े हैं अब अखिलेश के सामने पार्टी को संभालने के साथ साथ इसे आगे बढ़ाने का एक बड़ा चैलेंज है अखिलेश को पार्टी को जोड़कर रखना और पार्टी को एक बार फिर उसी मुकाम पर ले जाना होगा जहां पार्टी मुलायम सिंह यादव के समय थी. अखिलेश को बना बनाया प्लेटफॉर्म मिला था लेकिन वे इसे संभाल नहीं पाए कई बार कई पार्टियों के साथ समझौता कर मुंह की खानी पड़ी उन्हें. मुलायम सिंह यादव की राजनीतिक विरासत जो थी वो अगल तरह की थी जिसे संभालना और आगे लेकर जाना शायद अखिलेश सिंह यादव के लिए बहुत मुश्किल हो.

आप को क्या लगता है अखिलेश यादव अपने पिता मुलायम सिंह यादव की विरासत को बरकरार रखने में कामयाब हो पायेंगे अपनी राय हमें कमेंट कर के जरूर बताइएगा.

रोचक तथ्य

Most Popular

More from Author

Hair care: मैं अपने बालों को प्राकृतिक रूप से तेजी से और घना कैसे बना सकता हूँ?

बालों को लंबा करने या घने बालों की इच्छा सबके मन में महसूस होती है। जबकि बाल मानव शरीर में सबसे तेजी से बढ़ने वाले ऊतक हैं, ट्राइकोलॉजिकल सोसायटी के अनुसार, विकास की औसत दर 0.5 से 1.7 सेंटीमीटर प्रति माह या कहीं भी लगभग दो से...

Ram Mandir Ayodhya : – जानिए राम मंदिर के बनने में किस-किस का अमूल्य योगदान रहा है

Ram Mandir Ayodhya : - "राम मंदिर" का निर्माण भारत के अयोध्या नगर में होने वाला है, और इसमें कई लोगों का योगदान हो रहा है। यह एक धार्मिक और सामाजिक मुद्दा है, और इसमें कई लोगों की भागीदारी है। कुछ मुख्य योगदान देने वाले व्यक्तियों और...

कोर्ट मैरिज क्या है ? Court Marriage कैसे करें , आवश्यक दस्तावेज और शुल्क

हमारी फिल्मों में भारत में शादियों की बहुत गलत व्याख्या की जाती है। इसे एक जोड़े के रूप में चित्रित किया गया है जो रजिस्ट्रार के पास जा रहे हैं और अपने दोस्तों की उपस्थिति में शादी कर रहे हैं। दरअसल, अगर आप कोर्ट मैरिज करना चाहते हैं...

Skin Care Tips in Hindi: ठंड के मौसम में अपनी त्वचा की सुरक्षा के लिए 10 तरीके

सभी शीतकालीन टुकड़े बर्फ से नहीं बने होते हैं। ठंड का मौसम, अपनी कम सापेक्ष आर्द्रता के साथ, हमारी त्वचा पर कहर बरपाता है, जिससे यह शुष्क और परतदार हो जाती है। न केवल हवा शुष्क होती है, बल्कि घर के अंदर का ताप त्वचा की नमी...

Ram Mandir Update: 22 जनवरी को अयोध्या न आएं, ऐसा क्यों बोले पीएम मोदी और राम मंदिर ट्रस्ट के सचिव?

इस महीने उद्घाटन से पहले अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण जोरों पर है। राम मंदिर ट्रस्ट के सचिव चंपत राय ने शनिवार को मीडिया वालों से बात की और 22 जनवरी को भव्य उद्घाटन के लिए अयोध्या जाने की योजना बना रहे तीर्थयात्रियों के लिए एक...

Study Tips: परीक्षा के लिए पढ़ाई पर फोकस कैसे करें?

क्या आपको पढ़ाई के दौरान मन को एकाग्र करने में परेशानी होती है? विस्तारित अध्ययन सत्रों के लिए फोकस बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। चाहे आप माध्यमिक विद्यालय के छात्र के रूप में महत्वपूर्ण परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हों या स्नातक के रूप में शोध...

प्रेग्नेंट (गर्भवती) कैसे हों, जाने आसान उपाय — Pregnant kaise hote hai?

