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Kapalbhati Kaise Karte Hain – कपालभाति कैसे किया जाता है?

आज हम आपको Kapalbhati Kaise Karte Hain – कपालभाति कैसे किया जाता है? कपालभाति प्राणायाम कब करे? कपालभाति प्राणायाम के लाभ के बारे में बताने जा रहे हैं. कृपया पूर्ण जानकारी के लिए इस ब्लॉग को अवश्य पढ़ें. और अन्य जानकारी के लिए नव जगत के साथ बने रहे.

कपालभाती एक प्रकार की योग्य प्रणाली होती है, यह प्राणायाम का एक मुख्य हिस्सा होती है, कपालभाती शब्द दो शब्दों से मिल कर बना है, जहां कपाल का अर्थ है ‘माथा’ से और भाति का अर्थ है ‘तेज’ से होता है. अगर आप प्रतिदिन कपालभाति का अभ्यास करते हैं, तो आपके चेहरे पर चमक बनी रहेगी. कपालभाति प्राणायाम करने से मस्तिष्क प्रभावित रूप से कार्य करता है. क्योंकि कपालभाति में छोटी और मजबूत बलवर्धक सांसे शामिल होती हैं.

कपालभाति प्राणायाम कितने प्रकार का होता है? (kapalbhati pranayam kitne prakar ka hota hai)

कपालभाती मुख्य रूप से तीन प्रकार की होती है, जिसके नाम नीचे निम्नलिखित रुप में दिए गए हैं, साथ ही उनके बारे में विस्तार से बताया गया है:-

  • वातकृपा कपालभाति 
  • विमुक्तकर्म कपालभाति
  • शीतकर्मा कपालभाती

1. वातकृपा कपालभाति

वातकृपा कपालभाति भस्त्रिका प्राणायाम के समान होते हैं, इसका अभ्यास करते समय साँस रोकना और छोड़ना जैसे क्रिया की जाती है. 

2. विमुक्तकर्म कपालभाति

विमुक्तकर्म कपालभाति जल जालि के समान होता है, इस क्रिया में नाक के माध्यम से पानी अंदर लिया जाता है, और मुँह से बाहर निकाला जाता है.

3. शीतकर्मा कपालभाती

शीतकर्मा कपालभाती को विमुक्तकर्म कपालभाति का उलटा माना जा सकता है, इस क्रिया के अंतर्गत मुंह पानी से अंदर लिया जाता है और नाक के द्वारा बाहर निकाला जाता है.

कपालभाति प्राणायाम कब करे? (kapalbhati pranayam kab kare)

कपालभाति का अभ्यास खाली पेट (भोजन के कम से कम तीन से चार घंटे बाद) किया जाना चाहिए, इस प्राणायाम को आप सुबह उठने के बाद कर सकते हैं.

कपालभाति प्राणायाम कैसे करें? (kapalbhati pranayam kaise kare)

  • कपालभाति प्राणायाम करने से पहले आराम से रीढ़ को सीधा रखते हुए बैठें.
  • यदि आप कुर्सी पर बैठे तो यह सुनिश्चित करले कि दोनों पैरों को जमीन पर बराबर रखना है.
  • कपालभाति प्राणायाम करने से पहले अपनी नाक के दोनों छिद्रों के माध्यम से एक गहरी श्वास लें.
  • और पेट को भी अंदर की ओर धकेले.
  • साथ ही अपने फेफड़ों से हवा को निष्कासित करें.
  • इस प्राणायाम को 10 बार लगतार करते रहे, फिर अपनी श्वास को सामान्य स्थिति में आने दें.

कपालभाति प्राणायाम के लाभ (kapalbhati pranayam ke labh)

जो व्यक्ति कपालभाति प्राणायाम का नियमित अभ्यास करता है, उसे अपने शरीर में ऊर्जा की वृद्धि होती हुई महसूस होती है, अब हम आपको बताएंगे, कि कपालभाति प्राणायाम करने से आपको क्या क्या से लाभ हो सकते हैं, कपालभाति प्राणायाम करने के लाभ नीचे निम्नलिखित रुप में दिए गए हैं:-

  • कपालभाति प्राणायाम आपके शरीर से अतिरिक्त वात पित्त और कफ को संतुलित करता है, और आपको स्वस्थ बनाता है.
  • अगर आप प्रतिदिन कपालभाति प्राणायाम कर रहे हैं, तो आपको फेफड़ों और श्वसन प्रणाली जैसी समस्या से राहत मिलेगी.
  • अगर आपको परिसंचरण तंत्र से संबंधित समस्या है, तो आप कपालभाति प्राणायाम के उपयोग करके इससे राहत पा सकते हैं.
  • प्रतिदिन कपालभाति प्राणायाम करने से मानसिक विकार दूर हो जाते हैं.
  • अगर आपको अनिद्रा जैसी समस्या है, तो आप कपालभाति प्राणायाम की सहायता से इससे राहत पा सकते हैं.
  • अगर आप प्रतिदिन कपालभाति प्राणायाम करते हैं, तो आपका मन शांत रहेगा.
  • अगर आपको पाचन संबंधी कोई समस्या है, तो आप कपालभाति प्राणायाम करें, इससे आपको पाचन संबंधी समस्याओं से राहत मिलेगी.
  • कपालभाति प्राणायाम करने से खून साफ होता है.
  • कपालभाति प्राणायाम करने से विषाक्त पदार्थ शरीर से बाहर निकल जाते हैं.
  • अगर आप प्रतिदिन कपालभाति प्राणायाम करते हैं, तो आपके रक्त कोशिकाओं में ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में पहुंच पाएगी, और आप के खून को शुद्ध करेगी.

