हर साल कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को देव दिवाली मनाया जाता है इस दिन गंगा में स्नान करने और गंगा किनारे दीप जलाने का विशेष महत्व है. वाराणसी में इस दिन भव्य दृश्य होता है जिसे देखने के लिए लाखों श्रद्धालु इकट्ठा होते हैं .
देव दिवाली की कथा
इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था और इसी दिन भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार लिया था इसलिए सभी देवताओं ने खुशी में वाराणसी में दिए जलाए थें यही वजह है कि देव दिवाली मनाई जाती है गंगा किनारे हजारों दिए जलाएं जाते हैं. ऐसी मान्यता है कि इस दिन गंगा किनारे सभी देवता इकट्ठा होते हैं.
देव दिवाली पूजा विधि
इस दिन ब्रह्ममुहूर्त में उठकर गंगा में स्नान करना चाहिए या घर में ही पानी में गंगाजल डाल कर स्नान कर सकते हैं कहा जाता है कि गंगा स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. इसके बाद भगवान शिव , विष्णु जी और सभी देवताओं का ध्यान करना चाहिए किसी नदी या सरोवर के पास जाकर दीप दान करना चाहिए अगर नहीं जा सकते तो किसी मंदिर में दीप दान कर सकते हैं अपने घर के पूजा स्थल पर दीप जलाकर भगवान शिव , गणेश जी और विष्णु की विधिवत पूजा करनी चाहिए.
सम्बंधित : – चंद्र ग्रहण 2022 : जानें किस दिन लगेगा इस साल का दूसरा चंद्र ग्रहण और आखिर क्यों लगता है चंद्रग्रहण
चंद्रग्रहण के कारण एक दिन पूर्व देव दिवाली
इस साल देव दिवाली 7 नवंबर 2022 को मनाई जाएगी प्रदोष काल देव दिवाली का मुहूर्त शाम 5:14 मिनट से शाम 7:49 तक है कुल मिलाकर 2 घंटे 35 मिनट तक रहेगी. साल का आखिरी चंद्रग्रहण 8 नवंबर को लग रहा है और कार्तिक पूर्णिमा को चंद्रग्रहण का सूतक काल 8 नवंबर को सुबह 8: 10 से शुरू होकर शाम 6: 20 मिनट तक मोक्ष काल तक रहेगा देव और दीप दिवाली का आयोजन इसी दिन शाम 5 बजे से होना था लेकिन चंद्रग्रहण के कारण इस दिन देव दिवाली की तिथि को लेकर असमंजस बना हुआ था इसलिए ज्योतिष जानकारों ने तय किया गया कि इस साल देव दिवाली 7 नवंबर को ही मनाया जाएगा. चंदग्रहण के कारण ज्योतिष गणना में इस साल देव दिवाली को एक दिन पहले यानि 7 नवंबर को मनाया जाएगा वहीं गंगा महाआरती की तिथि कार्तिक पूर्णिमा 8 नवंबर की जगह 7 नवंबर कर दिया गया है.
सम्बंधित : – अपनी राशि कैसे पता करें?
वैसे तो कार्तिक पूर्णिमा 8 नवंबर को पड़ रहा है लेकिन चंद्रग्रहण के कारण देव दिवाली की तिथी एक दिन पूर्व 7 नवंबर को कर दी गई है अब पूरे देश में 7 नवंबर को देव दिवाली मनाई जाएगी. इस दिन गंगा घाट पर गंगा की महाआरती का भव्य नजारा देखते ही बनता है गंगा किनारे और गंगा नदी में हजारों लाखों दिए जगमगाते हैं चारों तरफ दीप की रोशनी के कारण बहुत ही खूबसूरत नजारा होता है.