अगर आप भी लॉ की डिग्री हासिल करने के बाद जज यानी कि न्यायाधीश बनने का सपना देख रहे है, तो इस पोस्ट में हम आपको पूरी जानकारी के साथ बताएंगे कि जज (Judge) कैसे बने?. अगर आप लॉ कोर्स कर रहे हैं, और आप अपना career जज के तौर पर बनाने की चाहत रखते हैं, तो हमारा ये लेख आपके लिए बहुत ही मददगार साबित हो सकता है. इस पोस्ट में हम आपको जज (Judge) कैसे बनते हैं, इसका प्रोसेस क्या होता है. इसके लिए आवश्यक योग्यता क्या होती है? अगर जज बनना है, तो कौन सा Course करना चाहिए, और कंहा से कोर्स करना चाहिए, जज कोर्स में Admission कैसे मिलता है, और इसकी Fees क्या होती है. इन सभी के बारे में स्टेप बाई स्टेप आपको यंहा पर जानकारी मिलेगी, जिसके माध्यम से आप Judge बनने का सपना आसानी से पूरा कर सकते हैं. चलिये जान लेते हैं, कि जज बनने का प्रोसेस क्या है.
न्यायाधीश (जज) कैसे बने
भारत मे जज का अहम पद होता है, जिसमे हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जज का पद बहुत ही अहम माना जाता है. अगर इस पद पर नियुक्त व्यक्ति से जरा भी चूक हो गई, तो किसी निर्दोष को सजा मिल सकती है, इसलिए Judge का पद बहुत ही जिम्मेदारी वाला पद होता है. और इस पद पर आसीन व्यक्ति को कानून में महारथ हासिल होनी चाहिए. इसके साथ ही सूझ- बूझ तथा न्यायसंगत से भी परिपूर्ण होना चाहिए, सुप्रीम कोर्ट भारत मे सबसे सर्वोपरि होता है.
किसी भी कोर्ट में जज बनने की सबसे पहली सीढ़ी आपके पास Law की डिग्री होनी चाहिए, Law Course को 12वीं या ग्रेजुएशन के बाद किया जा सकता है, 12वीं के बाद BA, LLB 5 बर्षीय कोर्स कर सकते हैं, और अगर आप ग्रेजुएशन पास कर लेते हैं, तो इसके बाद आप LLB 3 बर्षीय डिग्री कर सकते हैं, इसके बाद आप Judge बनने के लिए आयोजित किये जाने वाले एग्जाम पास करके आसानी से जज बन सकते हैं. विभिन्न राज्यों में इसके लिए अलग-अलग एग्जाम आयोजित किये जाते हैं, इसके अलावा विभिन्न राज्यों में जज की नियुक्ति की प्रक्रिया भिन्न-भिन्न होती है.
किसी भी College में एलएलबी कोर्स में एडमिशन लेने से पहले यह जरूर पता कर लें, कि आप जिस भी कॉलेज या यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेने जा रहे हैं, वो कॉलेज बार काउंसिल ऑफ इंडिया से अप्रूव्ड होना चाहिए. आज के समय मे Law Course करने वाले कॉलेज और इंस्टीट्यूट की कमी नही है, लेकिन आप किसी भी सामान्य कॉलेज में एडमिशन लेने बच सकते हैं. क्योंकि आपका लक्ष्य Judge बनने का है, तो किसी बेहतर Law College से ही LLB कोर्स करें.
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भारत में कानून प्रवेश परीक्षा (Law Entrance Exam in India)
एक अच्छे कॉलेज और सामान्य कॉलेज में काफी अंतर होता है. अगर आपको बेस्ट क्वालिटी के कॉलेज में एडमिशन लेना चाहते हैं, तो आपको Entrance Exam पास करना होगा, क्योंकि इन कॉलेज में टीचिंग फैकिलटी अच्छी होती हैं. इसके साथ ही यंहा पर तमाम तरह के आवश्यक सुविधा भी स्टूडेंट्स को दी जाती है, जोकि साधारण कॉलेज असंभव है. किसी भी अच्छे कॉलेज से आपको नॉलेज भी अच्छा मिलता है, साथ ही आपको प्रॉपर गाइडेंस मिलता रहता है. जिससे आपकी Judge बनने की राह आसान हो जाती है.
