भारत देश में हर साल 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की जयंती के साथ ही भारत के दूसरे प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती भी मनाई जाती है. भारत के पहले प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद लाल बहादुर शास्त्री ने प्रधान मंत्री के रूप में शपथ ली थी. लाल बहादुर शास्त्री Congress के वरिष्ठ नेताओं में से एक थे.
आज पूरा देश माना रहा इस महान नेता की जयंती
यह भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की 118वीं जयंती है. वे असाधारण इच्छाशक्ति वाले एक प्रतिभाशाली विचारक थे. जिन्होंने न सिर्फ अपने जीवन की मुश्किलों को बड़ी आसानी से पार कर लिया है बल्कि सभी के लिए प्रेरणा बन गए हैं. चाहे बचपन में दिन में दो बार तैरना हो या गंगा पार करना हो या फिर प्रधानमंत्री होने के बाद भी पैसों की कमी हो. देश की स्वतंत्रता के लिए उनके योगदान को एक उत्तम राजनेता के रूप में माना जाता है. वे असाधारण इच्छाशक्ति वाले एक प्रतिभाशाली विचारक थे. जिन्होंने न सिर्फ अपने जीवन की मुश्किलों को बड़ी ही आसानी से पार कर लिया है बल्कि सभी के लिए प्रेरणा बन गए हैं. चाहे बचपन में दिन में दो बार तैरना हो या दिन में दो बार गंगा पार करना हो या फिर प्रधानमंत्री बनने के बाद भी पैसों की कमी हो.
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जानें लाल बहादुर शास्त्री का के बारे में
लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को मुगलसराय में हुआ था. उनके पिता का नाम शारदा प्रसाद श्रीवास्तव. वहीं उनकी माता जी का नाम रामदुलारी देवी था. उनका पूरा नाम लाल बहादुर श्रीवास्तव. उन्हें बचपन में छोटा कहकर बुलाया जाता था. जाति व्यवस्था के विरोधी होने के कारण उन्होंने अपने नाम से उपनाम हटा दिया. लाल बहादुर शास्त्री बेहद साधारण परिवार से आते थे. एक सामान्य परिवार से प्रधानमंत्री बनने तक के उनके सफर के बावजूद उनकी जीवन शैली बहुत ही साधारण थी. शास्त्रीजी अपना निजी खर्च खुद वहन करते थे. कहा जाता है कि निजी यात्रा के लिए भी उन्होंने सरकारी वाहन का इस्तेमाल नहीं किया. उनकी सादगी ऐसी थी कि दुनिया भी उनकी दीवानी थी.
जानें उनके महान व्यक्तित्व के बारे में
लाल बहादुर शास्त्री ने स्वतंत्रता संग्राम में कई आंदोलनों में हिस्सा लिया था. वो जय जवान, जय किसान का नारा देने वाले पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को उनके शानदार व्यक्तित्व, अनुशासित जीवन, कठोर नैतिकता, विचारों और निडरता के लिए आज भी लोग याद करते है है. देश का हर बच्चा उनके नाम से परिचित है. 2 अक्टूबर को लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के कारण स्कूलों में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. भाषण और निबंध प्रतियोगिताएं का भी आयोजन किया जाता हैं.
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