आज हम आपको Cloud Computing क्या होता है? के बारे में बताने जा रहे हैं. कृपया पूर्ण जानकारी के लिए इस ब्लॉग को अवश्य पढ़ें. और अन्य जानकारी के लिए नव जगत के साथ बने रहे.
क्लाउड कंप्यूटिंग एक प्रकार का ऑन डिमांड Cloud Computing होता है, जिसका मुख्य कार्य डाटा को स्टोर करना होता है, यह एक ऐसा एप्लीकेशन होता है, जिसे आप सीधे कनेक्ट नहीं कर सकते, क्योंकि इसको कनेक्ट करने के लिए एक प्रकार का मैनेजमेंट डाटा सेंटर होता है. जो कुछ ही लोगों के लिए अवेलेबल होता है, क्लाउड कंप्यूटिंग एक ऐसी कंप्यूटिंग है, जो अनुप्रयोग को संभालने के लिए एक सरवरिया व्यक्तिगत उपकरणों के जगह पर कंप्यूटर संस्थानों पर निर्भर होती है, इसे सेवाओं और इंटरनेट पर वितरित किया जाता है, क्लाउड ग्राहक का भुगतान व्यवसाय मॉडल के रूप में किया जाता है.
Cloud Computing कैसे काम करता है? (cloud computing kaise kaam karta hai)
हम आपको बता दें, कि क्लाउड कंप्यूटिंग टेक्नोलॉजी को बनाने के लिए कई प्रकार के कंप्यूटर्स, सर्वर्स, डेटा बेस, स्टोरेज, सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन का उपयोग किया गया है. क्लाउड कंप्यूटिंग टेक्नोलॉजी को एक्सेस करने के लिए उपयोगकर्ताओं के पास कोई एप्लीकेशन या सॉफ्टवेयर होना बेहद आवश्यक होता है, परंतु कुछ ऐसे भी क्लाउड बेस्ड सर्विस वेबसाइट होती है जिसके माध्यम से आप अपनी सर्विस बड़े ही आसानी के साथ कर सकते हैं, इन वेबसाइटों को आप वेब ब्राउज़र द्वारा भी एक्सेस किया जा सकता है.
हम आपको बता दें, कि cloud-computing एक ऐसा एप्लीकेशन है, जिसके माध्यम से आप बड़े ही आसानी से अपने कार्य कर सकते हैं, परंतु उस कार्य को करने के लिए कई प्रकार के हार्डवेयर, डेटाबेस, कंप्यूटिंग पॉवर और स्टोरेज की आवश्यकता होती है, और ये सभी चीजें cloud network खुद manage कर लेता है, जिससे आपको इसकी चिंता करने की आवश्यकता नहीं होती है.
क्लाउड कंप्यूटिंग के प्रकार (cloud computing ke prakar)
Cloud computing मुख्य रूप से चार प्रकार के होते हैं, जिनके बारे में नीचे निम्नलिखित रुप में बताया गया है, जो इस प्रकार हैं:-
1. Public Cloud-
public cloud एक ऐसा एप्लीकेशन है, जहां आपके द्वारा की गई सर्विस को ऑफ साइड स्टोर किया जाता है, और उसके पश्चात इंटरनेट पर एक्सेस किया जाता है, साथ ही इसी के माध्यम से Storage को Google या Microsoft जैसे बाहर की organization कंपनियों को manage किया जाता है. यह service flexibility और लागत बचत का सबसे बड़ा स्तर प्रदान करती है, साथ ही आपको बता दें, कि यह private clouds की तुलना में अधिक असुरक्षित होती है.
2. Private Cloud-
private cloud को अगर हम सरल शब्दों में कहें, तो इसका उपयोग cloud की service केवल किसी particular organization के लिए ही कर सकती है. क्योंकि इसका उपयोग करना general के लिये accessible नही होता है. हम आपको बता दें कि ऐसा नहीं होता है, कि जो organization इसे access कर रहा है, वही इसे manage करेगा. इसे कोई 3rd party भी manage कर सकता हैं.
3. Hybrid Cloud –
हम आपको बता दें, कि Hybrid Cloud को पब्लिक क्लाउड और प्राइवेट क्लाउड दोनों को ही मिलाकर बनाया जाता है, क्योंकि इसका कुछ हिस्सा पब्लिक के लिए अवेलेबल होता है, और कुछ हिस्सा प्राइवेट होता है, जिसके कारण कुछ ऑर्गेनाइजेशन ही इसको access कर पाते हैं.
4. Community Cloud –
ऐसा प्लेटफॉर्म जिसका उपयोग दो या दो से अधिक ऑर्गेनाइजेशन आपस में मिलकर करते हैं, जहां से वे आपस में जानकारियां शेयर कर सके, तो उसे कम्युनिटी क्लाउड कहा जाता है.
Cloud Computing के फायदे (cloud computing ke fayde)
कॉस्ट कम होता है
Cloud Computing का उपयोग करने से आपको अपने दूसरे इक्विपमेंट के ऊपर ज्यादा पैसा खर्च करने की आवश्यकता नहीं होगी. साथ ही यह आपको प्रत्येक प्रकार की सिक्योरिटी उपलब्ध कराता है.
डाटा को सुरक्षा प्रदान करता है
हम आपको बता दें कि क्लाउड कंप्यूटिंग आपके डाटा को पूरी तरह से सुरक्षा उपलब्ध कराता है. साथ ही यह आपके डाटा को सिक्योर रखने के लिए अपने कई प्रकार के फीचर्स का उपयोग करता है.
डिजास्टर रिकवरी
हम आपको बता दें, कि प्रत्येक ऑर्गेनाइजेशन के लिए डाटा लॉस होना एक बहुत बड़ा हादसा होता है, इसलिए कई ऑर्गेनाइजेशंस अपने डेटा को सुरक्षित रखने के लिए क्लाउड कंप्यूटिंग का उपयोग करते हैं, क्योंकि अगर आपका डाटा डिलीट हो जाता है, तो इसमें आप अपने डाटा को रिकवर कर सकते हैं.
आपको पूरा कंट्रोल देता है
Cloud Computing के द्वारा आप अपने डाक्यूमेंट्स पर पूरा कंट्रोल कर सकते हैं, जैसा कि कभी-कभी ऐसा होता है, कि आपके डॉक्यूमेंट खराब हो जाते हैं, तो आप उनको क्लाउड कंप्यूटिंग के सहायता से बड़े ही आसानी के साथ सही कर सकते हैं.
आशा करते हैं कि यह ब्लॉग आपको Cloud Computing क्या होता है? की पूर्ण जानकारी प्रदान करने में समर्थ रहा. अन्य महत्वपूर्ण और रोचक जानकारी के लिए हमारे अन्य ब्लॉग को अवश्य पढ़ें.
आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए: –
Antivirus Kya Hai – एंटीवायरस कितने प्रकार के होतें हैं?
Programming Language Kya Hai – प्रोग्राम किसे कहते है?
DigiLocker App Kya Hai – डिजिलॉकर ऐप क्या होता है?
Yahoo Search Engine किसने बनाया
वर्डप्रेस क्या है और इसके फायदे
VoLTE और LTE में क्या अंतर होता है?