आशा करते हैं कि यह ब्लॉग आपको कपालभाति प्राणायाम क्या है? की पूर्ण जानकारी प्रदान करने में समर्थ रहा. अन्य महत्वपूर्ण और रोचक जानकारी के लिए हमारे अन्य ब्लॉग को अवश्य पढ़ें.

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कपालभाती मुख्य रूप से तीन प्रकार की होती है, जिसके नाम नीचे निम्नलिखित रुप में दिए गए हैं, साथ ही उनके बारे में विस्तार से बताया गया है:-

  • वातकृपा कपालभाति 
  • विमुक्तकर्म कपालभाति
  • शीतकर्मा कपालभाती

1. वातकृपा कपालभाति

वातकृपा कपालभाति भस्त्रिका प्राणायाम के समान होते हैं, इसका अभ्यास करते समय साँस रोकना और छोड़ना जैसे क्रिया की जाती है. 

2. विमुक्तकर्म कपालभाति

विमुक्तकर्म कपालभाति जल जालि के समान होता है, इस क्रिया में नाक के माध्यम से पानी अंदर लिया जाता है, और मुँह से बाहर निकाला जाता है.

3. शीतकर्मा कपालभाती

शीतकर्मा कपालभाती को विमुक्तकर्म कपालभाति का उलटा माना जा सकता है, इस क्रिया के अंतर्गत मुंह पानी से अंदर लिया जाता है और नाक के द्वारा बाहर निकाला जाता है.

कपालभाति प्राणायाम कब करे? (kapalbhati pranayam kab kare)

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  • कपालभाति प्राणायाम करने से पहले आराम से रीढ़ को सीधा रखते हुए बैठें.
  • यदि आप कुर्सी पर बैठे तो यह सुनिश्चित करले कि दोनों पैरों को जमीन पर बराबर रखना है.
  • कपालभाति प्राणायाम करने से पहले अपनी नाक के दोनों छिद्रों के माध्यम से एक गहरी श्वास लें.
  • और पेट को भी अंदर की ओर धकेले.
  • साथ ही अपने फेफड़ों से हवा को निष्कासित करें.
  • इस प्राणायाम को 10 बार लगतार करते रहे, फिर अपनी श्वास को सामान्य स्थिति में आने दें.

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जो व्यक्ति कपालभाति प्राणायाम का नियमित अभ्यास करता है, उसे अपने शरीर में ऊर्जा की वृद्धि होती हुई महसूस होती है, अब हम आपको बताएंगे, कि कपालभाति प्राणायाम करने से आपको क्या क्या से लाभ हो सकते हैं, कपालभाति प्राणायाम करने के लाभ नीचे निम्नलिखित रुप में दिए गए हैं:-

  • कपालभाति प्राणायाम आपके शरीर से अतिरिक्त वात पित्त और कफ को संतुलित करता है, और आपको स्वस्थ बनाता है.
  • अगर आप प्रतिदिन कपालभाति प्राणायाम कर रहे हैं, तो आपको फेफड़ों और श्वसन प्रणाली जैसी समस्या से राहत मिलेगी.
  • अगर आपको परिसंचरण तंत्र से संबंधित समस्या है, तो आप कपालभाति प्राणायाम के उपयोग करके इससे राहत पा सकते हैं.
  • प्रतिदिन कपालभाति प्राणायाम करने से मानसिक विकार दूर हो जाते हैं.
  • अगर आपको अनिद्रा जैसी समस्या है, तो आप कपालभाति प्राणायाम की सहायता से इससे राहत पा सकते हैं.
  • अगर आप प्रतिदिन कपालभाति प्राणायाम करते हैं, तो आपका मन शांत रहेगा.
  • अगर आपको पाचन संबंधी कोई समस्या है, तो आप कपालभाति प्राणायाम करें, इससे आपको पाचन संबंधी समस्याओं से राहत मिलेगी.
  • कपालभाति प्राणायाम करने से खून साफ होता है.
  • कपालभाति प्राणायाम करने से विषाक्त पदार्थ शरीर से बाहर निकल जाते हैं.
  • अगर आप प्रतिदिन कपालभाति प्राणायाम करते हैं, तो आपके रक्त कोशिकाओं में ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में पहुंच पाएगी, और आप के खून को शुद्ध करेगी.

आशा करते हैं कि यह ब्लॉग आपको कपालभाति प्राणायाम क्या है? की पूर्ण जानकारी प्रदान करने में समर्थ रहा. अन्य महत्वपूर्ण और रोचक जानकारी के लिए हमारे अन्य ब्लॉग को अवश्य पढ़ें.

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