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अपेंडिक्स क्या होता है? अपेंडिक्स के लक्षण और इलाज

आज हम आप को अपने इस रिपोर्ट में अपेंडिक्स क्या होता है (appendix in hindi) क्या हैं इसके लक्षण और सही समय पर इलाज नहीं कराया तो क्या हो सकते हैं, इसके घातक परिणाम इन सारी चीजों की जानकारी देंगे.

हम सभी को कभी न कभी किसी न किसी वजह से पेट में दर्द हुआ ही होगा, पेट दर्द एक आम बात है कभी गैस तो कभी कुछ उल्टा सीधा खा लेने से पेट में दर्द होता है, लेकिन जब ये दर्द लगातार और असहनीय होने लगे तो हो जाइए सावधान क्योंकि ये दर्द हो सकता है अपेंडिक्स का दर्द. अपेंडिक्स पेट में होने वाली एक बीमारी है, जिसका सही समय पर इलाज नहीं कराया तो इसके फटने से जान भी जा सकती है.

क्या होता है अपेंडिक्स? (kya hota hai appendix)

अपेंडिक्स का संबंध पेट से होता है, हमारे पेट में दो आंत होती है. बड़ी आंत और छोटी आंत आप को बता दें, अपेंडिक्स जो होता है, वो बड़ी आंत का एक पार्ट है, जब अपेंडिक्स में सूजन हो जाता है, और असहनीय दर्द होने लगता है, तो उसे अपेंडिसाइटिस कहते हैं, अपेंडिक्स का पूरा नाम वर्मीफार्म अपेंडिक्स है. इसे वर्मीफार्म इसलिए कहते हैं, क्योंकि ये केचुए के जैसा एक ऑर्गन होता है. इसका एक हिस्सा ब्लॉक होता है, और दूसरा हिस्सा बड़ी आंत के पहले हिस्से से जुड़ा होता है. जब अपेंडिक्स में सूजन आ जाती है, तो उसे अपेंडिसाइटिस कहते हैं. 

क्यों होता है अपेंडिसाइटिस ? (kyu hota hai appendix)

आजकल हम सब ने वेस्टर्न कल्चर को पहनावे के साथ साथ खान पान में भी अपना लिया है. जो लोग वेस्टर्न तरीके से अपने डायट में बदलाव करते हैं, उन्हें ये बीमारी होने की ज्यादा संभावना होती है. वेस्टर्न तरीके से डायट में बदलाव का मतलब है अगर हम लो फाइबर डायट और हाई कार्बोहाइट्रेड डायट लेते हैं, तो अपेंडिसाइटिस होने की संभावना ज्यादा होती है. दूसरा कारण है, एंटीबायोटिक का सही से इस्तेमाल ना करना, वायरल इन्फेक्शन. जिन लोगों को लगातार कब्ज की समस्या होती है, उन्हें भी इस बीमारी का खतरा होता है, पेट में पलने वाले खराब बैक्टीरिया के बढ़ने से भी अपेंडिसाइटिस हो सकता है. अपेंडिसाइटिस बीमारी होने की एक बड़ी वजह ये भी होती है, कि अगर अपेंडिक्स में कुछ जाकर फंस जाए और अपेंडिक्स ब्लॉक हो जाए, जैसे स्टूल से बना हुआ कोई पत्थर या फलों, सब्जियों का कोई बीज तो इसकी वजह से अपेंडिक्स में सूजन आ जाती है. कभी कभी तो सूजन इतनी बढ़ जाती है की वहां पर प्रेशर पड़ने लगता है, और प्रेशर से अपेंडिक्स फूट जाता है. अगर हम इसे गंभीरता से ना लेते हुए नजरंदाज करते हैं, तो आस पास की जो आंते होती हैं, जैसे बड़ी आंत और छोटी आंत सब मिलकर एक गुच्छा तैयार कर लेती हैं, जिसे अपेंडिक्यूलर लंप कहते हैं.