किसी भी फेमस और रेपुटेड कॉलेज में एडमिशन के लिए आप क्लेट एग्जाम दे सकते हैं, यह नेशनल लेवल का एग्जाम होता है, जिसके माध्यम से आप Top Law College में एडमिशन पाते हैं, इसके अलावा और भी अन्य स्टेट लेवल के law entrance exam आयोजित किये जाते हैं, जिनके माध्यम से आप स्टेट लेवल की लॉ कॉलेज या University में दाखिला ले सकते हैं.
जैसे कि – आल इंडिया लॉ एंट्रेंस टेस्ट, लॉ स्कूल एडमिशन टेस्ट, क्राइस्ट यूनिवर्सिटी लॉ एंट्रेंस एग्जाम, केरला लॉ एंट्रेंस एग्जाम, दिल्ली यूनिवर्सिटी एंट्रेंस एग्जाम, बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी एंट्रेंस एग्जाम, सिम्बोसिस लॉ एंट्रेंस एग्जाम इसके अलावा और भी बहुत से स्टेट लेवल के एंट्रेंस एग्जाम होते हैं, जिनको पास करके आप Law Course में आसानी से प्रवेश पा सकते हैं, लॉ कोर्स की फीस की बात करें तो इसकी फीस 6 हजार से लेकर 1 लाख रुपये प्रतिबर्ष या उससे भी अधिक हो सकती है, गवर्नमेंट college में प्राइवेट कॉलेजों के अपेक्षा फीस कम होती है.
जज बनने की प्रक्रिया थोड़ी कठिन होती है, इसके लिए आपको काफी मेहनत करनी होगी. इसके साथ ही सबसे पहले आप ये निश्चित करें, कि आप न्यायाधीश हाइ कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट या डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में से किसमें जज बनना चाहते हैं, जज की नियुक्ति कोर्ट के आधार पर की जाती है, और जज के चयन का प्रोसेस भी अलग- अलग होता है.
सिविल जज कैसे बने
सिविल जज या मजिस्ट्रेट बनने के लिए कैंडिडेट को एलएलबी पास होने के बाद एक वकील के तौर पर पंजीकृत होना चाहिए, जिसके बाद आप वकालत कर सकते हैं. वकालत का सात बर्ष का अनुभव होने के बाद जज की परीक्षा दे सकते हैं, इसके लिए भारत के सभी राज्यों में लोक सेवा आयोग द्वारा न्यायिक सेवा परीक्षा, जिला या अधीनस्थ न्यायालय परीक्षा आयोजित की जाती है. राज्यों के अनुसार यह एग्जाम भिन्न भिन्न हो सकता है, इसमे सबसे पहले प्री एग्जाम होता है, जिसको सिर्फ क्वालीफाई करना होता है, इसके मार्क फाइनल मेरिट में जुड़ते हैं. प्री एग्जाम क्वालीफाई करने वालों को मुख्य परीक्षा देनी पड़ती है, इसके बाद अंत मे इंटरव्यू होता है, इस तरह से आप Civil Judge बन सकते हैं.
