ऋषि सुनक ने ब्रिटेन के पहले भारतीय मूल के प्रधानमंत्री बनकर अब इतिहास रच दिया है. उनके पूर्व बॉस बोरिस जॉनसन और पेनी मोर्डेंट चुनाव में खड़े होने के लिए आवश्यक 100 सांसदों का समर्थन नहीं जुटा सके. यह ब्रिटिश राजनीति के लिए भी एक बड़ा दिन है. ऐसा इसलिए क्योंकि पिछले तीन महीनों में ऋषि सुनक तीसरे व्यक्ति हैं जो देश के प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं.
ऋषि सुनक ने हासिल की जीत
आपको बता दें कि सोमवार को खुद पूर्व पीएम बोरिस जॉनसन भी प्रधानमंत्री बनने की दौड़ से बाहर हो गए थे. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री लिज़ ट्रस के 45 दिनों का इस्तीफा देने के बाद एक बार फिर से चुनाव हुए. जिस चुनाव में ऋषि सुनक शुरू से ही प्रबल दावेदार माने जा रहे थे. जिसके बाद तय हुआ कि अब चुनाव ऋषि सुनक के दरबार में चला गया है.
लिज़ ट्रस ने दिया इस्तीफा
भारत के लिए ऋषि सुनक की जीत किसी दिवाली के तोहफे से कम नहीं है.
सबसे पहले बोरिस जॉनसन ने अपना इस्तीफा दे दिया था. आपको बता दे बोरिस जॉनसन के बाद लिज़ ट्रस चुनाव में ऋषि सुनक को हराकर कुर्सी पर बैठ गए थे. पर उन्हें भी लंबे समय तक सत्ता नहीं मिली और लिज़ ट्रस 45 दिनों के अंदर इस्तीफा देना पड़ा था. इसके बाद एक बार फिर ऋषि सुनक दौड़ में शामिल हुए और इस बार उन्हें जीत हासिल हुई.
जानें ऋषि सुनक के बारे में
ऋषि सुनक का जन्म 12 मई 1980 को ब्रिटेन के दक्षिणी तट पर साउथेम्प्टन में भारतीय मूल के माता-पिता के यहाँ हुआ था. वह एक मध्यमवर्गीय परिवार में पले-बढ़े थे. उनके पिता एक पारिवारिक डॉक्टर थे और उनकी माँ एक फार्मासिस्ट थीं. ऐसा कहा जाता है कि मेहनती होने की संस्कृति उन्हें विरासत में मिली है. प्रचार के दौरान उन्होंने कहा था कि,” मैं एक दुकान में काम करते हुए, दवाईयां पहुंचाते हुए बड़ा हुआ हूं, मैंने सड़क किनारे भारतीय रेस्तरां में वेटर के रूप में काम किया है”. साथ ही उन्होंने ये भी बताया है कि कैसे उनके माता-पिता ने उन्हें ब्रिटेन के सबसे महंगे और विशिष्ट बोर्डिंग स्कूलों में से एक, विनचेस्टर कॉलेज में भेजने के लिए थोड़ा-थोड़ा करके पैसे जुटाए थे.
ऋषि सुनक ने ली थी शपथ
भगवद गीता पर हाथ रखकर शपथ लेने वाले पहले कैबिनेट मंत्री, जब ऋषि सनक को ब्रिटेन का वित्त मंत्री बनाया गया था. तो उन्होंने अपनी विरासत को अपनाया और बिना कतराए हुए भगवद गीता पर हाथ रखकर शपथ ली थी. उस समय ऋषि सुनक ने कहा था कि मैं अब ब्रिटेन का नागरिक हूं, लेकिन मेरा धर्म हिंदू है. मेरी धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत भारतीय है. मैं गर्व से कहता हूं कि मैं हिंदू हूं और मेरी पहचान भी हिंदू है.