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दुनिया के 10 सबसे रहस्यमयी जगह जिन पर आपको यकीन नही होगा

हमारी पृथ्वी कई तरह के रहस्यों से भरी हुई है, कुछ रहस्य को तो सुलझा लिया गया है लेकिन आज भी सैकड़ों ऐसे रहस्य हैं, जिनको आज भी नहीं सुलझाया जा सका है. 

दोस्तों आज हम बात करेंगे दुनिया के कुछ ऐसे जगहों के बारे में जो बहुत ही अद्भुत हैं, जो देखने में किसी सपने से कम नहीं लगती, अगर आप भी दुनिया की इन अनोखी जगहों के बारे में जानना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें.

ड्रैगन ब्लड ट्री

ड्रैगन ब्लड ट्री

माना जाता है कि पेड़ों मे भी जान पाई जाती है, लेकिन हम इसे झूठ मानते हैं, तो आज हम बात करते हैं कैसे पेड़ की जिसे काटने या छीलने पर उस पेड़ से खून निकलता है. ड्रैगन ब्लड ट्री एक ऐसा रहस्मयी पेड़ है, जिसको काटने पर खून निकलता है, यह पेड़ यमन देश के Socotra शहर में पाया जाता है. इन ड्रैगन ब्लड ट्री को जब भी काटा जाता है, तो इनमें से खून निकलने लगता है. इस नजारे को देखने के लिए हर साल हजारों पर्यटक अनेकों देश से यमन देश पहुंचते हैं. ड्रैगन ब्लड ट्री की उम्र लगभग 650 साल मानी जाती है, और इस पेड़ की लंबाई 10 से 12 मीटर तक होती है. ड्रैगन ब्लड ट्री की लंबाई हर 10 साल में मात्र 1 मीटर ही बढ़ती है, इसलिए इसे एक जादुई पेड़ माना जाता है क्योंकि इंसान के खून में अनेकों प्रकार की होने वाली बीमारियां ड्रैगन ब्लड ट्री के खून से ठीक हो जाती हैं. इसके लाल रंग के रस का उपयोग लोबान नामक पदार्थ बनाने के लिए भी किया जाता है

हिलर या सलाइन लेक

हिलर या सलाइन लेक

कहा जाता है कि पानी का कोई रंग नहीं होता है. लेकिन आज हम आपको एक ऐसी झील के बारे मे  बताएंगे जिसके पानी का रंग गुलाबी है, यह गुलाबी रंग के पानी वाला झील पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में उपस्थित है, यह झील बहुत ही छोटी है, इस झील का क्षेत्रफल मात्र 600 मीटर का है. हिलर या सलाइन लेक मे मौजूद दुनालीला सलिना सूक्ष्म ज़ीव पाया जाता है  जिसकी वजह से इसका रंग गुलाबी है, क्योंकि दुनालीला सलिना और झील में उपस्थित नमक लाल हेलोफिलिक मिलकर रेड डाई बनाते हैं, जिसके कारण इस झील में उपस्थित पानी गुलाबी रंग का दिखता है. नमक मे मौजूद लाल हेलोफिलिक करिटोनोइड होता है जो कि एक प्रमुख लाल रंग को छोड़ता है, हिलर या सलाइन झील मे भारी मात्रा में नमक होने के बाद भी इसमें तैरना या नहाना सुरक्षित माना जाता है आप इस झील में आराम से स्विमिंग का मजा ले सकते हैं हिलर या सलाइन  झील को पिंक लेक के नाम से भी जाना जाता है

आइस केव, आईसलैंड (बर्फ की गुफा)

आइस केव, आईसलैंड (बर्फ की गुफा)

दोस्तों अगर आपने इससे पहले कभी भी बर्फ की गुफा के बारे में नहीं सुना है तो चलिए आज हम आपको बर्फ की गुफा के बारे में बताते हैं, यह कैसी बर्फीली गुफा है जिसके बारे में शायद ही आपने पहले कभी सुना होगा, ऐसा कहा जाता है कि यहां इतनी ठंड होती है कि कोई भी मनुष्य यहां अधिक देर तक नहीं रह सकता है, इस गुफा का रंग समय-समय पर बदलता रहता है कभी सफेद तो कभी नीला नजर आता है, जो इस गुफा की खूबसूरती में चार चांद लगा देता है, इस गुफा की खूबसूरती इतनी लाजवाब है, कि इस बर्फ की गुफा को देखने के लिए हर साल यहां हजारों पर्यटक पहुंचते हैं.