हाई कोर्ट में जज कैसे बने
उम्मीदवार के पास लॉ की बैचलर डिग्री होना आवश्यक होता है, वह भारत का नागरिक होना चाहिए, इसके साथ ही 10 बर्ष तक वह न्यायिक पर कार्य करने का अनुभव हो, अथवा किसी भी हाई कोर्ट में 10 बर्ष वकालत करने का अनुभव होना चाहिए. high court का जज बनने के लिए न्यूनतम आयु निर्धारित नही की गई है, लेकिन उम्मीदवार ने 62 बर्ष की आयु पूरी नही की हो, आपको बता दें, कि हाई कोर्ट कर मुख्य न्यायाधीश के अलावा अन्य न्यायाधीश की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति और मुख्य न्यायाधीश के द्वारा संबंधित हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश तथा उस राज्य के राज्यपाल के परामर्श के अनुसार होता है. इसके संबंध में हाई कोर्ट का मुख्य जज या न्यायाधीश उस राज्य के राज्यपाल के पास प्रस्ताव भेजता है, जिसके बाद राजपाल इसके संबंध में प्रधानमंत्री से परामर्श करके उस राज्य के हाई कोर्ट में जज की नियुक्ति करता है.
हाई कोर्ट का जज 62 बर्ष की उम्र तक इस पद पर पदस्थ रह सकता है, हाई कोर्ट के जज का वेतन और भत्ता संसद द्वारा समय- समय पर निर्धारित किया जाता है, जिसके अनुसार उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का वेतन 90000 और अन्य सभी न्यायाधीश का वेतन 80000 हजार रुपए होता है.
भारत के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति राष्ट्रपति के द्वारा संविधान के नियमों के अंतर्गत होती है. सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश का पद भारत मे सर्वोच्च न्यायिक पद होता है, सुप्रीम कोर्ट के सभी न्यायाधीश की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा सुप्रीम कोर्ट के परामर्श से होती है.
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सुप्रीम कोर्ट में जज कैसे बने
सुप्रीम कोर्ट का जज बनने के लिए उम्मीदवार को भारत का नागरिक होना चाहिए, इसके साथ ही वह कम से कम 5 साल तक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के तौर पर कार्य कर चुका हो, इसके अलावा किसी भी उच्च न्यायालय में 10 साल तक अधिवक्ता रह चुका हो,और वह 65 साल की आयु पूरी होने तक इस पद पर रह सकता है.
भारत में एलएलबी कोर्स के लिए सर्वश्रेष्ठ कॉलेज
- नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया बैंगलोर
- नलसर यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ हैदराबाद
- नेशनल एकेडमी ऑफ लीगल स्टीडज एंड रिसर्च हैदराबाद
- इंडियन लॉ इंस्टीट्यूट नई दिल्ली
- नेशनल लॉ इंस्टीट्यूट यूनिवर्सिटी भोपाल
- राजीव गांधी नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ ला पटियाला
- वेस्ट बंगाल नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ
जुरीडिसियल साइंस कलकत्ता - राम मनोहर लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी लखनऊ
- सिम्बोसिस लॉ स्कूल पुणे
- जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल सोनीपत
- नेेशनल लॉ यूनिवर्सिटी जोधपुर
- आईएलएस लॉ स्कूल पुणे
- यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एंड एनर्जी देहरादून
- गुजरात लॉ यूनिवर्सिटी
- दिल्ली यूनिवर्सिटी
- बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी
- गोवर्नमेंट लॉ कॉलेज मुंबई
- अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी
- जामिया मिलिया इस्लामिया दिल्ली
- कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी
- इलाहाबाद यूनिवर्सिटी
- हिदायतउल्ला नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी रायपुर
- नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी कटक
- पश्चिम बंगाल नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ
- ज्यूडिशियल साइंस कोलकाता
- चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी पटना
- कलकत्ता यूनिवर्सिटी
- मुम्बई यूनिवर्सिटी
- चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी
- महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी बड़ोदरा
- नेशनल लॉयूनिवर्सिटी गोहाटी
- ओस्मानिया यूनिवर्सिटी हैदराबाद
- गवर्नमेंट लॉ कॉलेज मुम्बई
- कर्नाटक स्टेट लॉ यूनिवर्सिटी
- मद्रास यूनिवर्सिटी
- लखनऊ यूनिवर्सिटी
- सीएसजेएमयू कानपुर
- यूनिवर्सिटी ऑफ मुंबई