आज हम आपको झील किसे कहते हैं? भारत की प्रमुख झीलें के बारे में बताने जा रहे हैं. कृपया पूर्ण जानकारी के लिए इस ब्लॉग को अवश्य पढ़ें. और अन्य जानकारी के लिए नव जगत के साथ बने रहे.
झील जल का वह स्थिर भाग है, जो चारो तरफ से स्थलखंडों से घिरा होता है उसे झील कहते हैं. झील की दूसरी विशेषता उसका स्थायित्व होता है जो सामान्य रूप से झील भूतल के वे विस्तृत गड्ढे के रूप में होता है, जिनमें जल भरा होता है. और झीलों का जल प्रायः स्थिर होता है.
झील कितने प्रकार के होते हैं?
झील मुख्यतः चार प्रकार की होती है जो निम्न रूप में नीचे दी गई हैं:-
- भू-संचलन से निर्मित झील
- ज्वालामुखी क्रिया से निर्मित झील
- हिमानिकृत झील
- नदियों द्वारा निर्मित झील
भू-संचलन से निर्मित झील –
जब धरती पर अन्तर्जात बलों के द्वारा भू संचालन होता है तब इस प्रकार की झील का निर्माण होता है इन्हें भी कई भागो में बाटा गया है, जैसे दरार घाटी या भ्रंशदरारी झील इन झीलों का निर्माण भू संचालन के फलस्वरुप निर्मित दरार में जल भर जाने के कारण ही हुआ है.
ज्वालामुखी क्रिया से निर्मित झील –
शांत ज्वालामुखियों के वृहदाकार मुखों में जल भर जाने से ऐसी झीलों की उत्पत्ति होती है. इसका प्रमुख उदाहरण महाराष्ट्र के बुलढ़ाणा ज़िले की लोनार झील है.
हिमानिकृत झील –
हिमानी के हिमोढ़ के निक्षेप से कभी-कभी हिमानी उत्पन्न हो जाती हैं जिससे इस प्रकार की झीलों का निर्माण होता है. उदाहरण के लिए उत्तरी अमरीका की वृहत् झीलें हिमानी द्वारा निर्मित हैं.
नदियों द्वारा निर्मित झील –
नदियों द्वारा निर्मित झील को जलोढ़ झील भी कहा जाता है, जब कोई नदी पहाड़ी भाग से उतरकर मैदानी भाग में आ जाती है तो इस प्रकार की झीलों का निर्माण होता है.
झील का निर्माण कैसे होता है?
झीलों का निर्माण मुख्यत: अपरदन या कटाव जैसी गतिविधियों के कारण होता है, जब नदियां अपने रास्ते की घुलनशील चट्टानों को काट देती हैं तो बड़े-बड़े गड्ढें बन जाते हैं. इन गड्ढों में पानी भर जाने से ही झीलो का निर्माण हो जाता है, उदाहरण- आयरलैंड की शेनन नदी से इसी प्रक्रिया के जरिए ही लीन और डर्ग झीलें बनीं है.
भारत की प्रमुख झीलें
राज्य झील
- जम्मू–कश्मीर वुलर, डल, गाडसर, अनंतनाग, बेरीनाग, शेषनाग, कौसरनाग, नागिन, पोगोंगछो, सी–मोरीरी, गंगाबल और मानसबल
- हिमाचल प्रदेश भृगु, मच्छियाल, रेणुका, सूरजताल, चन्द्रताल
- उत्तराखण्ड नैनीताल, डोडीताल, भीमताल, सातताल, नौकुछियाताल, देवताल, खुरपाताल, राकसताल और मालाताल
- चंडीगढ़ सुखनाझील
- राजस्थान राजसमंद, जयसमंद, नक्की, सांभर, फतेहसागर, लूनकरसर, डीडवाना, पिछौला, आनासागर, कुचामन, ढेबर और पुष्कर
- महाराष्ट्र लोनार और पोवई
- कर्नाटक बेलान्दुर
- केरल बेम्बानाड और अष्टमुदी
- सिक्किम सोंगमा
- मणिपुर लोकटक
- उड़ीसा चिल्का
- तेलंगाना हुसैन सागर और नागार्जुन सागर
- आंध्र प्रदेश कोलेरू और पुलिकट
- तमिलनाडु कोडाइकनाल और कालीवेली
- हरियाणा सूरजकुण्ड
भारत की सबसे बड़ी झील का नाम क्या है?