फ्लाई गीजर

फ्लाई गीजर

फ्लाई गीजर पूरी तरह से एक प्राकृतिक घटना मानी जाती है, इसका निर्माण एक किसान के माध्यम से अनजाने में हो गया था. यह वाक्या अमेरिका के नवाड़ा का है, जहां एक किसान बंजर जमीन पर खेती करना चाहता था, जब किसान ने उस बंजर जमीन पर खोदना शुरू किया तो काफी गहराई तक खोजने के बाद उसे थोड़ी सफलता मिली लेकिन वह किसान तब चौक गया जब उसने देखा की यह पानी 200 डिग्री तापमान पर उबल रहा है, यह खतरनाक नजारा देखकर किसान पूरी तरह से घबरा गया और वहां से भाग निकला, इसके बाद जो हुआ हुआ है वाक्य और भी हैरान कर देने वाला है, समय के साथ धीरे – धीरे उस गरम पानी के गढ्ढे ने एक खूबसूरत रंग ले लिया, जो देखने में बहुत ही मनमोहक लगता है, इस फ्लाई गीजर के पानी में बहुत ही दुर्लभ मिनरल्स पाए जाते हैं, इस अप्लाई गीजर का पानी लगभग 5 फुट की ऊंचाई तक फव्वारे के रूप में जाता है. 

बैकल लेक

बैकल लेक

Tuquoise ice lake दुनिया की सबसे पुरानी मीठे जल की झीलों में से एक मानी जाती है, यह झील रूस के सबसे ठंडे और दुर्लभ क्षेत्र साइबेरिया में उपस्थित है.इसके आकर्षक होने की वजह से इसे पर्ल ऑफ रशिया का टाइटल भी दिया गया है, Tuquoise ice lake जितनी गहरी है उतने ही गहरे इसके रहते हैं, इस झील का निर्माण लगभग ढाई करोड़ साल पहले जमीन के नीचे हुई हलचल और tictonic प्लेट के खिसकने के वजह से हुआ था. Tuquoise ice lake झील की गहराई लगभग 642 मीटर है, और इसकी सतह का क्षेत्रफल 31722 वर्ग किलोमीटर है. इस झील में अनेकों दुर्लभ जीव पाए जाते हैं, सर्दियों के मौसम में इस झील का पानी बर्फ के रूप में जम जाता है, लेकिन इस झील का पानी इतना साफ होता है कि बर्फ के अंदर 130 फीट तक आप आसानी से देख सकते है, सर्दियों में बहुत से लोग इस खूबसूरत नजारे को देखने के जाते हैं.

नेट्रॉन लेक

नेट्रॉन लेक

आपने राजा मीदास के बारे में तो जरूर ही सुना होगा, वह जिस भी चीज को छूता था, वह सोने का बन जाता था. लेकिन क्या आपने कभी ऐसी झील के बारे में सुना है, कि जिसके पानी को जो भी छूता है, वह पत्थर बन जाता है. आज हम आपको एक ऐसी झील के बारे में बताने जा रहे हैं जो देखने में जितनी खूबसूरत दिखती है उतनी ही ज्यादा खतरनाक पी है यह झील तंजानिया मे स्थित है, इसके पानी को जो भी छूता है वह पत्थर का बन जाता है, फिर चाहे वह मनुष्य हो या फिर पशु पक्षी. वैज्ञानिकों का मानना है कि हाइड्रोजन, अल्कालीन साल्ट और लाइमस्टोन मौजूद होने के कारण जो भी इस झील के पानी को छूता है तो वह पत्थर का हो जाता है, इस स्थान का तापमान भी लगभग 60 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है. इस झील के पानी में एक ऐसा तत्व पाया जाता है जो ज्वालामुखी के राख में उपस्थित होता है, इस तत्व् का प्रयोग मिश्रवासि ममियों को बचाव व सुरक्षित रखने के लिए करते थे.