क्या हैं अपेंडिक्स के लक्षण ?(kya hai appendix ke lakshan)

ये जानना बेहद जरूरी है, कि अपेंडिसाइटिस के लक्षण सभी में एक जैसे नहीं होते हैं, कुछ सामान्य लक्षण है जो सभी में हो सकते हैं, लेकिन कभी कभी इसके लक्षण अलग भी होते हैं. पेट के ऊपरी हिस्से या बेली बटन के आसपास दर्द होना, पेट के निचले दाहिने हिस्से में दर्द , भूख ना लगाना खट्टी डकार या उल्टी दस्त कब्ज जैसे कई लक्षण होते हैं.

अपेंडिक्स पता लगाने के लिए कौन सी जांच कराए? (appendix pata lagane ke liye kaun sa test karaye)

सबसे पहले डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए जिसके बाद डॉक्टर फिजिकल एग्जामिन करते हैं, उस जगह पर दबाकर देखते हैं. उसके बाद वे कुछ टेस्ट कराने की सलाह देते हैं, जैसे एक्सरे/USG/ सोनोग्राफी इसके अलावा टोमोग्राफी करा सकते हैं, जो पेट का पूरा एक्सरे होता है, सीटी स्कैन की भी जरूरत कभी कभी पड़ती है. जांच के लिए खून और यूरिन का भी टेस्ट किया जाता है.

अपेंडिक्स का इलाज कैसे होता है? (appendix ka ilaj kaise hota hai)

इसका इलाज मरीज के लक्षण के हिसाब से किया जाता है. पहले एंटीबायोटिक दिया जाता है, पेन किलर दिया जाता है. और जब सर्जरी करनी होती है, तो उसके भी दो विकल्प हैं, पहला की मरीज चाहे तो दूरबीन से सर्जरी करा सकता दूरबीन से ये फायदा होता है, कि इसमें रिकवरी जल्दी हो जाती है. दूसरा विकल्प है ओपन सर्जरी जिसमे तीन से चार सेंटीमीटर का चीरा लगाकर अपेंडिसाइटिस को निकाला जाता है. इसमें रिकवरी होने में थोड़ा समय लगता है.

अपेंडिक्स की सर्जरी के बाद किन बातों का रहें ख्याल (appendix surgery ke baad kin baaton ka khayal rakhna chahiye)

सर्जरी के बाद डॉक्टर के पास फॉलअप के लिए जरूर जाएं. इस बात का ख्याल रखें कि कब्ज ना हो शौच जरूर हो. सर्जरी के दूसरे दिन डॉक्टर लिक्विड डायट की सलाह देते हैं. दूसरे और तीसरे दिन से हल्का भोजन जैसे खिचड़ी दलिया खाने के लिए दिया जाता है. जिन्हें अपेंडिसाइटिस है, या जो चाहते हैं उन्हें दोबारा ये बीमारी ना हो उन्हें हाई फाइबर युक्त भोजन खाना चाहिए, साथ ही हरी सब्जियां फल, ज्यूस अपने डायट में शामिल करना चाहिए. हेल्दी डायट होने से पेट में जो कब्ज होने की समस्या होती है वो नहीं होगी, क्योंकि बीमारी का मुख्य कारण कब्ज ही होता है, अगर हमारे पेट में सभी चीजें अच्छे से डाइजेस्ट होंगी तो हमें कोई समस्या नहीं होगी.

क्या खाने से अपेंडिसाइटिस होता है? (kya khane se appendix hota hai)

कम फाइबर युक्त भोजन करने से, मैदे से बनी चीजें से खाने से और ताला, भुना, भोजन करने से इसके अलावा बीज रहित भोजन से खाने में पत्थर का होना लेकिन इसका मुख्य कारण सीड्स होते हैं.

गौर करने वाली बात ये है, कि अगर हमें जिंदगी में खुश और स्वस्थ रहना है, तो सबसे जरूरी है, हमारे स्वास्थ का सही होना और इसके लिए जरूरी है, हमारी लाइफस्टाइल का सही होना क्योंकि आज कल की भाग दौड़ की जिंदगी में लोग आगे बढ़ने की रेस में अपनी हेल्थ को पीछे छोड़ते जा रहे हैं. सच तो ये है कि हमारी सबसे बड़ी दौलत हमारा स्वास्थ है. 