यदि आप बच्चे के लिए प्रयास कर रहे हैं या उसके बारे में सोच रहे हैं, तो आप शायद बहुत अधिक उत्साह और प्रत्याशा महसूस कर रहे हैं। और सही भी है! लेकिन जैसा कि आप जानते होंगे, गर्भवती होना केवल यौन संबंध बनाने का मामला नहीं...

IND vs AUS Live Score: ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी चुनी

ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया है आज भारत वर्ल्ड कप ओडीआई का पहला मैच ऑस्ट्रेलिया के साथ खेलेगा जिसमें आस्ट्रेलिया ने टॉस जीत लिया है और बैटिंग करने का फैसला लिया है शुभमन गिल डेंगू बुखार से पीड़ित हैं इस वजह...

जानिए आज 07 Oct 2023 को वर्ल्ड कप में किसका मैच है | 50-50 WORLD CUP ME AAJ KISKA MATCH HAI?

आज हम 07 Oct 2023 सोमवार के दिन 50-50 वर्ल्ड कप में होने वाले क्रिकेट मैच के बारे में बताने जा रहे है। जैसा कि आप जानते हैं कि इस बार का क्रिकेट वर्ल्ड कप भारत में होने जा रहा है यह 5 अक्टूबर से 19 नवंबर...

जानिए आज 06 Oct 2023 को वर्ल्ड कप में किसका मैच है | 50-50 WORLD CUP ME AAJ KISKA MATCH HAI?

आज हम 06 Oct 2023 सोमवार के दिन 50-50 वर्ल्ड कप में होने वाले क्रिकेट मैच के बारे में बताने जा रहे है। जैसा कि आप जानते हैं कि इस बार का क्रिकेट वर्ल्ड कप भारत में होने जा रहा है यह 5 अक्टूबर से 19 नवंबर...

जानिए आज 05 Oct 2023 को वर्ल्ड कप में किसका मैच है | 50-50 WORLD CUP ME AAJ KISKA MATCH HAI?

आज हम 05 Oct 2023 सोमवार के दिन 50-50 वर्ल्ड कप में होने वाले क्रिकेट मैच के बारे में बताने जा रहे है। जैसा कि आप जानते हैं कि इस बार का क्रिकेट वर्ल्ड कप भारत में होने जा रहा है यह 5 अक्टूबर से 19 नवंबर...

जानिए आज 03 Oct 2023 को वर्ल्ड कप में किसका मैच है | 50-50 WORLD CUP ME AAJ KISKA MATCH HAI?

आज हम 03 Oct 2023 सोमवार के दिन 50-50 वर्ल्ड कप में होने वाले क्रिकेट मैच के बारे में बताने जा रहे है। जैसा कि आप जानते हैं कि इस बार का क्रिकेट वर्ल्ड कप भारत में होने जा रहा है यह 5 अक्टूबर से 19 नवंबर...

समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने 82 वर्ष की आयु में 10 अक्टूबर को अंतिम सांस ली इसे राजनीति में एक बड़ी क्षति के रूप में देखा जा रहा है लंबे समय से बीमारी से लड़ रहे मुलायम सिंह यादव ने आखिरकार पार्टी और अपने परिवार को अलविदा कह दिया. उनके जाने के अब उनके बेटे अखिलेश यादव पर पार्टी और परिवार की पूरी जिम्मेदारी आ गई है अब ऐसे सवाल ये उठता है की क्या अखिलेश दिग्गज नेता मुलायम सिंह यादव की विरासत संभाल पायेंगे या नहीं.

पिता के रिक्त स्थान को भर पाएंगे अखिलेश?

मुलायम सिंह यादव की बात करें तो पिछले पांच सालों से वो राजनीति में सक्रिय नहीं थें मैनपुरी से सांसद जरूर थें लेकिन पूरी पार्टी को अखिलेश यादव ही चला रहे थे अखिलेश यादव पिछले दिनों आजमगढ़ रामपुर के लोकसभा चुनाव में हार हासिल की है अब उनके लिए बहुत बड़ी चुनौती है यूपी में समाजवादी पार्टी की साख और उसकी जगह को बनाए रखना और मैनपुरी में अपने पिता मुलायम सिंह यादव के रिक्त हुए स्थान के लिए उपचुनाव जितना.