वेटोमो ग्लोवॉर्म गुफा

वेटोमो ग्लोवॉर्म गुफा

जरा सोचिये एक अंधेरी लंबी सुरंग मे किसी किनारे से हल्के नीले रंग की चमकदार रोशनी आ रही हो तो यह दृश्य कितना मनमोहक होगा, सोचने में ही कितना रोमांचक लगता है. असल में एक ऐसा ही नजारा आपको न्यूजीलैंड में समुद्र के किनारे पर देखने को मिल सकता है. यह cave New Zealand के north मे स्थित है, यहां बहुत ही ज्यादा मात्रा में glowworms पाए जाते हैं, जो बायोल्यूमिनिसेंट स्पीशीज के होते हैं और यह glowworms  केवल यही पाए जाते हैं. यह अजीब एक प्रकार की रासायनिक प्रक्रिया करते हैं, जिससे रोशनी पैदा होती है, यह रोशनी अपने शिकार को आकर्षित करने के लिए होती है, इस दौरान ये सिल्क जैसे लंबे जाल बुनते हैं ताकि इस में बसने वाले जीव का शिकार कर उसको अपना भोजन बनाया जा सके, इन जीवो की भूमि कितनी ज्यादा बढ़ती है वह उतनी ही ज्यादा रोशनी पैदा करते हैं इस दृश्य को देखने के लिए पर्यटकों का तांता हमेशा लगा रहता है, इस गुफा की खोज 18वीं सदी के अंत में की गई थी इस जगह का सुहाना मौसम पर्यटकों को  और भी ज्यादा आकर्षित करता है. 

अब्राहम झील

अब्राहम झील

अब्राहम झील करेगियन रॉकी माउंटेंस के बीच अल्बर्टा में स्थित है, इस झील  के पानी में मीथेन और बर्फ के जमे हुए बुलबुले दिखाई पड़ते हैं, जो इस झील की खूबसूरती में चार चांद लगा देते हैं. इसमें से निकलने वाले बुलबुले झील के अंदर मौजूद बैक्टीरिया द्वारा तब छोड़े जाते हैं, जब वह जमीन पर मौजूद किसी जीव जंतु को अपना भोजन बना लेते हैं. सर्दियों के मौसम में गैस बुलबुलों के रूप में जम जाती है, बर्फ के यह बुलबुले झील के साफ पानी के सतह से लेकर झील की गहराई तक साफ दिखाई देते हैं, इन्हें देखकर ऐसा लगता है कि बुलबुले किसी मीनार की तरह दिल की गहराइयों से उठकर ऊपर की तरफ आ रहे हो, झील का पानी पूरी तरह से जमा हुआ होता है इसलिए लोग इस पर चलना और बैठना अधिक पसंद करते हैं.

सन ऑफ हैवन

सन ऑफ हैवन

भारत के पड़ोसी देश चीन में अद्भुत प्राकृतिक धरोहर भी है जिसे पूरी दुनिया में सन ऑफ हैवन या Tianzi Mountains के नाम से जाना जाता है, इन पर्वतों को देखकर आपको कुछ देर के लिए ही सही लेकिन ऐसा लगेगा कि आप किसी और दुनिया में आ गए हैं, इस पूरे इलाके में मार्बल से बनी अनगिनत ऊंची ऊंची पहाड़ियां मौजूद है, जिसमें सबसे ऊंची चोटी की ऊंचाई समुद्र तल से 1262.5 मीटर है, एक अन्य विशेषता यहां का मौसम भी है जो हर समय बदलता रहता है, कभी एकदम साफ हो जाता है, तो कभी पूरा इलाका बादलों से ढक जाता है, यदि इस समय कोई भी व्यक्ति ऊंचाई से इस नजारे को देखें तो उसे science fiction मूवी नज़ारा देखने को मिलता है, जहाँ बादलों के ऊपर अनगिनत चोटियाँ दिखाई देती है.चीनी सरकार ने इस पूरे इलाके की खूबसूरती को देखने के लिए केवल कार की व्यवस्था कर रखी है, तथा पहाड़ियों के सहारे से Pathway भी बना रखा है.

