Dangerous Breed Dogs :- कुत्तों के बारे में यह मान्यता है, कि वे अपने मालिक के प्रति वफादार होते हैं और उन्हें बहुत स्नेह देते हैं. वहीं दूसरी ओर जंगली कुत्तों की कुछ नस्लों के बारे में भी कहा जाता है, कि उनका पालन-पोषण नहीं हो पाता. इसके अलावा कुत्तों को रखने का एक कारण उन्हें सुरक्षा कारणों से रखना भी है. कई कुत्तों को केवल पशु प्रेम और स्नेही साथी के रूप में पाला जाता है, जबकि कुछ दुर्लभ शुद्ध नस्ल के कुत्तों को गर्व दिखाने के लिए पाला जाता है. दिन व दिन कुत्तों के हमले की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं. ये घटनाएं उत्तर प्रदेश में ज्यादा देखने को मिल रही है. अभी कुछ दिनों पहले लखनऊ में पिटबुल नस्ल के कुत्ते के काटने से एक महिला की मौत हो गई. जिसके बाद हिंसक प्रजाति के कुत्तों को रखने पर रोक लगाने की मांग की गई थी.
कुत्तों की सबसे खतरनाक ब्रीड
साइबेरियन हस्की, डाबरमैन, पिंसर और बॉक्सर नस्ल-724, पिटबुल और रोटवीलर ये सभी कुत्तों की सबसे खतरनाक प्रजाति है. इन प्रजाति के कुत्तों को पालने से आप अपनी जान भी गवां सकते है. UP में करीब 5000 लोग हैं, जिनमें साइबेरियन हस्की, डाबरमैन, पिंसर और बॉक्सर नस्ल-724, पिटबुल और रोटवीलर नस्ल के कुत्ते पाले गए हैं. कुत्तों की प्रजाति को देखते हुए अब कई नगर निगमों ने रजिस्ट्रेशन फीस लगा दी है. लखनऊ में यह पहले से था. लेकिन प्रयागराज में इसे नए सिरे से लागू किया गया है. अकेले लखनऊ में ही 927 लोग ऐसे हैं, जो हिंसक प्रजाति के कुत्ते पाल चुके हैं. इसमें साइबेरियन, हस्की, डाबरमैन, पिंसर और बॉक्सर नस्ल की प्रजातियां 724 के करीब हैं.
पिटबुल
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कुत्ते ने अपनी ही मालकिन पर किया Attack
घटना अभी कुछ दिनों पहले की है, जब लखनऊ में पिटबुल ने अपनी 80 साल की मालकिन को काटकर मार डाला था. तभी से कुत्ते पालने का मामला गंभीर बना हुआ है. लखनऊ नगर निगम की सूची के मुताबिक शहर में 27 लोगों के पास पिटबुल है. यदि यह प्रस्ताव यहां पारित हो जाता है, तो उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य होगा जहां एक विशेष नस्ल के कुत्तों के प्रजनन पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा.
साइबेरियन हस्की
आंकड़ों का कहना है
डॉग बाइट की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में 2005 से 2020 के बीच कुत्तों के हमले में करीब 568 लोगों की जान चली गई. इसमें 380 मामलों में सबसे ज्यादा हमला करने वाले कुत्ते पिटबुल थे, जबकि रोटवीलर के हमले से 51 लोगों की जान चली गई थी. अन्य मामलों में, 37 विभिन्न प्रजातियों के लोगों पर कुत्तों ने हमला किया. यह संख्या सिर्फ उन्हीं लोगों की है, जो हमले में अपनी जान गंवा चुके हैं. कुत्तों के हमले की संख्या कई गुना ज्यादा है. इतना ही नहीं दुनिया के कई देशों में खतरनाक कुत्तों को रखने पर पाबंदी है.
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सरकार ने लगाई इन ब्रीडों के कुत्तों को पालने में रोक
राज्य के शहरी विकास विभाग ने सरकार में तीन शिकारी कुत्तों के पालन पर रोक लगाने की मांग की है. इसको लेकर सरकार को पत्र लिखा जा चुका है. इसमें पिटबुल और रॉटवीलर जैसी प्रजातियां प्रमुख हैं. इसके अलावा एक प्रजाति है मस्तिम, जिसके पालन पर रोक लगाने की मांग की गई है. शहरी विकास विभाग के विशेष सचिव राजेंद्र पनेसिया की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह फैसला लिया गया.