आज हम आपको अरुण ग्रह क्या है? अरुण ग्रह की खोज किसने और कब की थी? अरुण ग्रह कौन से रंग का दिखाई देता है? अरुण ग्रह सूर्य के चक्कर कितने दिन में लगाता है? अरुण को लेटा हुआ ग्रह क्यों कहते हैं? अरुण ग्रह के कुल कितने उपग्रह के बारे में बताने जा रहे हैं. कृपया पूर्ण जानकारी के लिए इस ब्लॉग को अवश्य पढ़ें. और अन्य जानकारी के लिए नव जगत के साथ बने रहे.
अरुण हमारे सौर मण्डल का सातवाँ ग्रह है. व्यास के आधार पर यह सौर मण्डल का तीसरा बड़ा और द्रव्यमान के आधार पर चौथा सबसे बड़ा ग्रह है. साथ ही यह द्रव्यमान में पृथ्वी से 14.5 गुना अधिक भारी है, और अकार में पृथ्वी से 63 गुना अधिक बड़ा है.
अरुण को लेटा हुआ ग्रह क्यों कहते हैं?
अरुण ग्रह को लेटा हुआ ग्रह इसलिए कहा जाता है, क्योंकि यह अपने अक्ष से 97.77 डिग्री झुका हुआ है, और यही कारण है, कि सभी ग्रह अपने अक्ष पर लड्डू की तरह घूमते हैं, और यह लुढ़कती हुई गेंद की तरह दिखता है, इस ग्रह में बर्फ की अधिकता होने के कारण इसे बर्फ का दानव भी कहा जाता है.
अरुण ग्रह के कुल कितने उपग्रह
अरुण ग्रह के कुल 21 उपग्रह है जो निम्न रूप में नीचे दिए गए हैं –
मिरांडा, एरियल, ओबेरॉन, टाइटैनिया, कॉर्डेलिया, ओफेलिया इत्यादि. अरुण के वातावरण में बृहस्पति और शनि के तुलना में बर्फ अधिक है, इस ग्रह में जमी हुई बर्फ का कारण पानी ही नहीं बल्कि इसका का कारण अमोनिया और मीथेन गैस भी है.
अरुण ग्रह की खोज किसने और कब की थी.
अरुण ग्रह की खोज हर्षल नामक एक वैज्ञानिक ने की थी. यह ग्रह दूरबीन से खोजा जाने वाला पहला ग्रह था. इसे दूरबीन की माध्यम से 13 मार्च 1781 में खोजा गया था.
अरुण ग्रह कौन से रंग का दिखाई देता है?
जैसा कि आप सभी सोचते होंगे, कि आखिर अरुण ग्रह किस रंग का होता होगा, तो आपको बता दें कि अरुण ग्रह नीले रंग का दिखाई देता है, क्योंकि इसके बाहरी आवरण में 82.5 % हाइड्रोजन 2.3 % मीथेन 15.2% हिलियम गैस अत्यधिक मात्रा में पाई जाती है, जिसके कारण इसमें अत्यधिक मात्रा में बर्फ जमी हुई है, जो दूर से नीले रंग की दिखाई देती है.
अरुण ग्रह सूर्य के चक्कर कितने दिन में लगाता है?
अरुण ग्रह के ऊपरी सतह पर सबसे अधिक मीथेन गैस पाई जाती है जिसके कारण इस का तापमान -150 डिग्री सेल्सियस से नीचे रहता है. कुछ वैज्ञानिकों का यह मानना है कि अरुण ग्रह के केंद्र में वर्ग और पत्थर पाए जाते हैं. और कुछ वैज्ञानिकों का यह भी मानना है, कि अरुण ग्रह पर मीथेन गैस की अधिकता के कारण यहां का तापमान और हवा अत्यधिक ठंडा रहता है जिसके कारण यहां हीरे की बारिश होती है, अरुण ग्रह के द्वारा सूर्य के चक्कर लगाने में लगने वाला समय पृथ्वी के 84 साल के बराबर होता है.
आशा करते हैं कि यह ब्लॉग आपको अरुण ग्रह क्या है? अरुण ग्रह की खोज किसने और कब की थी? अरुण ग्रह कौन से रंग का दिखाई देता है? अरुण ग्रह सूर्य के चक्कर कितने दिन में लगाता है? अरुण को लेटा हुआ ग्रह क्यों कहते हैं? अरुण ग्रह के कुल कितने उपग्रह की पूर्ण जानकारी प्रदान करने में समर्थ रहा. अन्य महत्वपूर्ण और रोचक जानकारी के लिए हमारे अन्य ब्लॉग को अवश्य पढ़ें.
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