नाक के अंदर नेजल पैसेज या साइनस में कोमल, बिना दर्द वाली, गैर कैंसर वाली गांठ को नेजल पॉलिप्स के नाम से जाना जाता है. यह मुख्य रूप से अस्थमा, इंफेक्शन के दोबारा होने, एलर्जी, दवा के प्रति संवेदनशीलता या कुछ इम्यून सिस्टम की बीमारियों के कारण होता है.
हालांकि नाक के अंदर छोटी गांठ या छोटी नेजल पॉलिप्स में कोई लक्षण नजर नहीं आते हैं. परंतु बड़ी नेजल पॉलिप्स या नेजल पॉलिप्स के समूह हो जाने पर सांस लेने में परेशानी होती है, साथ ही सूंघने की शक्ति भी कम हो जाती है.
नेजल पॉलिप्स कितनी सामान्य है?
नेजल पॉलिप्स बीमारी एक सामान्य बीमारी होती है. सामान्य तौर पर यह समस्या पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को नेजल पॉलिप्स ज्यादा प्रभावित करती है. साथ ही यह किसी भी आयु वर्ग के व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है. ज्यादातर यह समस्या युवा और मध्यम वर्ग के व्यस्कों में होती है. इसके जोखिम के कारकों को कम करके नेजल पॉलिप्स का प्रबंधंन बड़ी सरलता के साथ किया जा सकता है.
नेजल पॉलिप्स के लक्षण
नेजल पॉलिप्स के सामान्य लक्षण होते हैं जिनके बारे में नीचे निम्नलिखित रुप में बताया गया है.
- नाक बहना
- बार-बार नाक का स्टफी होना
- पोस्टनेजल ड्रिप
- सूंघने की शक्ति कम होना या न होना
- स्वाद पहचानने की शक्ति खत्म होना
- चेहरे या सिर दर्द
- ऊपरी दांतों में दर्द
- माथे और चेहरे पर एक दबाव का अहसास
- खर्राटे लेना
- आंखों के आसपास खुजली होना
नेजल पॉलीप्स का निदान
अब हम आपको नीचे निम्नलिखित रुप में नेजल पॉलीप्स के निदान के बारे में बताएंगे.
एंडोस्कोपी –
इस परीक्षण में डॉक्टर एक हल्के आवर्धक लेंस या उससे जुड़े एक माइक्रो कैमरा के माध्यम से संकीर्ण ट्यूब का उपयोग करके नाक और साइनस का विश्लेषण करता है.
एलर्जी परीक्षण –
पुराने सूजन में योगदान करने वाले कारकों को पहचानने के लिए त्वचा परीक्षण करना.
विटामिन डी स्तर परीक्षण –
शरीर में विटामिन डी के स्तर को निर्धारित करने के लिए रक्त का परीक्षण किया जाता है.
सिस्टिक फाइब्रोसिस टेस्ट –
सिस्टिक फाइब्रोसिस उन ग्रंथियों को प्रभावित करता है जो बलगम, पसीना, आंसू और पाचक रस उत्पन्न करती है.
नेजल पॉलिप्स का इलाज
इस समस्या से राहत पाने के लिए सबसे पहले इसके आकार को कम करने का प्रयास किया जाता है इसे कम करने के लिए शुरुआती इलाज में दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है. इसमें निम्नलिखित दवाइयां शामिल होती हैं.
नेजल कोर्टिकोस्टेरॉयड, फ्लूटिकासोन (fluticasone), फ्लोनास, वरामिस्ट (Flonase, Veramyst)), बुडेसोनाइड (रहिनोकोर्ट) budesonide (Rhinocort), फ्लुनिसोलाइड, मोमेटासोन (नेसोनेक्स) flunisolide, mometasone (Nasonex), ट्रिआमसिनोलोन (नासाकोर्ट एक्यू) triamcinolone (Nasacort AQ), बेक्लोमेथासोन (क्यूनासल, बेकोनास एक्यू) beclomethasone (Qnasl, Beconase AQ) और सिक्लेसोनाइड (ओम्नारिस, जेटोन्ना) ciclesonide (Omnaris, Zetonna).
ओरल और इंजेक्टेबल कोर्टिकोस्टेरॉयड्स – टॉपिकल नेजल कोर्टिकोस्टेरॉयड्स के उपयोगी न होने पर या नाक में गांठ अधिक बड़ी हो जाने पर इसका उपयोग किया जाता है.
अन्य दवाइयां- साइनस या नेजल पैसेज में क्रॉनिक इनफ्लेमेशन उत्पन्न करने वाली स्थिति में इसका उपयोग किया जाता है और एंटीबायोटिक्स का उपयोग पुनः इंफेक्शन के इलाज में होता है.
कई मामलों में दवाइयों के उपयोगी न होने पर सर्जरी करने की आवश्यकता होती है.
नेजल पॉलीप्स के घरेलू उपचार
नेजल पॉलीप्स समस्या से छुटकारा पाने के निम्नलिखित घरेलू उपाय होते हैं जिन्हें दोहरा कर आप इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं.
- अस्थमा को नियंत्रित रखना.
- नाक में जलन पैदा करने वाले पदार्थों से दूर रहना.
- एयरब्रोन पदार्थ जैसे एलर्जेन से बचना
- तंबाकू का धुंआ से दूर रहना.
- कैमिकल की खुशबू और धूल और सूक्ष्म कणों से बचना.
नेजल पॉलीप्स के कारक
साइनस में सूजन या जलन पैदा करने वाली स्थितियों से नेजल पॉलीप्स का खतरा बढ़ जाता है. अब हम आपको नेजल पॉलीप्स से संबंधित स्थितियां नीचे निम्नलिखित रुप में बताएंगे.
- एस्पिरिन के प्रति संवेदनशीलता
- दमा
- सिस्टिक फाइब्रोसिस
- विटामिन डी की कमी
- एलर्जी फंगल साइनसिसिटिस, हवाई कवक के लिए एलर्जी