बीते कुछ दिनों में कानपुर के करौली बाबा (Karauli Baba) सोशल मीडिया के सुर्खियों में बने हुए हैं. यह अपनी अजीबोगरीब बातों को लेकर हरदम चर्चा में बने हुए रहते हैं. बीते दिनों उनके समर्थकों ने नोएडा के एक डॉक्टर को जमकर मारा, क्योंकि उसने बाबा को चैलेंज कर दिया था. करोली बाबा ने अब रूस और यूक्रेन युद्ध को रोकने का दावा किया है उनका कहना है कि वह “दोनों देशों के नेताओं की याददाश्त को मिटाकर युद्ध रोक सकते हैं.”
करौली बाबा का वास्तविक नाम संतोष सिंह भदौरिया है. संतोष सिंह भदौरिया एक अच्छे और अनुभवी आयुर्वेद के डॉक्टर रहे हैं. करोली बाबा किसानों के मुद्दे भी उठाते रहते हैं. 1989 में संतोष सिंह भदौरिया ने किसान यूनियन ज्वाइन की थी और इसके बाद वो भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष बने. आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि संतोष भदौरिया जिन्हें लोग करोली बाबा के नाम से जानते हैं यह पिछले 3 सालों से कानपुर में अपना आश्रम चला रहे हैं.
करोली बाबा क्यों प्रसिद्ध हुए?
करोली बाबा अपने आयुर्वेदिक दवाओं से गंभीर बीमारियों का इलाज करने का दावा करते है और इसी के चलते करोली बाबा प्रसिद्ध हुए. उनके समर्थक का यह कहना है कि करोली बाबा के आश्रम में आने के बाद बड़ी से बड़ी बीमारियों से राहत मिल जाती है. लोगों का कहना है कि बाबा अपने चमत्कार से लोगों का इलाज कर देते हैं. परंतु लोगों को यह अंदाजा नहीं था कि बाबा चमत्कार के नाम पर उन्हें बेवकूफ बना रहे हैं.
करौली बाबा पर कितने केस दर्ज हैं?
संतोष सिंह भदोरिया जिनको करोली बाबा के नाम से जानते हैं उनके नाम साल 1992 में हत्या का केस दर्ज हुआ था. जिसके चलते उन्हें जेल जाना पड़ा था. लेकिन साल 1993 में उन्हें जमानत पर रिहाई मिल गई. लेकिन इतना ही नहीं करोली बाबा के नाम साल 1994 में एक और एफ आई आर दर्ज हुई जिसमें गाली गलौज और मारपीट करने की शिकायत दर्ज हुई थी, NSA के तहत भी कार्रवाई हुई. इसके बाद बाबा के नाम साल 1995 में बर्रा में FIR दर्ज की गई. और अब मार्च, 2023 में बाबा और उनके साथियों पर धारा 323, 504 और 325 IPC में एफआईआर दर्ज की गई है.