आज हम आपको भारत में उगने वाले फलों के नाम के बारे में बताने जा रहे हैं। कृपया पूर्ण जानकारी के लिए इस ब्लॉग को अवश्य पढ़ें। और अन्य जानकारी के लिए नव जगत के साथ बने रहे।
मानव जीवन में फलों का अत्यधिक महत्व होता है। क्योंकि फलों में सभी प्रकार के विटामिन, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, पोटेशियम और अन्य महत्वपूर्ण पोषक तत्व पाए जाते हैं। फलों की कई प्रजातियां भी होती हैं। देखा जाए तो फल हमेशा पेड़ पर ही लगते हैं। लेकिन कुछ फल ऐसे भी होते हैं। जो जमीन पर ही उगते हैं। फल अनेक प्रकार के होते हैं। कुछ फलों में बीज अधिक होता है। और कुछ फलो में बीज नहीं पाए जाते हैं। फलों में आम को राजा माना गया है।
भारत में होने वाले फल
1 नींबू – भारत के 5 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में खट्टे फलों की खेती की जाती है। खट्टे फलों का कुल क्षेत्रफल 13% है। खट्टे फलों को महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, कर्नाटक तथा उत्तर पूर्वी पहाड़ी राज्यों में उगाया जाता है।
2 केला – केले की खेती के लिए ट्रॉपिकल जलवायु की आवश्यकता होती है। इसलिए इस फल को उत्तरी भारत में 700 से 800 मीटर ऊंचाई तक और दक्षिण भारत में 1500 मीटर की ऊंचाई पर उगाया जाता है। अधिक पाला पड़ने से केला की फसल खराब हो जाती है। इसलिए केले की खेती को अधिकतर सागर के निकटवर्ती मैदानों में की जाती है। केले की खेती करने के लिए 150 से 250 सेंटीमीटर वर्षा की जरूरत होती है। यदि वर्षा की कमी हो तो सिंचाई का प्रबंध करना चाहिए क्षेत्रफल के आधार पर केला उत्पादन में भारत का विश्व में तीसरा स्थान है। तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात, आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, उत्तर प्रदेश तथा मध्य प्रदेश केले की खेती करने वाले प्रमुख राज्य हैं। उत्तर पूर्वी भारत के राज्य में भी केलो की खेती की जाती है।
3 अमरूद – अमरूद अर्धऊष्ण जलवायु का फल है। अमरूद के फल के लिए सर्दी का समय उपयोगी माना गया है। अमरूद का फल शुष्क जलवायु को सहन करने की क्षमता रखता है। यदि वर्षा 250 सेंटीमीटर से अधिक होती है। तो अमरूद के पेड़ों को हानि पहुंचती है। अमरुद 500 मीटर की ऊंचाई तक उगता है। अमरूद उत्पादन में विश्व में भारत का पांचवा स्थान है। लगभग 1.5 लाख हेक्टेयर भूमि पर अमरूद के बगीचे है। अमरूद को सभी राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में उगाया जाता है।
4 सेब – सेब के अधिकतर बगीचे 500 से 2000 मीटर की ऊंचाई तक पाए जाते हैं। सेब की खेती के लिए उचित तापमान 15 डिग्री सेल्सियस से 20 डिग्री सेल्सियस की आवश्यकता होती है। जिस वर्ष अधिक बर्फ गिरती है। या बर्फबारी होती है। उस वर्ष सेब की अच्छी फसल होने की संभावना रहती है। जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश उत्तराखंड, तथा अरुणाचल प्रदेश में सेब की खेती प्रमुख रूप से की जाती है।
5 पपीता – पपीता उष्णकटिबंधीय फल है। अधिक पाला पढ़ने से पपीता की फसल खराब हो जाती है। फल पकते समय शुष्क जलवायु अधिक लाभदायक मानी जाती है। पपीता 300 मीटर की ऊंचाई तक उगाया जा सकता है। पपीता की खेती के लिए 18 डिग्री सेल्सियस से 40 डिग्री सेल्सियस तापमान उचित माना गया है। पपीते की खेती मुख्य रूप से आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु, हरियाणा और मध्य प्रदेश में की जाती है।
6 अंगूर – अंगूर की खेती कुल क्षेत्रफल के केवल 1.15 प्रतिशत भाग पर उगाया जाता है। तथा फलों के कुल उत्पादन में अंगूर की 2.6% भागीदारी होती है। अंगूर उत्पादन करने वाले राज्य में महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु शामिल है।
7 लीची – लीची हमारी सेहत के लिए बहुत ही ज्यादा उपयोगी है। लीची के फल को निर्यात करने से भारत की सरकार को विदेशी मुद्रा भी मिलती है। 1990 में लीची के क्षेत्रफल में अधिक वृद्धि हुई है। लीची की खेती उत्तराखंड, बिहार, पश्चिम, बंगाल, असम, पंजाब और हरियाणा में मुख्य रूप से की जाती है।
रसभरी – एक समय पर जंगली फल के रूप में देखा जाने वाला ये फल आज एक्ज़ॉटिक फलों की कैटगरी में गिना जाता है और बड़े-बड़े होटल्स और बेकरियों में डेज़र्ट्स और दूसरी डिशेज़ में सजावट के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। पतले कागजी छिलके में लिपटी रसभरी देखने में बेहद खूबसूरत लगती है। रसभरी का फल काफी हद तक छोटे से टमाटर जैसा लगता है। कच्चा फल हरे या हल्के पीले रंग का होता है और स्वाद में बेहद खट्टा होता है और पक जाने के बाद गहरे नारंगी रंग का और काफी मीठा स्वाद होता है।
अनानास – भारत में अनानास की खेती लगभग आधे लाख हेक्टेयर भूमि पर की जाती है. अनानास को 20 डिग्री सेल्सियस से 30 डिग्री सेल्सियस तापमान की आवश्यकता होती है. लगभग 150 सेंटीमीटर वर्षा की आवश्यकता होती है. अनानास की खेती अधिकतम मेघालय,केरल, पश्चिम बंगाल, बिहार, तमिलनाडु, कर्नाटक और अंडमान निकोबार दीप समूह के क्षेत्रों में की जाती है. और इसकी खेती के क्षेत्रफल में निरंतर वृद्धि की जा रही है.
जामुन – जामुन एक सदाबहार फल है जो बैगनी रंग का होता है इसके पेड़ मुख्यतः दक्षिणी एशिया में अधिकतर पाए जाते हैं जामुन के फल कई तरह के होते हैं यह एक स्वादिष्ट फल है जो खाने में अम्लीय, कसैला और हल्का सा मीठा होता है यह हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होता है. क्योंकि इस फल में विटामिन बी, प्रोटीन ,फाइबर और मैग्नीशियम उपलब्ध होता है जिसके कारण जामुन हमें कई रोगों से बचाने के लिए उपयोग में आता है।
आशा करते हैं कि यह ब्लॉग आपको भारत में उगने वाले फलों के नाम की पूर्ण जानकारी प्रदान करने में समर्थ रहा। अन्य महत्वपूर्ण और रोचक जानकारी के लिए हमारे अन्य ब्लॉग को अवश्य पढ़ें।
RELATED –
बालों को झड़ने से रोकने व मजबूत बनाने के घरेलू उपाय | Hair Fall Treatment in Hindi
सुबह टहलने से क्या फायदे होते हैं| Morning Walk Benefits in Hindi
मुंह जीभ, गला और होठों मे छाले होने के कारण व घरेलू उपचार
चेहरे से दाग व काले धब्बे हटाने के घरेलू उपाय |Acne scar Treatment at Home in Hindi