आज हम आपको बुध ग्रह के बारे में बताने जा रहे हैं. कृपया पूर्ण जानकारी के लिए इस ब्लॉग को अवश्य पढ़ें. और अन्य जानकारी के लिए नव जगत के साथ बने रहे.
बुध ग्रह सौरमंडल के चार स्थलीय ग्रहों में से एक है, साथ ही यह सौर प्रणाली का पहला सदस्य है, तथा यह पृथ्वी के समान एक चट्टानी पिंड है, यह 2,439.7 किमी की विषुववृत्तिय त्रिज्या वाला सौरमंडल का सबसे छोटा ग्रह है. जो कि सौरमंडल के बड़े उपग्रहों गेनिमेड और टाइटन से भी छोटा है, परंतु यह उन सभी उपग्रहों से वजन में अधिक है क्योंकि बुध ग्रह लगभग 70% धातु व 30% सिलिकेट पदार्थ का बना है. जिसके कारण यह देखने में छोटा परंतु वजन में अधिक है.
बुध ग्रह सूर्य के चक्कर कितने दिनों में लगाता है?
जैसा कि आप सभी जानते हैं कि बुध ग्रह सूर्य के सबसे नजदीकी है. इसलिए यह पूरा गोलाकार परिपथ में नहीं घूमता है. क्योंकि बुध ग्रह की सूर्य से दूरी लगभग 46 करोड किलोमीटर है, इसलिए यह 70,000,000 किलोमीटर के दायरे में घूमता हैं. और यही कारण है, कि बुध ग्रह को सूर्य का एक चक्कर लगाने मे मात्र 88 दिनों का समय लगता है.
बुध ग्रह को कब देखा जा सकता है?
बुध ग्रह सूर्य उगने से पहले या फिर सूर्य के डूबने के ठीक थोड़ी देर बाद ही दिखाई देता है, अगर आपको बुध ग्रह को देखना है, तो आप को सूर्य के उगने से पहले सूर्य के उगने की दिशा की ओर देखना होगा.
बुध ग्रह की खोज कब और किसने की?
अगर हम इतिहास की बात करें तो सबसे पहले बुध ग्रह को 3,000 BC के आसपास sumerians द्वारा देखा गया था. परंतु यह स्पष्ट नहीं था कि यह एक ग्रह ही है इसलिए कई वैज्ञानिकों ने इसकी खोज करते ही रहे परंतु अंत में गैलिलियो गैलिली नामक वैज्ञानिक ने धरती के टेलिस्कोप के माध्यम से इस ग्रह को देखा. साथ ही यह विश्व के पहले ऐसे इंसान थे जिन्होंने बुध ग्रह को देखा.
बुध ग्रह का तापमान कितना है?
सूर्य के सबसे नजदीकी होने के बावजूद भी बुध ग्रह दूसरा सबसे गर्म ग्रह है, ऐसा इसलिए है क्योंकि बुध ग्रह की सतह सूर्य की तरफ होती है जिसके कारण बुध ग्रह का तापमान 427 डिग्री सेल्सियस और पिछले हिस्से का तापमान -173 डिग्री सेल्सियस के आसपास होता है, तापमान में इतना ज्यादा अंतर होने के कारण ही इसमें कोई भी वातावरण उपस्थित नहीं है.
बुध पर अब तक कितने अंतरिक्ष यान भेजे जा चुके हैं?
बुध ग्रह पर अब तक मुख्य रूप से तीन अंतरिक्ष यान भेजे जा चुके हैं जिसमें से 2 अंतरिक्ष यान बुध की कक्षा पर पहुंच पाए और एक अंतरिक्ष में ही नष्ट हो गया अब हम आपको उन्हीं अंतरिक्ष यानो के बारे में विस्तार से बताएंगे:-
मेरिनर-10 (Mariner-10) यह अंतरिक्ष यान वर्ष 1974-75 के बीच के समय तीन बार बुध ग्रह के पास से गुजरा और इसकी सतह का आधा मानचित्रण किया. परंतु 24 मार्च सन1975 को इसका ईंधन ख़त्म हो गया. और ऐसा माना जाता है कि यह आज भी सूर्य की परिक्रमा कर रहा है.
बुध ग्रह पर भेजे जाने वाला दूसरा अंतरिक्ष यान मैसेंजर प्रोब (MESSENGER Probe) था, जिसे 3 अगस्त 2004 को पृथ्वी से लांच किया गया था. और यह सफलतापूर्वक 18 मार्च 2011 को बुध ग्रह की कक्षा में पहुंचा. इस अंतरिक्ष यान का मुख्य उद्देश्य बुध के उच्च घनत्व, उसके भूवैज्ञानिक इतिहास, उसके चुंबकीय क्षेत्र की प्रकृति और अन्य जानकारियों का पता लगाना था. वर्ष 2012 में इस अंतरिक्ष यान का मिशन पूर्ण हो गया, किंतु, ईंधन शेष होने के कारण इसका मिशन 2 वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया था. बुध की सतह के 90% भाग के बारे में जानकारी इस मिशन द्वारा प्राप्त हुई. 3 अप्रेल वर्क 2015 को इसे बुध की सतह से टकराकर नष्ट कर दिया गया.
बुध ग्रह पर भेजा जाने वाला तीसरा अंतरिक्ष यान एरियन-5 (Ariane-5) है. इस अंतरिक्ष यान को बुध ग्रह पर 20 अक्टूबर 2018 को यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (European Space Agency) और जापान एरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (Japan Aerospace Exploration Agency – JAXA) का संयुक्त मिशन बेपिकोलम्बो (BepiColombo) के तहत भेजा गया था. इसके वर्ष 2025 तक बुध तक पहुँचने की संभावना है.
आशा करते हैं कि यह ब्लॉग आपको बुध ग्रह की पूर्ण जानकारी प्रदान करने में समर्थ रहा. अन्य महत्वपूर्ण और रोचक जानकारी के लिए हमारे अन्य ब्लॉग को अवश्य पढ़ें.
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