देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस को आज उसका नया अध्यक्ष मिल गया साथ ही 24 साल बाद गांधी परिवार के बाहर का कोई नेता अध्यक्ष चुना गया है. बता दें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मलिकार्जुन खड़गे कांग्रेस के नए अध्यक्ष चुने गए हैं.
8000 वोट मिले खड़गे को
कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर के बीच मुकाबला था दोनों उम्मीदवारों की तरफ से पांच पांच एजेंट मतगणना पर नजर रखें हुई थें जबकि दोनों पक्षों से दो एजेंट रिजर्व में खड़े थें कुल 9915 वोटरों में से 9500 से ज्यादा लोगों ने वोटिंग की थी जिसमें से खड़गे को करीब 8000 वोट मिले हैं और थरूर हो हराते हुए खड़गे कांग्रेस के नए बॉस बन गए शशि थरूर ने भी खड़गे को बधाई देते हुए कहा कांग्रेस का अध्यक्ष बनना सम्मान की बात है. इससे पहले थरूर के एजेंट ने चुनाव के दौरान उत्तर प्रदेश के पोलिंग बूथ पर गड़बड़ी की बात कही थी बता दें 17 अक्टूबर को चुनाव हुआ था जिसका परिणाम आज आया और खड़गे ने जीत हासिल की. बता दें 137 साल के कांग्रेस के इतिहास में छठी बार अध्यक्ष का चुनाव हुआ
गांधी परिवार के करीबी खड़गे
वोटों की गिनती दिल्ली के कांग्रेस के मुख्यालय में हुई. वोटों की गिनती जब से शुरू हुई थी कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेता खड़गे के जीत की उम्मीद जाता रहें थें. मलिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर के बीच हुए मुकाबला में खड़गे का ही पलड़ा भारी था क्योंकि खड़गे गांधी परिवार के करीबी माने जाते हैं और कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेताओं का समर्थन खड़गे के साथ था ऐसे में उनकी जीत तय मानी जा रही थी.
क्या खड़गे पार्टी में लाएंगे बदलाव
इस वक्त कांग्रेस पार्टी बुरे दौर से गुजर रही है एक समय था जब पूरे देश में पार्टी की सत्ता हुआ करती थी आज सिर्फ दो राज्यों में सिमट कर रह गई है ऐसे में खड़गे का अध्यक्ष बनना एक बड़ी बात है . लेकिन अगर वहीं दूसरे पहलुओं पर गौर करें तो इससे पार्टी में बगावत भी दिखाई दे सकती है क्योंकि खड़गे गांधी परिवार के करीबी माने जाते हैं और सारे बड़े नेताओं का समर्थन उनके साथ ही था ऐसे में थरूर अकेले पड़ गए थे और शशि थरूर युवा कांग्रेस नेताओं में ज्यादा लोकप्रिय हैं ऐसे में हो सकता है पक्षपात का आरोप पार्टी पर थरुर के समर्थक लगा सकते हैं.
खड़गे अध्यक्ष और पार्टी कमान गांधी परिवार के हाथ में ?
अगर इतिहास पर नजर डाले तो भले ही कांग्रेस पार्टी से प्रधानमंत्री कोई भी बना हो लेकिन सारे फैसले गांधी परिवार के ही होते थें ऐसे में भले ही पार्टी और जनता खड़गे के अध्यक्ष बनने पर पार्टी में बदलाव की उम्मीद जताती हो लेकिन खड़गे भले भी अध्यक्ष पद पर काबिज हैं लेकिन पार्टी के सारे फैसले गांधी परिवार के ही होंगे अब ऐसे में पार्टी में बदलाव आना थोड़ा मुश्किल नजर आ रहा है.