अगर आप को पेट में अकसर दर्द होता है, और वो दर्द कभी कभी सहन के बाहर जाता है, और उस दर्द को अगर आप नॉर्मल गैस या कब्ज समझ कर नजरंदाज कर रहें हैं, तो हो जाइए सावधान कहीं आपकी ये लापरवाली बन ना जाए आप के लिए एक बड़ी मुसीबत. 

अपेंडिक्स का ऑपरेशन होने के बाद क्या खाना चाहिए?

ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करें, जिन्हें आसानी से पचाया जा सके

अपेंडिक्स के ऑपरेशन के बाद आपको पाचन तंत्र से जुड़ी कई तरह की समस्याएं हो सकती है. ऐसे में आपको ऑपरेशन के बाद 8 दिन तक तरल पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि इन्हें पहचाना आसान नहीं होता. क्योंकि इस दौरान पेट की मांसपेशियां पूरी तरह से पाचन के लिए तैयार नहीं होती हैं. अपेंडिक्स के ऑपरेशन के बाद हमें ज्यादातर  बीन्स, हरी सब्जियां और ब्रेड आदि का सेवन करना चाहिए. ये सभी तेजी से और आसानी से पच जाएंगे और आपको किसी भी प्रकार की समस्या नहीं होगी.

हल्का आहार लें

ऑपरेशन के बाद स्वास्थ्य के लिए सबसे अच्छा भोजन वह होता है जिसे आप आसानी से बचा सके, ऐसे में आप को हल्के आहार की आवश्यकता होती है जैसे गेहूं का दलिय, दूध, दही और सूप जैसे खाद्य पदार्थों आदि. इस प्रकार के आहार को पूर्ण तरल आहार कहा जाता है, इन आहार को संक्रमणकालीन आहार माना जाता है, क्योंकि आप इसे अन्य खाद्य पदार्थों में शामिल करने से पहले कुछ समय के लिए खाते हैं. यह आहार शरीर को कई प्रकार के प्रोटीन और कैल्शियम प्रदान करते हैं, क्योंकि इसमें कई प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं, जैसे कि आयरन और विटामिन ए.

हाइड्रेशन बनाए रखें

अपेंडिक्स के ऑपरेशन के बाद अगर आप जल्द ही ठीक होना चाहते हैं तो, आपको अपने शरीर का हाइड्रेशन बनाए रखने की अधिक आवश्यकता होती है, इसके लिए आपको पोषक भरे खाद्य पदार्थों का भरपूर सेवन करना होता है जैसे फल और हरी सब्जी आदि. ऐसे में सबसे अच्छा नारियल पानी का सेवन होता है. नारियल पानी पीने के कई फायदे होते हैं. क्योंकि इसमें भरपूर मात्रा में इलेक्ट्रोलाइट्स होता है जो कि शरीर में पानी की कमी नहीं होने देता, साथ ही इसमें फाइबर की मात्रा भी भरपूर होती है, जो कि यूरिन पास करने का आसान बनाता है. इसके अतिरिक्त ऐसी स्थिति में आप संतरे का जूस, सूप और अन्य तरल पदार्थ का सेवन भी कर सकते हैं.

कब्ज से बचाने वाले फूड्स लें

अपेंडिक्स के ऑपरेशन के बाद अगर आप जल्द ही ठीक होना चाहते हैं तो अपने आहार में फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ को अवश्य शामिल करें, क्योंकि हाई फाइबर वाले खाद्य पदार्थ, कम फाइबर खाद्य पदार्थों की तुलना में जहां स्वस्थ होते हैं, वहीं ये तेजी से पच भी जाते हैं. साथ ही फाइबर कब्ज को रोकने में भी काफी फायदेमंद होता है, ऑपरेशन के पश्चात कई तरह की परेशानियां होती है, जिनमें सबसे बड़ी परेशानी कब्ज की होती है, और कब्ज दर्द और जलन को पैदा करता है इसलिए सर्जरी के बाद जितना हो सके उतना फाइबर युक्त पदार्थ का सेवन करें.

