आज हम आपको Form 16 Kya Hai – फॉर्म 16 क्या होता है? फॉर्म 16 किसके लिए अनिवार्य है? के बारे में बताने जा रहे हैं. कृपया पूर्ण जानकारी के लिए इस ब्लॉग को अवश्य पढ़ें. और अन्य जानकारी के लिए नव जगत के साथ बने रहे.
यदि आपकी सैलरी में किसी कंपनी या संस्थान की ओर से TDS काटा जाता है, तो उसके प्रमाणित करने के लिए एक प्रकार का सर्टिफिकेट दिया जाता है. यह सर्टिफिकेट को ही फॉर्म 16 कहा जाता है, साथ ही इसे टीडीएस सर्टिफिकेट भी कहते हैं, टीडीएस इस बात का प्रमाण होता है, कि आपकी आमदनी पर टैक्स (TDS) कांटा गया है, और उस टैक्स में से कितना सरकार के पास जमा किया गया है.
फॉर्म 16 के अंदर कई जानकारियां दर्ज की जाती हैं, जैसे आपका नाम, पता, PAN नंबर के साथ-साथ, आपकी सैलरी और उस पर काटे गए TDS (टैक्स) आदि. साथ ही उस 16 फॉर्म के अंतर्गत टीडीएस काटने वाले का नाम, पता, PAN नंबर आदि भी दर्ज होता हैं. इससे आप यह पता कर सकते हैं, कि आपकी सैलरी से कितना TDS काटा गया है, टीडीएस किस रेट से काटा गया है, और यह टीडीएस कब-कब काटा गया है. साथ ही यह आप इनकम टैक्स रिटर्न दर्ज करते समय, अपनी ओर से भुगतान किए गए टैक्स के रूप में दिखा सकते हैं.
भारत में टीडीएस (TDS) कितनी सैलरी में कटता है? (bharat me tds kitni salary me katta hai)
हम आपको बता दें, कि भारत में जिस व्यक्ति की सैलरी प्रतिवर्ष 2.50 लाख रुपए तक होती है, उस पर टीडीएस टैक्स नहीं लगता है, और जिस व्यक्ति की सैलरी इससे अधिक होती है, उस पर टैक्स स्लैब के हिसाब से गणना करनी पड़ती है. और साथ ही टैक्स देनदारी बनने पर टैक्स भी देना पड़ता है. TDS कटौती के लिए भी वार्षिक आय की यही सीमा मानी जाती है.
फॉर्म 16 का सैंपल और उसमें दर्ज होने वाली जानकारियां (form 16 ka sample aur usme darj hone wali jankariya)
Form 16 में दर्ज डिटेल्स दो हिस्सों में बांटा जाता है, उन दोनों के बारे में नीचे निम्नलिखित रुप में बताया गया है, जो प्रकार हैं:-
पार्ट A मेंं मौजूद जानकारी (Part A me maujud jankari)
इस हिस्से में कर्मचारी और नियोक्ता (कंपनी) के बारे में बेसिक जानकारी दर्ज होते हैं, जैसे:-
- सर्टिफिकेट का नंबर
- कंपनी का नाम, पता, पैन नंबर, टैन नंबर
- कर्मचारी का नाम, पता, पैन नंबर
- असेसमेंट ईयर संख्या
- काटे गए और जमा किए गए TDS का ब्योरा (जमा की मात्रा, तारीख, चालान संख्या )
- TDS काटने वाले अधिकारी का नाम, पद, हस्ताक्षर
- फॉर्म 16 जारी करने की तारीख और स्थान
पार्ट B में मौजूद जानकारी (Part B me maujud jankari)
इस हिस्से में कर्मचारी की कमाई, और टैक्स संबधी पूरी जानकारी दर्ज की जाती है, जैसे:-
- सैलरी, भत्ते, अन्य स्रोतोंं से कमाई, टैक्स छूट वाले निवेश की जानकारी
- सेक्शन16 के अनुसार आनेवाले सभी तरह के डिडक्शन्स (HRA, Pension, Gratuity )
- सेक्शन 80C के अनुसार आने वाले सभी डिडक्शन्स (EPF, PPF, life insurance, ElSS)
- 80D, 80E, 80G, 80U, 80TTA आदि के अनुसार आने वाले सभी टैक्स डिडक्शन्स
- आपके कमाई के प्रत्येक स्रोतों से हुई कुल आमदनी और कुल चुकाया गया ट्रेक्स
- स्टैंडर्ड डिडक्शन, सेस, रिबेट, सरचार्ज आदि.
फॉर्म 16 किसके लिए अनिवार्य है? (form 16 kiske liye anivarya hai)
हम आपको बता दें कि कंपनियां फॉर्म 16 सामान्य रूप से उन्हीं कर्मचारियों के लिए जारी करती हैं, जिनकी सैलरी Tax काटने के काबिल होती है. जिनकी सेलरी टैक्स काटने के काबिल नहीं होती, उनको सामान्यत: ये फॉर्म नहीं दिया जाता. परंतु हम आपको बता दें, अगर किसी कर्मचारी का किसी अन्य आमदनी के स्रोत (ब्याज, किराया, पुरस्कार) पर TDS कटा है, तो उसके लिए उन्हें Form 16 A प्राप्त कराया जाता है.
फॉर्म 16 कहां से मिलता है ? (form 16 kaha se milta hai)
हम आपको बता दें कि फॉर्म 16 को आपकी कंपनी या employer के द्वारा जारी किया जाता है. साथ ही मार्च में एक वर्ष पूरा होने के बाद 31 MAY तक ये सर्टिफिकेट देना अनिवार्य होता है, साथ ही आपको जिस वर्ष में सैलरी मिली है, अगर आपको उसके 1 वर्ष पहले की पहली तिमाही में आपको दो या दो से अधिक कंपनियों से सैलरी मिली है, तो प्रत्येक कंपनी की ओर से अलग-अलग Form 16 जारी किया जाता है.
आशा करते हैं कि यह ब्लॉग आपको Form 16 Kya Hai – फॉर्म 16 क्या होता है? की पूर्ण जानकारी प्रदान करने में समर्थ रहा. अन्य महत्वपूर्ण और रोचक जानकारी के लिए हमारे अन्य ब्लॉग को अवश्य पढ़ें.
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