महाकाल की नगरी उज्जैन में महाकाल कॉरिडोर का काम बहुत समय से जारी था. पर अब श्रद्धालुओं के लिए एक खुशखबरी है, महाकाल कॉरिडोर का काम ख़त्म हो गया है. अब महाकाल कॉरिडोर बनकर तैयार हो गया है. महाकाल कॉरिडोर प्रोजेक्ट बनने के बाद यहां बड़ी संख्या में महाकाल के श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचेंगे, जिससे यहां पर्यटन क्षेत्र में वृद्धि होगी. आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाकाल कॉरिडोर परियोजना के पहले चरण का उद्घाटन करने जा रहे हैं. आज हम जानेंगे कि उज्जैन में महाकाल प्रोजेक्ट कॉरिडोर बनने से क्या बदलाव हुए हैं.
महाकाल मंदिर की खूबसूरती देख लोग हुए हैरान
महाकाल मंदिर से सटे रुद्रसागर के पास महाकाल कॉरिडोर का निर्माण किया गया है. यहां के पत्थरों पर बेहद खूबसूरत नक्काशी की गई है. अगर आप यहां रात के समय देखें तो महाकाल कॉरिडोर की भव्यता बेहद खूबसूरत नजर आती है. महाकाल कॉरिडोर की भव्यता और सुंदरता महादेव भक्तों का मन मोह लेती है. उज्जैन में 856 मीटर से अधिक लंबा कॉरिडोर बनाया गया है, जो भारत में बने अब तक के सबसे बड़े कॉरिडोर में से एक है. उज्जैन में नवनिर्मित महाकाल कॉरिडोर में पहला भव्य और आलीशान प्रवेश द्वार बनाया गया है. फव्वारे के साथ-साथ महादेव और शिव पुराण को दर्शाने वाले चित्रों की एक बड़ी श्रंखला बनाई गई है. जिससे आप यहां के इतिहास के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकेंगे.
पीएम ने किया उद्घाटन
प्राप्त जानकारी के अनुसार महाकाल के कॉरिडोर को 856 करोड़ की लागत से नवनिर्मित किया गया है. इसे दो चरणों में तैयार किया जाएगा, पहले चरण का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, इसका उद्घाटन आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे. महाकाल कॉरिडोर का निर्माण श्रद्धालुओं की भारी संख्या को ध्यान में रखकर किया गया है. अब महाकाल में एक साथ करीब 2 लाख लोग दर्शन कर सकेंगे. साथ ही यहां नाइट गार्डन भी बनाया गया है, जो देश का पहला नाइट गार्डन है. सबसे पहले यहां नाइट गार्डन का निर्माण किया गया है. रात के समय इसकी भव्यता बेहद खूबसूरत होती है.
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जानिए इस मायने में अलग है महाकाल कॉरिडोर विश्वनाथ कॉरिडोर से
यूपी के काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 दिसंबर 2021 को किया था. काशी विश्वनाथ कॉरिडोर और महाकाल कॉरिडोर की तुलना की जाए तो महाकाल कॉरिडोर काशी विश्वनाथ कॉरिडोर से लगभग चार गुना बड़ा बनाया गया है. महाकाल कॉरिडोर का क्षेत्रफल 856 मीटर और काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का क्षेत्रफल केवल 300 मीटर है. 856 करोड़ की लागत से महाकाल कॉरिडोर बनाया गया है और काशी विश्वनाथ कॉरिडोर को 800 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया था.