भारत की सबसे बड़ी झील का नाम चिल्का झील है. जो कि उड़ीसा राज्य में स्थित है. चिल्का झील खाड़ी में स्थित है, जिसके कारण इसका पानी खारा होता है. और पुलिकट झील भारत की दूसरी सबसे बड़ी खारे पानी की झील है. कभी-कभी समुद्री अवसादों के कारण खाड़ी में स्थित झीलों का मुहाना अवरूद्ध हो जाता है, ऐसी स्थिति में खाड़ी में स्थित झीलों का सागर से सीधा संपर्क नहीं रह जाता है. उदाहरण के लिए- जिस प्रकार गोदावरी एवं कृष्णा नदी के डेल्टा के बीच में कोलेरू झील स्थित है.
कौन-कौन से झील खाड़ी में स्थित है –
राज्य झील
उड़ीसा चिल्का
आंध्र प्रदेश कोलेरू और पुलिकट
केरल बेम्बानाड और अष्टमुदी
भारत की सबसे छोटी झील का नाम क्या है?
भारत की सबसे छोटी झील का नाम हजारीबाग झील है जो कि झारखंड में स्थित है, यह झारखंड के स्थानीय लोगों के बीच एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है.
भारत में मीठे पानी की झील कहाँ कहाँ है नाम लिखें?
मीठे पानी की झील का उपयोग मुख्यतः पीने एवं खेतों की सिंचाई के लिए किया जाता है-
राजस्थान में मीठे पानी की झीलों में जयसमन्द, पिछोला, आनासागर, फाईसागर, पुष्कर, सिलसेढ, नक्की, बालसमन्द, कोलायत, फतहसागर व उदयसागर आदि प्रमुख है.
भारत की सबसे बड़ी प्राकृतिक झील कौन सी है?
चिल्का झील भारत की सबसे बड़ी प्राकृतिक झील है. इसकी लम्बाई 70 किलोमीटर और चौड़ाई 30 किलोमीटर तक है. चिल्का झील उड़ीसा के गंजम में मौजूद है.
झीलों का जीवनकाल
अधिकांशत: झीलों का अस्तित्व अस्थाई अस्तित्व होता है. मनुष्य अपने जीवनकाल में ही उनकी उत्पत्ति, विकास और अंत की अवस्थाएँ देख लेता है. पर्वतीय प्रदेशों में जो झीलें अवरोधन के कारण बन जाती हैं, वे अवरोधन हट जाने पर लुप्त भी हो जाती हैं. नम देशों में झीलों के तल में अवसाद एकत्र होने से वे छिछली हो जाती हैं और यदि उनमें से किसी नदी का उद्गम होता है, तो वे शीघ्र ही लुप्त हो जाती हैं.
झीलों का महत्व क्या है?
मानव जीवन के लिए झील बहुत महत्वपूर्ण होती है इसका कारण यह है कि झील मीठे पानी का प्रमुख साधन होती है और इस ग्रह पर जीवन बनाए रखने के लिए पानी एक महत्वपूर्ण स्रोत होता है, इसके अतिरिक्त नीचे झीलों के महत्व को बताया गया हैं. जो इस प्रकार हैं:-
- झील नदी के पानी के प्रवाह को विनियमित करने का कार्य करता है.
- शुष्क मौसम में पानी के भंडारण के लिए झील बहुत ही उपयोगी होता है.
- झील पारिस्थितिकी तंत्र को संतुलित बनाए रखने का कार्य करता है.
- झील जलविद्युत शक्ति उत्पन्न करने के लिए उपयोगी होता है.
झीलें मनुष्य के लिए अति आवश्यक हैं, क्योंकि वे हमें हमारे जीवन स्रोत यानी पानी प्रदान करती हैं. चलिए जानते है झीलों से क्या क्या लाभ प्राप्त होता हैं.
- झील द्वारा ही जलविद्युत शक्ति का विकास होता है.
- झील सिंचाई के उद्देश्य से पानी की आपूर्ति करते हैं.
- झील द्वारा पीने के लिए ताजा पानी उपलब्ध होता है.
- उद्योग और कारखाने झील के पानी का उपयोग करते हैं.
- झील कृषि क्षेत्रों में सिंचाई के लिए पानी की आपूर्ति करता हैं.
- मत्स्य पालन को विकसित झील के सहायता से किया जाता है.
- झील पर्यावरण की प्राकृतिक सुंदरता को बढ़ाते हैं.
- झील बाढ़ के समय में बड़ी मात्रा में पानी का भंडारण कर सकती है.
आशा करते हैं कि यह ब्लॉग आपको झील किसे कहते हैं की पूर्ण जानकारी प्रदान करने में समर्थ रहा. अन्य महत्वपूर्ण और रोचक जानकारी के लिए हमारे अन्य ब्लॉग को अवश्य पढ़ें.
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