आज हम आपको गणतंत्र दिवस का महत्व के बारे में बताने जा रहे हैं। कृपया पूर्ण जानकारी के लिए इस ब्लॉग को अवश्य पढ़ें। और अन्य जानकारी के लिए नव जगत के साथ बने रहे।
गणतंत्र दिवस हमारा राष्ट्रीय पर्व है जो 26 जनवरी को मनाया जाता है। सन 1950 में 26 जनवरी को ही भारत सरकार अधिनियम 1935 की जगह भारत के संविधान ने लिया था। संविधान को लागू करने के लिए 26 जनवरी का दिन इसलिए चुना गया था, क्योंकि इसी दिन 1930 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने लाहौर अधिवेशन के दौरान अर्धरात्रि में पूर्ण स्वराज की घोषणा की थी। गणतंत्र दिवस के दिन भारत में राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया जाता है। देश में गणतंत्र दिवस के अलावा स्वतंत्रता दिवस और गांधी जयंती के दिन भी नेशनल हॉलीडे होता है।
लोकतंत्र की परिभाषा के अनुसार यह कहा गया है कि जनता का, जनता के द्वारा, जनता के लिए, बनाया गया शासन ही लोकतंत्र कहलाता है. और सच कहा जाए तो आज के टाइम में लोकतंत्र कहलाना एक फैशन हो गया है।
हमें आजादी बहुत ही मुश्किलों के बाद मिली है। इसके माध्यम से हम अपनी आने वाली पीढ़ी को अपने गौरवशाली इतिहास के बारे में बता सकते है। साथ ही हमें देश के वीर सपूतों को देखकर उनसे प्रेरणा मिले और साथ ही देश के लिए कुछ करने के लिए जज्बा प्राप्त हो.
गणतंत्र दिवस क्यों मनाते है।
हमारे देश में सरकार चुनने का हक जनता को दिया गया है। दुनिया में बहुत सारे देश लोकतांत्रिक देश हैं लेकिन सब गणराज नहीं। गणतंत्र में कानून का शासन होता है। एक गणतांत्रिक देश यह सुनिश्चित करता है कि किसी का भी अधिकार न मारा जाय, जैसै अल्पसंख्यक आदि। कोई भी शक्ति पाकर निरंकुश न हो, इसलिए प्रधानमंत्री के साथ-साथ कुछ शक्तियां राष्ट्रपति को भी दी जाती है। इस शासन में सभी मिल-जुल कर काम करते है। और एक-दूसरे के पूरक होते है।
इसीलिए भारत में राष्ट्रपति कई बार संसद के बनाए कानूनों पर साइन करने से मना कर देते हैं, लेकिन लोकतांत्रिक देशों में ऐसा नहीं होता है। वहां संसद के बनाए नियम ही अंतिम एवं सर्वमान्य होते हैं। तो अब समझ में आ ही गया होगा कि आखिर क्यों भारत को एक गणतांत्रिक देश कहा जाता है। और गणतंत्र का महत्व और विशेषता क्या है।
इसे कुछ इस तरह से भी समझा जा सकता है। दुनिया के तमाम देशों में लोकतंत्र तो है, किन्तु वे सभी देश, गणतंत्र की श्रेणी में नहीं आते। इंग्लैंड का उदाहरण लेते है। इंग्लैंड में लोकतंत्र तो है, परंतु वह गणतंत्रिक देश नहीं है। हमारे संविधान में संसदीय व्यवस्था इंग्लैंड से ही ली गई है, तथापि उससे भिन्न है।
हमारी संसदीय व्यवस्था इंग्लैंड की संसदीय व्यवस्था से भिन्न कैसे?
इंग्लैंड की संसदीय व्यवस्था से प्रेरित होकर ही, हमारे यहां भी संसदीय व्यवस्था की गई है। वहां भी हमारी ही तरह लोग सांसद चुनते हैं और फिर वो सभी सांसद मिलकर प्रधानमंत्री का चुनाव करते हैं।
इंग्लैंड का प्रधानमंत्री भी हमारे ही देश की भाँति जनता के प्रति उत्तरदायी होता है। जनता हर पांच साल में इस प्रधानमंत्री को चुनने और हटाने का अधिकार रखती है। इसीलिए इंग्लैंड को भी एक लोकतंत्र देश कहा जाता है लेकिन फिर भी इंग्लैंड एक गणतंत्र देश नहीं है।
इंग्लैंड अकेला ऐसा देश नहीं जहां ऐसी परंपरा है। जापान, स्पेन, बेल्जियम, डेनमार्क समेत विश्व के बहुत देश हैं जहां लोकतंत्र तो हैं लेकिन गणतंत्र नहीं है, लेकिन भारत के साथ ऐसा नहीं है, इसीलिए तो हमारा देश सबसे न्यारा है। सच ही कहते है न, “सारे जहां से अच्छा, हिन्दोस्तां हमारा।”
इसके अतिरिक्त एक आधरभूत अंतर भी है। सत्ता के सबसे ऊंचे पद पर बैठे व्यक्ति का अंतर। जो जल्दी समझ नहीं आता, क्योंकि वह हमें दिखाई नहीं देता।
यदि जनता के पास सत्ता की सबसे ऊंची पदवी पर बैठे व्यक्ति को चुनने और हटाने का अधिकार होता है, तो उस देश को गणतांत्रिक देश कहा जाता है। (जैसा कि भारत में है)। अगर नहीं तो वो देश गणतांत्रिक देश नहीं कहलायेगा।
इंग्लैंड में ऐसा नही है। वहां तो सत्ता के सबसे उंचे पद पर राजा(या रानी) बैठे होते है। वहां आज भी नाम का ही सही, लेकिन राजशाही ही है। इंग्लैंड के लोग प्रधानमंत्री तो चेंज कर सकते है, लेकिन राजा या रानी नहीं।
भारत के गणतंत्र प्रणाली
भारत में गणतांत्रिक प्रणाली है। भारत में सबसे उंचे पद पर राष्ट्रपति बैठते है, जिसे अप्रत्यक्ष रुप से ही, जनता ही चुनी होती है। साथ ही जनता हर 5 साल में राष्ट्रपति को बदलने का दायित्व रखती है। इसलिए भारत को एक लोकतांत्रिक देश होने के साथ-साथ गणतांत्रिक देश भी कहते है। गणतांत्रिक देश का मुखिया और संवैधानिक प्रमुख राष्ट्रपति होता है। यही हमारे देश की सबसे बड़ी विशेषता है।
आशा करते हैं कि यह ब्लॉग आपको जानिए क्या है। गणतंत्र दिवस का महत्व की पूर्ण जानकारी प्रदान करने में समर्थ रहा। अन्य महत्वपूर्ण और रोचक जानकारी के लिए हमारे अन्य ब्लॉग को अवश्य पढ़ें।
READ MORE –
रविंद्र नाथ टैगोर की जीवनी| Rabindranath Tagore Biography in Hindi
भारत के राज्य और उनकी राजधानी | Indian States and Capitals in Hindi