ताजमहल को शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज की याद में बनवाया था, और मुमताज की मौत 14वे बच्चे को जन्म देते हुए 17 June 1631, को (Burhanpur) बुरहानपुर में हुई थी ताजमहल उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में स्थित है आगरा शहर में ब्रज भाषा और हिंदी बोलियां बोली जाती हैं, ताजमहल को 1983 में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल में सम्मिलित किया गया. ताजमहल को लोग दूर – दूर से देखने के लिए आते हैं ताजमहल अपने सुंदरता और भव्यता के कारण दुनिया के सात अजूबों में शामिल है जिसके कारण इसको लोग विदेशों से भी देखने आते हैं.
ताजमहल को एक मकबरा मानते हैं और मकबरे में लाइट नहीं जलाई जाती है इसलिए ताजमहल में लाइट नहीं जलाई जाती है. ताजनगरी में यमुना किनारे से ताजमहल में प्रवेश करने के लिए खास दरवाजा था, जो आज भी लोगों के लिए रहस्य बना हुआ है बताया जाता है कि इसी रास्ते से शाहजहां के शव को ताजमहल में दफनाने के लिए लाया गया था ब्रिटिश शासनकाल में इस दरवाजे को ईंटों से बंद करवा दिया गया। इसके बाद से यह दरवाजा आज तक रहस्य बना हुआ है. आगरा में ताजमहल के निर्माण के दौरान आमेर में भी सफेद संगमरमर की खदान थी आमेर की खदान से निकला पत्थर भी ताजमहल के निर्माण में लगा.,आमेर के अलावा मकराना और राजनगर की खदानों से भी सफेद मार्बल आगरा तक लाए गए
ताजमहल के तहखाने में जो 22 कमरे हैं, उनमें 4 कमरे बड़े है और 18 कमरे छोटे. इसके अलावा हर कमरे में जाने का रास्ता बिल्कुल अलग है. यानी एक कमरे के जरिए दूसरे कमरे में नहीं जा सकते हैं. ऊपर से नीचे की तरफ जाने के लिए 6 रास्ते हैं, जो ताजमहल के प्रथम तल से जाते हैं. ताजमहल की आयु 391 वर्ष है ताजमहल प्रत्येक शुक्रवार के दिन बंद रहता है कहा जाता है कि मुमताज की याद में बनाई गई इस खूबसूरत इमारत जैसी कोई और इमारत ना बने इसलिए शाहजहां ने कारीगरों के हाथ कटवा दिए थे. ताजमहल को बनाने में करीब 20,000 मजदूरों ने योगदान दिया था और इसका काम करीब 22 साल तक चला.