नरक का दरवाजा

नरक का दरवाजा

नरक का दरवाजा तुर्कमेनिस्तान के दरवेश गांव में स्थित है, Door to Hell यानी कि नरक का दरवाजा कहे जाने वाला 230 फुट का गहरा गड्ढा है, जिसमें 1971 से लेकर अब तक लगातार प्राकृतिक आगे चल रही है Door to Hell यानी कि नरक का दरवाजा गड्ढे के निर्माण की कहानी भी अनोखी है, यह गांव रेगिस्तान एरिया में स्थित है. जहां तुर्कमेनिस्तान की 14 प्रतिशत आबादी अपना गुजर-बसर करती है, 1971 मे पूर्व सोवियत संघ के वैज्ञानिक इस desert area मे oil और gas की खोज करने के लिए आये और उन्होंने दरवेश गाँव के इस जगह को खुदाई के लिए चुना, उन्होंने यहां शटर लगाकर खुदाई करना शुरू कर दिया, लेकिन कुछ देर खुदाई करने के बाद यह जगह ढह गयी और यहाँ पर 230 फीट चौड़ा और 65 फीट गहरा गड्ढा बन गया, खतरनाक खतरनाक दुर्घटना में कोई भी जनहानि तो नहीं हुई लेकिन इस गड्ढे से बहुत ज्यादा मात्रा में मीथेन गैस निकलने लगी. इसको रोकने के लिए वैज्ञानिकों के पास दो विकल्प थे, या तो वे इस गड्ढे को बंद कर दें या इसमें आग लगा दी जाए वैज्ञानिकों ने दूसरा ऑप्शन चुना और इसमें आग लगा दी तब से लेकर अब तक इसमे आग जल रही है.

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हिलर या सलाइन लेक

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कहा जाता है कि पानी का कोई रंग नहीं होता है. लेकिन आज हम आपको एक ऐसी झील के बारे मे  बताएंगे जिसके पानी का रंग गुलाबी है, यह गुलाबी रंग के पानी वाला झील पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में उपस्थित है, यह झील बहुत ही छोटी है, इस झील का क्षेत्रफल मात्र 600 मीटर का है. हिलर या सलाइन लेक मे मौजूद दुनालीला सलिना सूक्ष्म ज़ीव पाया जाता है  जिसकी वजह से इसका रंग गुलाबी है, क्योंकि दुनालीला सलिना और झील में उपस्थित नमक लाल हेलोफिलिक मिलकर रेड डाई बनाते हैं, जिसके कारण इस झील में उपस्थित पानी गुलाबी रंग का दिखता है. नमक मे मौजूद लाल हेलोफिलिक करिटोनोइड होता है जो कि एक प्रमुख लाल रंग को छोड़ता है, हिलर या सलाइन झील मे भारी मात्रा में नमक होने के बाद भी इसमें तैरना या नहाना सुरक्षित माना जाता है आप इस झील में आराम से स्विमिंग का मजा ले सकते हैं हिलर या सलाइन  झील को पिंक लेक के नाम से भी जाना जाता है

आइस केव, आईसलैंड (बर्फ की गुफा)

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दोस्तों अगर आपने इससे पहले कभी भी बर्फ की गुफा के बारे में नहीं सुना है तो चलिए आज हम आपको बर्फ की गुफा के बारे में बताते हैं, यह कैसी बर्फीली गुफा है जिसके बारे में शायद ही आपने पहले कभी सुना होगा, ऐसा कहा जाता है कि यहां इतनी ठंड होती है कि कोई भी मनुष्य यहां अधिक देर तक नहीं रह सकता है, इस गुफा का रंग समय-समय पर बदलता रहता है कभी सफेद तो कभी नीला नजर आता है, जो इस गुफा की खूबसूरती में चार चांद लगा देता है, इस गुफा की खूबसूरती इतनी लाजवाब है, कि इस बर्फ की गुफा को देखने के लिए हर साल यहां हजारों पर्यटक पहुंचते हैं.

फ्लाई गीजर

फ्लाई गीजर

फ्लाई गीजर पूरी तरह से एक प्राकृतिक घटना मानी जाती है, इसका निर्माण एक किसान के माध्यम से अनजाने में हो गया था. यह वाक्या अमेरिका के नवाड़ा का है, जहां एक किसान बंजर जमीन पर खेती करना चाहता था, जब किसान ने उस बंजर जमीन पर खोदना शुरू किया तो काफी गहराई तक खोजने के बाद उसे थोड़ी सफलता मिली लेकिन वह किसान तब चौक गया जब उसने देखा की यह पानी 200 डिग्री तापमान पर उबल रहा है, यह खतरनाक नजारा देखकर किसान पूरी तरह से घबरा गया और वहां से भाग निकला, इसके बाद जो हुआ हुआ है वाक्य और भी हैरान कर देने वाला है, समय के साथ धीरे - धीरे उस गरम पानी के गढ्ढे ने एक खूबसूरत रंग ले लिया, जो देखने में बहुत ही मनमोहक लगता है, इस फ्लाई गीजर के पानी में बहुत ही दुर्लभ मिनरल्स पाए जाते हैं, इस अप्लाई गीजर का पानी लगभग 5 फुट की ऊंचाई तक फव्वारे के रूप में जाता है. 

