आज हम आपको शरीर से जुड़े ये सच जो आप ने भी नहीं सुने होंगे के बारे में बताने जा रहे हैं। कृपया पूर्ण जानकारी के लिए इस ब्लॉग को अवश्य पढ़ें। और अन्य जानकारी के लिए नव जगत के साथ बने रहे।
गर्मियों के मौसम में स्विमिंग पूल में डुबकी लगाने का मजा ही कुछ और है। दोस्तों लोग घंटों सेमी पूल में आराम फरमाते हैं। लेकिन जैसे ही पुल के बाहर आते हैं। तो आंखें लाल हो जाती क्या आपको इसकी वजह मालूम है? नहीं अगर आपको लगता है। कि आंखें पुल के पानी को साफ रखने के लिए मिलाएगा क्लोरीन की वजह से लाल होती है। तो आप बिल्कुल गलत सोच रहे हैं। अमेरिका में हुई रिसर्च के मुताबिक, केवल 5% लोगों का ही मानना है। यह गंध क्लोरीन से आती है। क्लोरामाइस जोकि एक केमिकल है। और पुल से निकलने वाली क्लोरीन और मानव शरीर से निकलने वाली लिक्विड से बनता है। आसान शब्दों में कहें तो मानव शरीर से निकलने वाला पसीना और पेशाब मिलता है। यूरिन, क्लोरीन मिलकर पानी में जो क्लोरोमाइस बनता है। यानी नहाते वक्त पूल में आंखों में जलन होने का कारण पेशाब ही है। रिसर्च के मुताबिक 830000 लीटर वाले स्विमिंग पूल में 75 लीटर यूरिन मौजूद होती है।
आगे देखते जाइए अभी तो शुरुआत है
केले आप बहुत ही चाव से खाते होंगे, यदि आप किसी डॉक्टर से पूछेंगे तो वह इसके दर्जनों फायदे की बनवा देगा। लेकिन अब जो हम आपको बताने जा रहे हैं। आप चौक जायेंगे, वैसे कोई नहीं जानता होगा कि केले रेडियो एक्टिव होते हैं। जिसमें रेडियो एक्टिव पोटेशियम 40 शामिल होता है। केले से रेडिएशन से निकलती है। तो क्या केले खाने बंद कर देना चाहिए। यदि आपको केले से निकलने वाले रेडिएशन पोइजन से मरना है, तो आपको एक करोड़ के लिए एक बार में खाने होंगे। या फिर क्रॉनिक सिम्टम्स देखने के लिए साल तक रोज 274 केलेका ने होंगे इसलिए केले खाने से डरिए मत, खूब केले खाइए और स्वस्थ रहिए।
यह मत कहिए गा साइंटिस्ट के पास कुछ काम नहीं बचा है। किसिंग पर की गई एक रिसर्च बाद एक बात सामने आई है। इस रिसर्च के बाद जो भी सामने आई है। दो लोग अगर आपस में 10 सेकंड तक किस करें, तो लगभग 8 करोड से भी ज्यादा बैक्टीरिया मुंह मैं ट्रांसफर हो जाएंगे, कहने का मतलब यह है। कि जब दो लोग आपस में किस करते हैं। तो करोड़ों बैक्टीरिया सामने वाले के मुंह में जाते है, यह सुनकर बहुत से लोग सोचेंगे की किसी को किस नहीं करूंगा, ऐसा वैसा फैसला लेने से पहले इस रिसर्च के बारे में पूरा सुन लीजिए, एक और बात है। किस करते हुए ट्रांसपोर्ट बैक्टीरिया कीटाणु मत समझिए। क्योंकि इनमें से ज्यादातर बैक्टीरिया हमारे शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं, कुछ ही बैक्टीरिया है जो एक दूसरे के मुंह में बैक्टीरिया फैला सकते हैं।
रोंगटे खड़े होना