शराब से बचें

सर्जरी के बाद मादक पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि यह आपको कई तरीकों से नुकसान पहुंचा सकता है, यह आपके रिकवरी की गति को कम कर सकता है, साथ ही पेट को भी कई तरह के नुकसान पहुंचा सकता है, इसलिए ऑपरेशन के बाद शराब का सेवन नहीं करना चाहिए. इसके अतिरिक्त अपेंडिक्स के ऑपरेशन के बाद नियमित थोड़ा पैदल जरूर चलना चाहिए, ताकि पेट की मांसपेशियां भी लचीली बनी रहें, और पाचन तंत्र सुचारु रूप से काम करे. इसके साथ ही प्राणायाम करना भी फायदेमंद होता है.

हमारी ये जानकारी आप को कैसे लगी या आप हमे कुछ सुझाव देना चाहते हैं, तो हमें कमेंट कर के जरूर बताएं.

आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए : –

डिप्रेशन क्यों होता है? अवसाद के लक्षण

कैंसर कितने प्रकार के होते हैं?

ट्यूमर रोग क्या होता है? ट्यूमर से कैसे बचें

ईएसआर बढ़ने के लक्षण

सीटी स्कैन से क्या पता चलता है?

केले के फायदे और नुकसान

विटामिन-डी के स्रोत

हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण और उपचार

बाल लंबे करने का घरेलू उपाय

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क्यों होता है अपेंडिसाइटिस ? (kyu hota hai appendix)

आजकल हम सब ने वेस्टर्न कल्चर को पहनावे के साथ साथ खान पान में भी अपना लिया है. जो लोग वेस्टर्न तरीके से अपने डायट में बदलाव करते हैं, उन्हें ये बीमारी होने की ज्यादा संभावना होती है. वेस्टर्न तरीके से डायट में बदलाव का मतलब है अगर हम लो फाइबर डायट और हाई कार्बोहाइट्रेड डायट लेते हैं, तो अपेंडिसाइटिस होने की संभावना ज्यादा होती है. दूसरा कारण है, एंटीबायोटिक का सही से इस्तेमाल ना करना, वायरल इन्फेक्शन. जिन लोगों को लगातार कब्ज की समस्या होती है, उन्हें भी इस बीमारी का खतरा होता है, पेट में पलने वाले खराब बैक्टीरिया के बढ़ने से भी अपेंडिसाइटिस हो सकता है. अपेंडिसाइटिस बीमारी होने की एक बड़ी वजह ये भी होती है, कि अगर अपेंडिक्स में कुछ जाकर फंस जाए और अपेंडिक्स ब्लॉक हो जाए, जैसे स्टूल से बना हुआ कोई पत्थर या फलों, सब्जियों का कोई बीज तो इसकी वजह से अपेंडिक्स में सूजन आ जाती है. कभी कभी तो सूजन इतनी बढ़ जाती है की वहां पर प्रेशर पड़ने लगता है, और प्रेशर से अपेंडिक्स फूट जाता है. अगर हम इसे गंभीरता से ना लेते हुए नजरंदाज करते हैं, तो आस पास की जो आंते होती हैं, जैसे बड़ी आंत और छोटी आंत सब मिलकर एक गुच्छा तैयार कर लेती हैं, जिसे अपेंडिक्यूलर लंप कहते हैं.

क्या हैं अपेंडिक्स के लक्षण ?(kya hai appendix ke lakshan)

ये जानना बेहद जरूरी है, कि अपेंडिसाइटिस के लक्षण सभी में एक जैसे नहीं होते हैं, कुछ सामान्य लक्षण है जो सभी में हो सकते हैं, लेकिन कभी कभी इसके लक्षण अलग भी होते हैं. पेट के ऊपरी हिस्से या बेली बटन के आसपास दर्द होना, पेट के निचले दाहिने हिस्से में दर्द , भूख ना लगाना खट्टी डकार या उल्टी दस्त कब्ज जैसे कई लक्षण होते हैं.

अपेंडिक्स पता लगाने के लिए कौन सी जांच कराए? (appendix pata lagane ke liye kaun sa test karaye)

सबसे पहले डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए जिसके बाद डॉक्टर फिजिकल एग्जामिन करते हैं, उस जगह पर दबाकर देखते हैं. उसके बाद वे कुछ टेस्ट कराने की सलाह देते हैं, जैसे एक्सरे/USG/ सोनोग्राफी इसके अलावा टोमोग्राफी करा सकते हैं, जो पेट का पूरा एक्सरे होता है, सीटी स्कैन की भी जरूरत कभी कभी पड़ती है. जांच के लिए खून और यूरिन का भी टेस्ट किया जाता है.