बैकल लेक

बैकल लेक

Tuquoise ice lake दुनिया की सबसे पुरानी मीठे जल की झीलों में से एक मानी जाती है, यह झील रूस के सबसे ठंडे और दुर्लभ क्षेत्र साइबेरिया में उपस्थित है.इसके आकर्षक होने की वजह से इसे पर्ल ऑफ रशिया का टाइटल भी दिया गया है, Tuquoise ice lake जितनी गहरी है उतने ही गहरे इसके रहते हैं, इस झील का निर्माण लगभग ढाई करोड़ साल पहले जमीन के नीचे हुई हलचल और tictonic प्लेट के खिसकने के वजह से हुआ था. Tuquoise ice lake झील की गहराई लगभग 642 मीटर है, और इसकी सतह का क्षेत्रफल 31722 वर्ग किलोमीटर है. इस झील में अनेकों दुर्लभ जीव पाए जाते हैं, सर्दियों के मौसम में इस झील का पानी बर्फ के रूप में जम जाता है, लेकिन इस झील का पानी इतना साफ होता है कि बर्फ के अंदर 130 फीट तक आप आसानी से देख सकते है, सर्दियों में बहुत से लोग इस खूबसूरत नजारे को देखने के जाते हैं.

नेट्रॉन लेक

नेट्रॉन लेक

आपने राजा मीदास के बारे में तो जरूर ही सुना होगा, वह जिस भी चीज को छूता था, वह सोने का बन जाता था. लेकिन क्या आपने कभी ऐसी झील के बारे में सुना है, कि जिसके पानी को जो भी छूता है, वह पत्थर बन जाता है. आज हम आपको एक ऐसी झील के बारे में बताने जा रहे हैं जो देखने में जितनी खूबसूरत दिखती है उतनी ही ज्यादा खतरनाक पी है यह झील तंजानिया मे स्थित है, इसके पानी को जो भी छूता है वह पत्थर का बन जाता है, फिर चाहे वह मनुष्य हो या फिर पशु पक्षी. वैज्ञानिकों का मानना है कि हाइड्रोजन, अल्कालीन साल्ट और लाइमस्टोन मौजूद होने के कारण जो भी इस झील के पानी को छूता है तो वह पत्थर का हो जाता है, इस स्थान का तापमान भी लगभग 60 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है. इस झील के पानी में एक ऐसा तत्व पाया जाता है जो ज्वालामुखी के राख में उपस्थित होता है, इस तत्व् का प्रयोग मिश्रवासि ममियों को बचाव व सुरक्षित रखने के लिए करते थे.

वेटोमो ग्लोवॉर्म गुफा

वेटोमो ग्लोवॉर्म गुफा

जरा सोचिये एक अंधेरी लंबी सुरंग मे किसी किनारे से हल्के नीले रंग की चमकदार रोशनी आ रही हो तो यह दृश्य कितना मनमोहक होगा, सोचने में ही कितना रोमांचक लगता है. असल में एक ऐसा ही नजारा आपको न्यूजीलैंड में समुद्र के किनारे पर देखने को मिल सकता है. यह cave New Zealand के north मे स्थित है, यहां बहुत ही ज्यादा मात्रा में glowworms पाए जाते हैं, जो बायोल्यूमिनिसेंट स्पीशीज के होते हैं और यह glowworms  केवल यही पाए जाते हैं. यह अजीब एक प्रकार की रासायनिक प्रक्रिया करते हैं, जिससे रोशनी पैदा होती है, यह रोशनी अपने शिकार को आकर्षित करने के लिए होती है, इस दौरान ये सिल्क जैसे लंबे जाल बुनते हैं ताकि इस में बसने वाले जीव का शिकार कर उसको अपना भोजन बनाया जा सके, इन जीवो की भूमि कितनी ज्यादा बढ़ती है वह उतनी ही ज्यादा रोशनी पैदा करते हैं इस दृश्य को देखने के लिए पर्यटकों का तांता हमेशा लगा रहता है, इस गुफा की खोज 18वीं सदी के अंत में की गई थी इस जगह का सुहाना मौसम पर्यटकों को  और भी ज्यादा आकर्षित करता है. 

