महिलाओं और पुरुषों के पेशाब करने का तरीका काफी अलग होता है, एक और जहां महिलाएं बैठकर पेशाब करती हैं, तो वहीं दूसरी ओर अधिकतर पुरुष खड़े होकर अपना मूत्र निकालते हैं, पुरुषों के पेशाब करने के तरीके पर समय-समय पर वैज्ञानिक इस पर चर्चा करते हैं, कुछ लोगों का मानना है, कि पुरुषों को भी बैठकर पेशाब करना चाहिए, तो वहीं कुछ लोग मानते हैं, कि पुरुषों को खड़े होकर ही पेशाब करना चाहिए, वहीं कुछ लोगों का नजरिया है कि पेशाब करते समय साफ-सफाई का ध्यान रखना रखना होता है.
कुछ पुरुष ऐसे होते हैं जो बैठकर पेशाब करते हैं, ताकि उनके पैरों पर गंदगी ना फैल सके, लेकिन कुछ लोग जल्दबाजी में हमेशा खड़े होकर ही पेशाब करना पसंद करते हैं, ऐसे में हमारे मन में यह सवाल उठता है, कि आखिर पुरुषों को किस तरीके से पेशाब करना चाहिए, आइए इस सवाल के जवाब को ढूंढने से पहले इस टॉपिक पर डालते हैं कुछ विशेष नजर, इससे आपको कुछ अलग और बेहतरीन जानकारी मिल (Men’s Urinate) सकती है.
पेशाब करने की क्या है प्रक्रिया
अधिकतर लोग पुरुषों को खड़े होकर पेशाब करने को व्यवहारिक मानते हैं, क्योंकि ऐसा करने से अधिक समय नहीं लगता है, इसलिए शायद आपने देखा हो कि पब्लिक टॉयलेट में पुरुषों की ज्यादा लंबी लाइन नहीं लगती, हालांकि, कई विशेषज्ञ और शोध इस तरीके को गलत मानते हैं, उनका मानना है, कि पेशाब करते समय हमारी पॉजिशन कैसी है, इसका असर मूत्र की मात्रा पर पड़ता है.
कैसे बनता है पेशाब
गुर्दों या किडनी में यूरिन बनता है, किडनी हमारे शरीर के ब्लड की सफाई करते हैं, इस दौरान मूत्र ब्लैडर (एक प्रकार की थैली) में इकट्ठा होता है, इसी कारण से हमें बार-बार टॉयलेट लगती है, जब आप मूत्र को रोकना चाहते हैं तो आपको परेशानी होती है, क्योंकि जब ब्लैडर का दो-तिहाई हिस्सा भर जाता है, तो तुरंत पेशाब करने की आवश्यकता पड़ जाती है.
पेशाब करने के लिए जब हम तैयार हो जाते हैं, तो हमारे पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियां और मूत्र मार्ग का घिराव करने वाली गोलाकार मांसपेशी फैल जाती है, इस दौरान ब्लैडर सिकुड़ता है, और हमारी शरीर से मूत्र बाहर निकल जाता है, मूत्र निकालने के लिए एक स्वस्थ व्यक्ति को अधिक जोर लगाने की जरूरत नहीं पड़ती है.
पुरुषों को बैठकर पेशाब करना चाहिए या खड़े होकर
ऐसे पुरुष जिन्हें प्रोस्टेट की शिकायत और सूजन हो, तो उन्हें हमेशा बैठकर ही पेशाब करना चाहिए, इस रिसर्च में स्वस्थ पुरुषों और लोअर यूरिनरी ट्रैक्ट सिमटम्स (प्रोस्टेट सिंड्रोम) से पीड़ित पुरुषों की तुलना की गई है, अध्ययन में देखा गया है, कि इस बीमारी से जूझ रहे पुरुष को बैठकर पेशाब करने से मूत्रमार्ग पर कम दबाव कम डालना पड़ता है, ऐसे में उनके पेशाब करने की क्रिया काफी आसान हो जाती है.
वहीं, स्वस्थ पुरुषों में खड़े होकर या बैठकर पेशाब करने में कोई अंतर नहीं देखा गया है, पुरुषों के खड़े होकर या फिर बैठकर पेशाब करने में किसी तरह का कोई फायदा और नुकसान नहीं होता है, इस पर अभी और अधिक अध्ययन किया जाना बाकी है, विशेषज्ञ मानते हैं कि खड़े होकर पेशाब करने से गंदगी फैलती है, इसी कारण से जब भी आप खुले में पेशाब करें तो हमेशा बैठकर ही करें.