Tata यह नाम घर के किचन से लेकर आसमान के सफर तक हर जगह देखा जा सकता है. नमक-मसाला हो या पानी-चाय-कॉफी, घड़ी-आभूषण हो या लग्जरी कार, बस, ट्रक और हवाई जहाज की यात्रा, टाटा समूह का कारोबार हर क्षेत्र में फैला हुआ है. देश में 157 साल पुराने इस समूह की 17 कंपनियां शेयर बाजार में सूचीबद्ध हैं.
व्यापार की शुरुआत ट्रेडिंग फर्म से हुई
आजादी से बहुत पहले साल 1868 में एक ट्रेडिंग फर्म से शुरू हुआ टाटा समूह भी देश की कुल GDP में लगभग दो प्रतिशत का भागीदार है. FY22 में Tata Group का कुल मार्केट कैप लगभग 240 बिलियन डॉलर या लगभग 21 ट्रिलियन रुपये है. राजस्व की बात करें तो वित्त वर्ष 2022 में यह करीब 128 अरब डॉलर है. जमशेदजी टाटा द्वारा बनाए गए इस विशाल कारोबारी साम्राज्य में करीब 9,35,000 कर्मचारी काम कर रहे हैं.
लंबे समय तक रतन टाटा के हाथ कमान
1991 में Tata Group की बागडोर संभालने के बाद रतन टाटा ने लंबे समय तक अपनी काबिलियत के दम पर कारोबार में काफी तरक्की की. रतन Tata ने Tata Sons के चेयरमैन रहते हुए हर कंपनी को मुनाफे वाली कंपनी बनाने का काम किया. हालांकि उन्होंने 2012 में Tata Sons के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया था और कमान उनके साइरस मिस्त्री के हाथ में आ गई थी, लेकिन विभिन्न मुद्दों के चलते बोर्ड ने 2016 में मिस्त्री को पद से हटाने का मन बना लिया था और उनके जाने के बाद, रतन टाटा ने फिर से समूह की जिम्मेदारी अपने हाथों में ले ली.
टाटा संस ग्रुप के मुख्य प्रमोटर
जनवरी 2017 में, रतन टाटा ने सेवानिवृत्ति ले ली और जब नटराजन चंद्रशेखरन को Tata समूह का अध्यक्ष नियुक्त किया गया. Tata समूह और उसकी कंपनियों की देखरेख की बात करें तो टाटा संस इस समूह का मुख्य प्रमोटर और प्रमुख निवेशक है. Tata Sons में टाटा ट्रस्ट की 66 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जो शिक्षा, स्वास्थ्य, कला, संस्कृति जैसे क्षेत्रों में काम कर रही है. रतन टाटा के इस्तीफे के बाद से, अध्यक्ष के रूप में एन चंद्रशेखरन समूह की कंपनियों के संचालन की देखरेख कर रहे हैं. इस तरह समूह की कंपनियों को संभाला जाता है. टाटा समूह की कंपनियों के मामलों को संभालने की बात करें तो समूह की कंपनी या उद्यम अपने स्वयं के निदेशक मंडल के मार्गदर्शन और पर्यवेक्षण में स्वतंत्र रूप से संचालित होता है. उम्र के इस पड़ाव पर भले ही वह बिजनेस में सक्रिय रूप से हिस्सा लेने से कतराते रहे हों, लेकिन टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन पद की जिम्मेदारी अभी भी रतन टाटा के पास है. वहीं, ट्रस्ट में विजय सिंह और मेहली मिस्त्री समेत अन्य ट्रस्टी शामिल हैं. हाल ही में टाटा समूह में एक नई पीढ़ी का भी प्रवेश हुआ है. हाल ही में टाटा समूह की सहायक कंपनी टाटा मेडिकल सेंटर ट्रस्ट के बोर्ड में रतन टाटा के भाई नोएल टाटा के तीन बच्चों को शामिल किया गया है. इनमें लिआ टाटा, माया टाटा और नेविल टाटा का नाम शामिल है.
पहला लग्जरी होटल – पहली एयरलाइंस दी
सूचीबद्ध कंपनियों के अलावा, टाटा समूह लगभग 10 क्षेत्रों में 60 गैर-सूचीबद्ध कंपनियों सहित 100 सहायक फर्मों का संचालन या सहयोग करता है. Tata का साम्राज्य कितना बड़ा है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि टाटा ग्रुप 6 महाद्वीपों के 100 से ज्यादा देशों में सक्रिय है. देश को टाटा ग्रुप का पहला लग्जरी होटल, पहली एयरलाइन या पहली घरेलू उपभोक्ता सामान कंपनी दी गई है.
आईटी क्षेत्र में दिग्गज
IT सेक्टर में देश की सबसे बड़ी कंपनी Tata Group की Tata Consultancy Services है. Tata Group में काम करने वाले लाखों लोगों में से सबसे बड़ा हिस्सा इसी कंपनी का है और इसके संचालन पूरी दुनिया में फैले हुए हैं. इसके अलावा टाटा एलेक्सी डिजाइन और प्रौद्योगिकी सेवाओं में दुनिया की अग्रणी सेवा प्रदाता है.
ऑटोमोटिव सेक्टर
Tata Motors का नाम पूरी दुनिया में मशहूर है. एक बार रतन टाटा ने इस कंपनी के मोटर डिवीजन को बेचने का मन बना लिया था, लेकिन फोर्ड मोटर्स से मिले अपमान के बाद उन्होंने अपना फैसला बदल दिया और टाटा मोटर्स को इस मुकाम पर पहुंचा दिया कि अन्य ऑटोमोटिव कंपनियां इसके सामने छोटी लगने लगीं. सस्ती नैनो कारों से लेकर जगुआर और लैंड रोवर तक टाटा समूह की इस कंपनी के अंतर्गत आती है. हाल ही में टाटा मोटर्स ने भी इलेक्ट्रिक व्हीकल सेगमेंट में दमदार एंट्री की है. भारत में Tata की कारों की बात करें तो Tata Nexon, Tata Nexon EV, Tiago EV, Tata Safari, Altroz शामिल हैं.
इस्पात और बुनियादी ढांचा
स्टील सेक्टर में टाटा स्टील का दबदबा है. भारत में टाटा स्टील ऑटोमोटिव स्टील, कृषि स्टील, कंस्ट्रक्शन स्टील, हैंड टूल्स, स्टील पाइप, कच्चा माल, फेरो एलॉय, बेयरिंग, प्रिसिजन ट्यूब बनाती है. वहीं, इंफ्रास्ट्रक्चर, एनर्जी और रियल्टी सेक्टर में टाटा एक बड़ा नाम है. इन क्षेत्रों में टाटा पावर, टाटा प्रोजेक्ट्स, टाटा हाउसिंग, टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स, टाटा रियल्टी और इंफ्रास्ट्रक्चर काम कर रहे हैं.
पर्यटन और यात्रा
टाटा समूह वर्ष 1903 में ताजमहल होटल की स्थापना के बाद से यात्रा, आतिथ्य और पर्यटन उद्योग में रहा है. टाटा समूह इस क्षेत्र में भारतीय होटल कंपनी के माध्यम से काम कर रहा है. इसके अलावा एयर इंडिया भी टाटा समूह के नियंत्रण में आ गई है, इस एयरलाइन कंपनी की शुरुआत टाटा एयरलाइंस के नाम से की गई थी. 1956 में एयर इंडिया का राष्ट्रीयकरण किया गया और यह सरकार के पास गई.