वर्तमान समय में देश में सबसे ज्यादा प्रचलित कार मोटर्स की कंपनी टाटा का नाम आप सभी ने सुना ही होगा और टाटा कंपनी के कई प्रोडक्ट आदि भी देखे होंगे, क्योंकि टाटा की कंपनी कई अलग-अलग क्षेत्रों में अपना बिजनेस अलग-अलग प्रोडक्ट के साथ कर रही है, जिसके कारण देश के लाखों लोगों को रोजगार भी प्राप्त हुआ है, साथी हम आपको बता दें कि देश की जीडीपी में भी इस कंपनी का सबसे बड़ा योगदान है, ऐसे में प्रत्येक व्यक्ति के मन में यह प्रश्न होगा कि आखिरकार टाटा कंपनी के मालिक कौन है, और यह कंपनी किस देश की है, तो आज हम आपको इस ब्लॉग के माध्यम से बताएंगे कि टाटा कंपनी के मालिक कौन है.
TATA Company के मालिक
कार मोटर्स बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी टाटा कंपनी के मालिक का नाम रतन टाटा है. जो कि भारत के सबसे सफल बिजनेसमैन में से एक है. और हम आपकी जानकारी के लिए बता दें कि टाटा ग्रुप के चेयरमैन भी रतन टाटा ही है. रतन टाटा ने अपनी कंपनी को इस मुकाम तक पहुंचने में कई बड़ी मुश्किलों का सामना किया, परंतु अपने मेहनत और कठिन परिश्रम से उन्होंने यह कर दिखाया, जिसके कारण वर्तमान समय में टाटा कंपनी भारत की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक मानी जाती है. रतन टाटा जितने बड़े बिजनेसमैन है, उतने ही अच्छे व्यक्तित्व वाले इंसान भी है, रतन टाटा देश पर जब भी किसी प्रकार की आपदा आती है, तब अपने तरफ से प्रत्येक प्रकार की मुमकिन सहायता देश को मुहैया करवाते है.
टाटा की कितनी कंपनी है?
वर्तमान समय में भारत के अंदर टाटा की कुल 96 से अधिक कंपनियां हैं, जो कि 100 से ज्यादा देशों में फैली हुई है.
टाटा मोटर्स का मुख्यालय कहाँ स्थित है?
जैसा कि आप सभी जानते हैं, कि वर्तमान समय में सबसे प्रसिद्ध कंपनी टाटा कंपनी है, ऐसे में मन में एक और प्रश्न उठता है, कि टाटा मोटर्स का मुख्यालय कहां स्थित है. तो हम आपको बता दें कि टाटा मोटर्स का हेडक्वार्टर्स मुंबई महाराष्ट्र में स्थित है.
टाटा कंपनी की स्थापना कब हुई?
टाटा मोटर्स की स्थापना आज से लगभग 154 साल पहले 1868 को जमशेदजी टाटा के द्वारा की गई थी.
टाटा कंपनी किस देश की है?
हम आपको बता दें कि टाटा मोटर्स की कंपनी भारत की कंपनी है और यह वर्तमान समय में ना केवल भारत में बल्कि यह सबसे ज्यादा देशों में फैली हुई है.
टाटा कंपनी का इतिहास
टाटा कंपनी का बहुत पुराना इतिहास है, टाटा कंपनी की स्थापना जमशेदजी टाटा के द्वारा 1868 में की गई थी. जमशेदजी टाटा ने अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद इस बिजनेस में पिताजी के साथ बिजनेस में हाथ बटाने लगे.
जमशेद जी ने अपने कड़ी मेहनत और परिश्रम से इस कंपनी को ऊंचाइयों तक ले गए, और भारत में अपनी सबसे बड़े होटल का निर्माण करवाया जिसका नाम ताज होटल है, जो आज भी मुंबई में स्थित है, जो की भारत की सबसे लोकप्रिय होटल है, इस होटल के निर्माण के कुछ ही साल के बाद 1904 में जमशेद जी का निधन हो गया. जमशेद जी के निधन के बाद रतन टाटा को टाटा कंपनी का मालिक बनाया गया, टाटा कंपनी के मालिक बनने के बाद रतन टाटा को कई तरह की समस्या का सामना करना पड़ा, इस बीच इनकी कंपनी की सेल में भारी गिरावट देखने को मिली, जिसके कारण सलाहकारों ने रतन टाटा को इस कंपनी को बेचने की सलाह दी.
सलाहकारों की बात सुनकर रतन टाटा ने अमेरिका जाकर फोर्ड को अपनी कंपनी बेचने की बात कही इस बात पर फोर्ड कंपनी के ओनर ने यह कहा कि जब बिजनेस करना नहीं आता तो बिजनेस में इतना बड़ा इन्वेस्ट क्यों करते हैं, साथ ही फोर्ड कंपनी के ओनर ने यह भी कहा कि हम आपकी कंपनी को खरीद कर आपकी कंपनी पर बड़ा एहसान कर रहे हैं, फोर्ड कंपनी के ओनर कि इस बात ने रतन टाटा के पूरे जीवन को ही बदल दिया.
परिणामस्वरूप रतन टाटा ने कंपनी को बेचने का मन बदला और भारत वापस आए, और इस कंपनी में कड़ी मेहनत करके इसको वापस खड़ा करने की ठान ली, और उन्होंने एक ऐसे कार की आलोचना की और कार का मॉडल बाजार में उतारा जिससे इस कार की इतनी सेल हुई कि फोर्ड और ब्रांड जेगुकीर और लैंड रोवर घाटे में जाने लगी, उस वक्त रतन टाटा ने दोनों ब्रांड को खरीद कर अपने अपमान का बदला लिया.