जरा सोचिए आप थिएटर में कोई हॉरर मूवी देख रहे हैं। देखते ही देखते यह देखने के बाद आप का पहला रिएक्शन क्या होगा। आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे या फिर जब आप सेविंग पुल से नहा कर बाहर निकलेंगे या तेज हवा चलने लगे तो क्या होगा आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे। इस तरह की दो अलग-अलग घटनाओं को हमारा शरीर एक जैसा रिएक्शन कैसे दे सकता है। दरअसल यह एक सामान्य घटना है, जो हमें अपने पूर्वजों से विरासत में मिली है। इसे गुज बम्स रोंगटे खड़े होना कहते हैं, ठंड में ऐसे ही जानवरों के साथ होता है। रोंगटे खड़े होने पर जानवरों के बड़े बड़े बाल खड़े हो जाते हैं। और हवा की थोड़ी सी भी मात्रा को रोक लेते है। इंसुलेशन लेयर का काम करते है, बाल की लेयर जितना ज्यादा घना होगा उतनी ही गर्माहट को रोक पाएगा। पहले जब मनुष्य के बहुत ही बड़े बाल हुआ करते थे तब यह प्रक्रिया हमारे पूर्वजों को ठंड में बचाने के कार्य करती थी, और डर की वजह से रोंगटे इसलिए खड़े हो जाते हैं। खतरे की दिशा में हम बाल फैलाकर बड़े दिखाई दे सके, लेकिन छोटे बाल हो जाने की वजह से अब यह हमारे लिए कारगर नहीं है। शिकार करने में हमारे पूर्वजों को इसकी बहुत ही मदद मिलती थी, जैसे जानवरों में जब बिल्ली डर जाती है तो वह, रोंगटे के कारण ही अपने बालों को फैला सकती है, आपके जब कभी भी रोंगटे खड़े हो, तो आप समझ जाइएगा की आपका शरीर आपकी मदद के लिए प्रयास कर रहा है।
हाथ की उंगलियां सिकुड़ना
यह तो आपने काफी बार देखा होगा, आप काफी देर पानी में काम करते हैं। तो आपके हाथों पैरों की उंगलियों पर सरवटे पढ़ जाती है। यह सरवटे ऐसी दिखती है। जैसे झुर्रियां या बुढ़ापा आ गया हो, यह सलवटे पानी से बाहर आने पर कुछ समय तक ही रहती है। यूके के यूके सील यूनिवर्सिटी के रिसर्च के मुताबिक देर तक पानी में रहने के कारण त्वचा सिकुड़ना का कारण हमारे शरीर की ही एक व्यवस्था है। इससे हमारा काम आसान हो सके, वैज्ञानिकों के अनुसार दरअसल हमारी तो जा के अंदर एक स्वतंत्र तंत्र का तंत्र कार्य करता है। जो देर तक त्वचा के पानी में रहने के कारण उसे सिकुड़ देता है। जिससे त्वचा पर सिलवटें पड़ जाती है। जिससे जिंदा रहने के लिए हमारे शरीर का जबरदस्त इंतजाम है। गीले हाथों पर पड़ी सिलवटें हाथों की पकड़ कमजोर नहीं होने देता और इन्हीं सिल्वटो के कारण हम गीले में बिजली से बचते हैं। यानी हमारा बचाव करती है। यह खूबी बंदर और कई जानवरों में भी देखने को मिलती है।
बचपन से ही सुनते आ रहे हैं। की कम उम्र में मुंह पर सेव नहीं करनी, ज्यादा घने बाल आ जाएंगे या सिर पर बार-बार गंजे होने से तेजी से और घने बाल आ जाएंगे। इसी लालच में लोग कई बार गंजे होते हैं। लेकिन आपको बता दें कि यह जेनेटिक मामला है। हेड शेव कराने से बाल तेजी से नहीं बढ़ते, और शेव कराने से भी बाल जल्दी नहीं आते, शेव बनाने से इन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता, वास्तव में गंजा होने के बाद जब बाल बढ़ने शुरू होते हैं। छोटे बालों के सॉफ्ट नजर आने लगते हैं। यही कारण है। कि आपके बाल थोड़े ज्यादा से दिखने लगते हैं। बल्कि सच ही है। की बाल किसी भी तरह बड़े नहीं होते। इससे नए वालों को कम नुकसान होता है। और स्वस्थ माना जाता है। कि इन में किसी भी तरीके का केमिकल ट्रीटमेंट नहीं हुआ होता, यदि आपको डैंड्रफ है। तो आपको कुछ समय के लिए सिर गंजा कराने से राहत मिल जाएगी, और एक सफेद बाल तोड़ने से और सफेद बाल आ जाएंगे यह भी सरासर झूठ है। मानव शरीर कहीं तत्वों से मिलकर बना है। लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि, सोना भी है। अब आप सोच रहे होंगे कि अपने शरीर का ऑपरेशन करा कर सोना निकाल लेंगे। लेकिन ऐसा नहीं है। शरीर में सोने की मात्रा बहुत ही कम होती है, 70 किलो के व्यक्ति में 0.2 एमजी गोल्ड होता है। यानी कि 40000 आदमी मैं से केवल 8 ग्राम ही सोना निकल पाएगा, बहुत साल अध्ययन करने के बाद इसका पता चला शरीर में जॉइंट, और इलेक्ट्रिक सिगनल भेजने में सोना अच्छी भूमिका निभाता है।
