दिवाली से पहले पटाखों पर बैन को लेकर एक बार फिर जोर-शोर से चर्चा हो रही है. प्रतिबंधों ने देश के सभी परिवारों को भ्रमित कर दिया है. घर के बच्चे पूछते हैं कि पटाखे कहां से लाएं. पड़ोस के बच्चों के पास पटाखे होते हैं तो हम क्यों नहीं? और घर के बड़े-बुजुर्ग ऐसे सवाल सुनकर असहज हो जाते हैं, क्योंकि उनके पास भी इसका जवाब नहीं होता.
पर्यावरण की बारीकियों को समझने वाले विद्वान, विशेषज्ञ, न्यायालय सभी कहते हैं कि पटाखों से बहुत कम समय में बहुत अधिक प्रदूषण होता है. इसलिए उन पर प्रतिबंध लगाया गया है. लोगों की भावनाएं इस त्योहार पर खुशियों के पटाखे ढूंढ रही हैं ताकि सब कुछ वैसा ही हो जाए. वैसे बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जो पटाखे जलाने के खिलाफ हैं और प्रदूषण के प्रति जागरूक हैं.
पटाखों पर फिर लगा प्रतिबंध
वायु प्रदूषण एक प्रमुख कारण है जिसके कारण पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. ग्रीन पटाखों को सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के अनुसार मंजूरी दी गई है, लेकिन बेरियम जैसे खतरनाक रसायनों वाले पटाखों पर प्रतिबंध है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों में फिलहाल पटाखों पर प्रतिबंध जारी रहेगा. सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों पर से बैन हटाने मनाही कर दी है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिवाली की छुट्टियों से पहले मामले की सुनवाई की जाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमने प्रदूषण को लेकर दिल्ली/NCR के लिए विशेष आदेश जारी किए थे. हमारा आदेश बहुत स्पष्ट है. शीर्ष अदालत ने इस याचिका को अन्य याचिकाओं के साथ टैग करने का आदेश दिया है.
ग्रीन पटाखों पर भी लगना चाहिए प्रतिबंध
मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति एमआर शाह की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, “दिल्ली एनसीआर की वायु गुणवत्ता दिवाली के बाद खराब हो जाएगी. इस याचिका को अन्य लंबित मामलों के साथ टैग करते हुए पीठ ने पराली के बारे में भी उल्लेख किया और कहा कि हरे पटाखों का उपयोग पर भी प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए. अगले कुछ दिन हम सभी के लिए काफी मुश्किल भरे होंगे.
मनोज तिवारी ने दिल्ली सरकार के आदेश को दी थी चुनौती
मनोज तिवारी ने अपनी याचिका में त्योहारी सीजन के दौरान हिंदुओं, सिखों, ईसाइयों और अन्य लोगों द्वारा पटाखों की बिक्री, खरीद और उपयोग पर प्रतिबंध लगाने के दिल्ली सरकार के आदेश को चुनौती दी थी. याचिका में सभी राज्यों को आगामी त्योहारी सीजन के दौरान पटाखे बेचने या इस्तेमाल करने वालों के खिलाफ मामले दर्ज करने जैसी कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने का निर्देश देने की भी मांग की गई है.
पटाखे पर लगा प्रतिबंध हरगिज नहीं हटेगा
जस्टिस एमआर शाह की बेंच ने सोमवार को सुनवाई करते हुए साफ किया कि वो पटाखों पर से बैन नहीं हटाएंगे. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि दिल्ली एनसीआर को लेकर हमारा फैसला बिल्कुल साफ है. क्या आपने प्रदूषण की स्थिति नहीं देखी है, पराली के कारण प्रदूषण पहले से ही बढ़ने लगा है. आप खुद एनसीआर में रहते हैं, तो पहले से बढ़ा हुआ प्रदूषण क्यों बढ़ाना चाहते हैं. हम इस प्रतिबंध को नहीं हटा सकते. आपको बता दें कि दिल्ली में पिछले कई सालों से पटाखों पर पाबंदी है.