अपेंडिक्स का इलाज कैसे होता है? (appendix ka ilaj kaise hota hai)

इसका इलाज मरीज के लक्षण के हिसाब से किया जाता है. पहले एंटीबायोटिक दिया जाता है, पेन किलर दिया जाता है. और जब सर्जरी करनी होती है, तो उसके भी दो विकल्प हैं, पहला की मरीज चाहे तो दूरबीन से सर्जरी करा सकता दूरबीन से ये फायदा होता है, कि इसमें रिकवरी जल्दी हो जाती है. दूसरा विकल्प है ओपन सर्जरी जिसमे तीन से चार सेंटीमीटर का चीरा लगाकर अपेंडिसाइटिस को निकाला जाता है. इसमें रिकवरी होने में थोड़ा समय लगता है.

अपेंडिक्स की सर्जरी के बाद किन बातों का रहें ख्याल (appendix surgery ke baad kin baaton ka khayal rakhna chahiye)

सर्जरी के बाद डॉक्टर के पास फॉलअप के लिए जरूर जाएं. इस बात का ख्याल रखें कि कब्ज ना हो शौच जरूर हो. सर्जरी के दूसरे दिन डॉक्टर लिक्विड डायट की सलाह देते हैं. दूसरे और तीसरे दिन से हल्का भोजन जैसे खिचड़ी दलिया खाने के लिए दिया जाता है. जिन्हें अपेंडिसाइटिस है, या जो चाहते हैं उन्हें दोबारा ये बीमारी ना हो उन्हें हाई फाइबर युक्त भोजन खाना चाहिए, साथ ही हरी सब्जियां फल, ज्यूस अपने डायट में शामिल करना चाहिए. हेल्दी डायट होने से पेट में जो कब्ज होने की समस्या होती है वो नहीं होगी, क्योंकि बीमारी का मुख्य कारण कब्ज ही होता है, अगर हमारे पेट में सभी चीजें अच्छे से डाइजेस्ट होंगी तो हमें कोई समस्या नहीं होगी.

क्या खाने से अपेंडिसाइटिस होता है? (kya khane se appendix hota hai)

कम फाइबर युक्त भोजन करने से, मैदे से बनी चीजें से खाने से और ताला, भुना, भोजन करने से इसके अलावा बीज रहित भोजन से खाने में पत्थर का होना लेकिन इसका मुख्य कारण सीड्स होते हैं.

गौर करने वाली बात ये है, कि अगर हमें जिंदगी में खुश और स्वस्थ रहना है, तो सबसे जरूरी है, हमारे स्वास्थ का सही होना और इसके लिए जरूरी है, हमारी लाइफस्टाइल का सही होना क्योंकि आज कल की भाग दौड़ की जिंदगी में लोग आगे बढ़ने की रेस में अपनी हेल्थ को पीछे छोड़ते जा रहे हैं. सच तो ये है कि हमारी सबसे बड़ी दौलत हमारा स्वास्थ है. 

अगर आप को पेट में अकसर दर्द होता है, और वो दर्द कभी कभी सहन के बाहर जाता है, और उस दर्द को अगर आप नॉर्मल गैस या कब्ज समझ कर नजरंदाज कर रहें हैं, तो हो जाइए सावधान कहीं आपकी ये लापरवाली बन ना जाए आप के लिए एक बड़ी मुसीबत. 

अपेंडिक्स का ऑपरेशन होने के बाद क्या खाना चाहिए?

ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करें, जिन्हें आसानी से पचाया जा सके

अपेंडिक्स के ऑपरेशन के बाद आपको पाचन तंत्र से जुड़ी कई तरह की समस्याएं हो सकती है. ऐसे में आपको ऑपरेशन के बाद 8 दिन तक तरल पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि इन्हें पहचाना आसान नहीं होता. क्योंकि इस दौरान पेट की मांसपेशियां पूरी तरह से पाचन के लिए तैयार नहीं होती हैं. अपेंडिक्स के ऑपरेशन के बाद हमें ज्यादातर  बीन्स, हरी सब्जियां और ब्रेड आदि का सेवन करना चाहिए. ये सभी तेजी से और आसानी से पच जाएंगे और आपको किसी भी प्रकार की समस्या नहीं होगी.

हल्का आहार लें

ऑपरेशन के बाद स्वास्थ्य के लिए सबसे अच्छा भोजन वह होता है जिसे आप आसानी से बचा सके, ऐसे में आप को हल्के आहार की आवश्यकता होती है जैसे गेहूं का दलिय, दूध, दही और सूप जैसे खाद्य पदार्थों आदि. इस प्रकार के आहार को पूर्ण तरल आहार कहा जाता है, इन आहार को संक्रमणकालीन आहार माना जाता है, क्योंकि आप इसे अन्य खाद्य पदार्थों में शामिल करने से पहले कुछ समय के लिए खाते हैं. यह आहार शरीर को कई प्रकार के प्रोटीन और कैल्शियम प्रदान करते हैं, क्योंकि इसमें कई प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं, जैसे कि आयरन और विटामिन ए.

हाइड्रेशन बनाए रखें

अपेंडिक्स के ऑपरेशन के बाद अगर आप जल्द ही ठीक होना चाहते हैं तो, आपको अपने शरीर का हाइड्रेशन बनाए रखने की अधिक आवश्यकता होती है, इसके लिए आपको पोषक भरे खाद्य पदार्थों का भरपूर सेवन करना होता है जैसे फल और हरी सब्जी आदि. ऐसे में सबसे अच्छा नारियल पानी का सेवन होता है. नारियल पानी पीने के कई फायदे होते हैं. क्योंकि इसमें भरपूर मात्रा में इलेक्ट्रोलाइट्स होता है जो कि शरीर में पानी की कमी नहीं होने देता, साथ ही इसमें फाइबर की मात्रा भी भरपूर होती है, जो कि यूरिन पास करने का आसान बनाता है. इसके अतिरिक्त ऐसी स्थिति में आप संतरे का जूस, सूप और अन्य तरल पदार्थ का सेवन भी कर सकते हैं.

कब्ज से बचाने वाले फूड्स लें

अपेंडिक्स के ऑपरेशन के बाद अगर आप जल्द ही ठीक होना चाहते हैं तो अपने आहार में फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ को अवश्य शामिल करें, क्योंकि हाई फाइबर वाले खाद्य पदार्थ, कम फाइबर खाद्य पदार्थों की तुलना में जहां स्वस्थ होते हैं, वहीं ये तेजी से पच भी जाते हैं. साथ ही फाइबर कब्ज को रोकने में भी काफी फायदेमंद होता है, ऑपरेशन के पश्चात कई तरह की परेशानियां होती है, जिनमें सबसे बड़ी परेशानी कब्ज की होती है, और कब्ज दर्द और जलन को पैदा करता है इसलिए सर्जरी के बाद जितना हो सके उतना फाइबर युक्त पदार्थ का सेवन करें.

शराब से बचें

सर्जरी के बाद मादक पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि यह आपको कई तरीकों से नुकसान पहुंचा सकता है, यह आपके रिकवरी की गति को कम कर सकता है, साथ ही पेट को भी कई तरह के नुकसान पहुंचा सकता है, इसलिए ऑपरेशन के बाद शराब का सेवन नहीं करना चाहिए. इसके अतिरिक्त अपेंडिक्स के ऑपरेशन के बाद नियमित थोड़ा पैदल जरूर चलना चाहिए, ताकि पेट की मांसपेशियां भी लचीली बनी रहें, और पाचन तंत्र सुचारु रूप से काम करे. इसके साथ ही प्राणायाम करना भी फायदेमंद होता है.

हमारी ये जानकारी आप को कैसे लगी या आप हमे कुछ सुझाव देना चाहते हैं, तो हमें कमेंट कर के जरूर बताएं.

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ट्यूमर रोग क्या होता है? ट्यूमर से कैसे बचें

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