यूं तो किसी ना किसी को किस बात पर रोना कभी ना कभी आई जाता है। लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं। जो बिना बात ही रोना शुरू कर देते हैं। रो नाइट स्वभाविक प्रकृति है। मनुष्य के साथ दुख-सुख हताशा अधिक भावना में होता है। लेकिन रोने से कोई लाभ होता है। सैकड़ों बरसों से इस पर कई थ्योरी आ चुकी है। आंसुओं से आंखों को नमी मिलती है। इससे आपको संकेत मिलता है। कि आपके साथ ऐसी समस्या है। जवाब असहाय है। इसी प्रकार से बहुत प्रकार की थ्योरी है। लेकिन हम इमोशनली क क्यों रोते हैं। लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि जब हम रोते हैं। तो आपके आंसुओं में नेचुरल पेन किलर यूसरीन निकलता है। हम रोने के बाद अच्छा बेहतर महसूस करते है।
अधिकतर लोग बचपन से ही बहुत से लोग जानते हैं। कि हमारे पांच इंद्रियां होती हैं। जो इस प्रकार है। सेंस ऑफ टच, सेंस ऑफ टेस्ट, सेंस ऑफ स्मललिंग, सेंस ऑफ सीन, सेंस ऑफ हेयर, यह ग्रेट फ्लोरसफर एरिस्टोटल द्वारा 350 बीसी के कारण प्रचलित है। लेकिन हम आपको बता दें कि आपके पास पांच इंद्रियों के अलावा और भी इंद्रियां हैं। वैज्ञानिकों की मानें तो 22 से 33 हो सकती है। सेंस ऑफ बैलेंस, सेंस ऑफ पेन, सेंस ऑफ टेंपरेचर, इत्यादि जैसे की हम में मौजूद सेंस ऑफ ट्रस्ट हार्ड लेवल मेंटेन करने में मदद करती है। और पीने के लिए कहती है। जिसको रेयर कंडीशन एसईसी हो तो उस व्यक्ति को सेंस ऑफ ट्रस्ट का नहीं होगा, जिससे कि उसकी जान भी जा सकती है। लेकिन यह कहना गलत नहीं होगा कि शरीर में मौजूद पांच इंद्रियां होती है।
कैंसर के मरीजों को आपने देखा होगा कि उनके बाल काट दिए जाते है। ऐसे में एक सवाल मन में आता है। की कैंसर व्यक्तियों के बाल क्यों जाते हैं। चले चलो आज हम आपको इसका जवाब देते हैं। कैंसर वाले मरीज को कहीं दवाइयों का सेवन करना पड़ता है। दर्द से राहत के लिए उन्हें कई इंजेक्शन भी लगाए जाते हैं। ओ बहुत सी दवाई भी दी जाती है। और उन दवाइयों का मरीज पर साइड इफेक्ट भी होता है। जिसका सबसे ज्यादा असर बालों पर होता है। और बाल झड़ जाते हैं। कैंसर वाले मरीजों को के लिए डॉक्टर कीमो थेरेपी का भी प्रयोग करते हैं। इस थेरेपी में जिस रसायन का उपयोग होता है। उस से बाल झड़ जाते हैं। और इससे इंफेक्शन से बचने के कारण भी बाल काट दिए जाते हैं। इसके अलावा बाल झड़ने की समस्या कम करने के लिए भी कुछ प्रकार के कीमोथेरेपी उपचारों हेतु स्कैल्प को लिंग का प्रयोग किया जाता है।
आशा करते हैं कि यह ब्लॉग आपको शरीर से जुड़े ये सच जो आप ने भी नहीं सुने होंगे की पूर्ण जानकारी प्रदान करने में समर्थ रहा। अन्य महत्वपूर्ण और रोचक जानकारी के लिए हमारे अन्य ब्लॉग को अवश्य पढ़ें।
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