अब्राहम झील

अब्राहम झील

अब्राहम झील करेगियन रॉकी माउंटेंस के बीच अल्बर्टा में स्थित है, इस झील  के पानी में मीथेन और बर्फ के जमे हुए बुलबुले दिखाई पड़ते हैं, जो इस झील की खूबसूरती में चार चांद लगा देते हैं. इसमें से निकलने वाले बुलबुले झील के अंदर मौजूद बैक्टीरिया द्वारा तब छोड़े जाते हैं, जब वह जमीन पर मौजूद किसी जीव जंतु को अपना भोजन बना लेते हैं. सर्दियों के मौसम में गैस बुलबुलों के रूप में जम जाती है, बर्फ के यह बुलबुले झील के साफ पानी के सतह से लेकर झील की गहराई तक साफ दिखाई देते हैं, इन्हें देखकर ऐसा लगता है कि बुलबुले किसी मीनार की तरह दिल की गहराइयों से उठकर ऊपर की तरफ आ रहे हो, झील का पानी पूरी तरह से जमा हुआ होता है इसलिए लोग इस पर चलना और बैठना अधिक पसंद करते हैं.

सन ऑफ हैवन

सन ऑफ हैवन

भारत के पड़ोसी देश चीन में अद्भुत प्राकृतिक धरोहर भी है जिसे पूरी दुनिया में सन ऑफ हैवन या Tianzi Mountains के नाम से जाना जाता है, इन पर्वतों को देखकर आपको कुछ देर के लिए ही सही लेकिन ऐसा लगेगा कि आप किसी और दुनिया में आ गए हैं, इस पूरे इलाके में मार्बल से बनी अनगिनत ऊंची ऊंची पहाड़ियां मौजूद है, जिसमें सबसे ऊंची चोटी की ऊंचाई समुद्र तल से 1262.5 मीटर है, एक अन्य विशेषता यहां का मौसम भी है जो हर समय बदलता रहता है, कभी एकदम साफ हो जाता है, तो कभी पूरा इलाका बादलों से ढक जाता है, यदि इस समय कोई भी व्यक्ति ऊंचाई से इस नजारे को देखें तो उसे science fiction मूवी नज़ारा देखने को मिलता है, जहाँ बादलों के ऊपर अनगिनत चोटियाँ दिखाई देती है.चीनी सरकार ने इस पूरे इलाके की खूबसूरती को देखने के लिए केवल कार की व्यवस्था कर रखी है, तथा पहाड़ियों के सहारे से Pathway भी बना रखा है.

नरक का दरवाजा

नरक का दरवाजा

नरक का दरवाजा तुर्कमेनिस्तान के दरवेश गांव में स्थित है, Door to Hell यानी कि नरक का दरवाजा कहे जाने वाला 230 फुट का गहरा गड्ढा है, जिसमें 1971 से लेकर अब तक लगातार प्राकृतिक आगे चल रही है Door to Hell यानी कि नरक का दरवाजा गड्ढे के निर्माण की कहानी भी अनोखी है, यह गांव रेगिस्तान एरिया में स्थित है. जहां तुर्कमेनिस्तान की 14 प्रतिशत आबादी अपना गुजर-बसर करती है, 1971 मे पूर्व सोवियत संघ के वैज्ञानिक इस desert area मे oil और gas की खोज करने के लिए आये और उन्होंने दरवेश गाँव के इस जगह को खुदाई के लिए चुना, उन्होंने यहां शटर लगाकर खुदाई करना शुरू कर दिया, लेकिन कुछ देर खुदाई करने के बाद यह जगह ढह गयी और यहाँ पर 230 फीट चौड़ा और 65 फीट गहरा गड्ढा बन गया, खतरनाक खतरनाक दुर्घटना में कोई भी जनहानि तो नहीं हुई लेकिन इस गड्ढे से बहुत ज्यादा मात्रा में मीथेन गैस निकलने लगी. इसको रोकने के लिए वैज्ञानिकों के पास दो विकल्प थे, या तो वे इस गड्ढे को बंद कर दें या इसमें आग लगा दी जाए वैज्ञानिकों ने दूसरा ऑप्शन चुना और इसमें आग लगा दी तब से लेकर अब तक इसमे आग जल रही है.