भारत जनसंख्या की दृष्टि से दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है. जनसंख्या अधिक होने के कारण भारत में सड़कों पर वाहनों की संख्या भी अधिक है. खासकर हाईवे पर वाहनों की भारी भीड़ रहती है. ऐसे में हाईवे पर एक छोटी सी गलती भी बहुत भारी पड़ सकती है, जिससे दुर्घटना का खतरा भी बढ़ जाता है. हालांकि कुछ जरूरी नियमों का पालन कर हाईवे पर होने वाले हादसों से बचा जा सकता है. हाईवे और अन्य सड़कों पर वाहन चलाने में बहुत अंतर होता है. हाईवे पर जान का खतरा ज्यादा है. आप हाईवे या एक्सप्रेस-वे पर गाड़ी चलाते समय अतिरिक्त सावधानी बरतें. हाईवे या एक्सप्रेसवे पर कार चलाते समय आपको ट्रैफिक नियमों और गति सीमा का पालन करना होता है. आइए जानें कुछ विशेष नियम
- लेन अनुशासन – हाईवे पर गाड़ी चलाते समय अपनी लेन में रहना बहुत जरूरी है. यदि गति कम करने या ओवरटेक करने के लिए लेन बदलना आवश्यक है, तो संकेतक का उपयोग करें.
- Rear- View Mirror का इस्तेमाल करें – हाईवे पर गाड़ी चलाते समय कार के अंदर के बाहरी रियर-व्यू का ठीक से इस्तेमाल करें। यह पीछे से आने वाले वाहनों का पता लगाता है और तदनुसार ड्राइविंग की सुविधा प्रदान करता है।
- Focused रहें- हाईवे पर या कहीं भी गाड़ी चलाते समय फोकस्ड रहना बहुत जरूरी है. ऐसे में चैटिंग, फोन पर बात करना और ऐसी ही दूसरी चीजों से बचना चाहिए.
- वाहन की सीमा का रखें ध्यान – आपके वाहन की एक सीमा होती है. यह सीमा गति, आरपीएम जैसे कारकों में लागू होती है. ऐसे में कभी भी गाड़ी चलाते समय इस सीमा को पार करने की कोशिश न करें.
- वाहन का रखरखाव – हाईवे पर ड्राइव के लिए निकलने से पहले हमेशा यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि आपका वाहन सही स्थिति में है, ताकि वाहन चलाते समय कोई असुविधा न हो. इसलिए वाहन का उचित रखरखाव किया जाना चाहिए.
- हमेशा सीटबेल्ट पहनें – हाईवे पर या कहीं और गाड़ी चलाते समय हमेशा सीटबेल्ट पहनें.
- अधिक गति से वाहन न चलाएं – हाईवे पर वाहन चलाते समय हमेशा अपने वाहन को आवश्यक गति से चलाएं. ओवर स्पीडिंग से बचना चाहिए.
- सड़क का रखें ख्याल – हाईवे पर गाड़ी चलाते समय हमेशा आसपास की सड़क का ध्यान रखें.
- अचानक निर्णय लेने से बचें – हाईवे पर गाड़ी चलाते समय अचानक ब्रेक लगाना, लेन बदलना जैसे निर्णय कभी न लें.
- अपनी लिमिट का भी रखें ख्याल- हाईवे पर गाड़ी चलाते समय वाहन की लिमिट के साथ-साथ आपको अपनी लिमिट का भी ध्यान रखना चाहिए. ऐसे में थकान, नींद न आना या अन्य स्थितियों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.