रीवा जिले में गुड क्षेत्र के अंतर्गत स्थित एक ऐसे प्राचीन और भव्य मंदिर के बारे में बताएंगे, जिस का प्रताप दूर-दूर तक फैला हुआ है. ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण छठी शताब्दी में मदन पुरी महाराज के द्वारा कराया गया था. इस मंदिर में साल भर में 1 बार महाशिवरात्रि के दिन विशाल मेले का आयोजन किया जाता है, इस मंदिर के मुख्य द्वार पर लगभग 1500 वर्ष पुरानी 2 मूर्तियां स्थित है. इसके अतिरिक्त मंदिर के वाहर प्रांगण में एक बहुत ही सुंदर वृक्ष लगाया गया है और उसके बगल में शिव भगवान का एक छोटा सा भव्य तरीके से मंदिर बना हुआ है, जिसमें शिव भगवान की एक छोटी शिवलिंग स्थित है.
मंदिर का बाहरी प्रांगण
मंदिर के बाहरी प्रांगण में कई छोटे-छोटे और अत्यंत ही सुंदर मंदिरों का निर्माण कराया गया है जिनमें शिवलिंग की स्थापना की गई है और इसके बगल से एक रास्ता घाट के लिए गया है जिसके बारे में हम वीडियो में आपको आगे बताएंगे.
अब हम आपको ले चलते हैं मंदिर के अंदर मंदिर के अंदर भगवान शिव का भव्य मंदिर 9 खंभो से मिल कर बना हुआ है. और सभी खंभों का अपना अपना अलग अलग महत्व है.
भगवान शिव की प्रतिमा
इसके बाद हमें भगवान शिव की उस प्रतिमा का दर्शन होता है जो 1500 वर्षों से वहा भव्य तारिके से स्थिति है. ऐसा माना जाता है कि इस प्रतिमा का निर्माण छठी शताब्दी में मदन पुरी महाराजा के द्वारा कराया गया था. मंदिर के प्रांगण में कई देवी-देवताओं की स्थापना की गई है मंदिर के पश्चिमोत्तर भाग में 33 कोटि देवी देवताओं की स्थापना की गई है. इसके बाद मंदिर के उत्तरी भाग में मां शारदा की भव्य प्रतिमा की स्थापना की गई है ऐसी कथाएं प्रचलित है कि मां शारदा के सामने सच्चे मन से जो मुराद मागी जाती है वो पूरी होती है.
बता दे मंदिर के उत्तरी भाग में एक और शिवलिंग की स्थापना की गई है, जिसमें भगवान शिव की शिवलिंग और उनके प्रिय भक्त नंदी की प्रतिमा स्थापित की गई है.
मंदिर का घाट
मंदिर के पूर्वोत्तर भाग में बजरंगबली की एक विशाल प्रतिमा स्थापित की गई है. और ऐसा माना जाता है कि यह प्रतिमा भी 1500 वर्ष पुरानी है. मंदिर के पीछे से एक दरवाजा है जो सीधे घाट में मिलता है घाट में पानी ना होने की वजह से यह भले ही आज सुंदर नहीं दिखाई दे रहा परंतु यह बरसात के मौसम में बहुत ही सुंदर दिखाई देता है.
मंदिर के पीछे कई सुंदर सुंदर फूल और पेड़ पौधे लगाए गए हैं जोकि घाट की सुंदरता को और बढ़ाते हैं.