एक दिग्गज नेता थें मुलायम सिंह यादव

मुलायम सिंह यादव तीन बार यूपी के मुख्यमंत्री रहे 8 बार विधानसभा सदस्य और 7 बार लोकसभा निर्वाचित और 1996 से 1998 के बीच केंद्र में रक्षा मंत्री भी रहें मुलायम सिंह यादव का राजनीतिक सफर बहुत लंबा रहा है राजनीति जगत में उनकी उपलब्धियां इतनी हैं जिसे गिना पाना संभव नहीं है अकेले के दम पर उन्होंने अपनी पार्टी को इस मुकाम तक पहुंचाया आंदोलन की मिट्टी में ढक्कन और राजनीति की आग में तपकर मुलायम सिंह यादव नेता जी कहलाएं और जनतादल से अलग होकर समाजवादी पार्टी की एक अलग पहचान बनाई और अपनी पार्टी के समर्थकों के लिए हमेशा नेता जी रहें और आगे चलकर धरती पुत्र कहलाने लगे.

1992 में बनाई पार्टी

मुलायम सिंह यादव ने 1992 में समाजवादी पार्टी की स्थापना की बता दें पहली बार 1989 में मुलायम सिंह यादव ने यूपी में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी 1980 में मुलायम सिंह यादव लोक दल के यूपी के अध्यक्ष बनाए गए थें उसके बाद लोकदल जनता दल का हिस्सा बन गया 1989 में जब यूपी में लोकसभा का चुनाव हुआ तो लोकदल ए और लोकदल बी के गटबंधन वाले जनता दल ने 208 सीटें जीती बीजेपी ने जनता दल को बाहर से अपना समर्थन दिया था बीजेपी के समर्थन से जनता दल ने यूपी में सरकार बना ली और पहली बार मुलायम सिंह यादव यूपी के मुख्यमंत्री बने. सामान्य कद काठी और धोती कुर्ते वाले मुलायम सिंह यादव के लाखो प्रशंसक बन गए राजनीति में इतने उतार चढ़ाव से गुजरने वाले नेता मुलायम सिंह की राजनीतिक धरोहर अब अखिलेश यादव के हाथों में है.

क्या अखिलेश अपने पिता की विरासत संभाल पाएंगे

मुलायम सिंह यादव अपनी सारी धरोहर की चाभी अपने बेटे अखिलेश के हाथों में सौंप कर चले गए अब अखिलेश के सामने अपनी पार्टी को एकजुट रखने के अलावा यूपी में समाजवादी पार्टी की पकड़ को मजबूत करने के साथ साथ कई चुनौतियां हैं वैसे तो काफी सालों से अखिलेश के हाथों में ही पार्टी की बाग डोर है लेकिन मुलायक की मौवजूदगी पार्टी को मजबूती देती थी , अखिलेश की बात करें तो पिछले पांच छह सालों से अखिलेश ही पार्टी को चला रहे हैं 2017 में उन्होंने बगावत की और उसके बाद उन्होंने पार्टी पर पूरी तरह कब्जा कर लिया था लेकिन सच बात तो यही है कि आज जो अखिलेश के साथ जुड़े हैं वो मुलायम सिंह के समय से जुड़े हैं अब अखिलेश के सामने पार्टी को संभालने के साथ साथ इसे आगे बढ़ाने का एक बड़ा चैलेंज है अखिलेश को पार्टी को जोड़कर रखना और पार्टी को एक बार फिर उसी मुकाम पर ले जाना होगा जहां पार्टी मुलायम सिंह यादव के समय थी. अखिलेश को बना बनाया प्लेटफॉर्म मिला था लेकिन वे इसे संभाल नहीं पाए कई बार कई पार्टियों के साथ समझौता कर मुंह की खानी पड़ी उन्हें. मुलायम सिंह यादव की राजनीतिक विरासत जो थी वो अगल तरह की थी जिसे संभालना और आगे लेकर जाना शायद अखिलेश सिंह यादव के लिए बहुत मुश्किल हो.

आप को क्या लगता है अखिलेश यादव अपने पिता मुलायम सिंह यादव की विरासत को बरकरार रखने में कामयाब हो पायेंगे अपनी राय हमें कमेंट कर के जरूर बताइएगा.