करवा चौथ पूरे भारत में 13 अक्टूबर गुरुवार के दिन मनाया जाएगा महिलाओं के लिए ये त्योहार खास महत्व रखता है इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए पूरे दिन निर्जल व्रत रखती हैं. और रात को चांद निकलने के बाद अर्घ्य देकर अपने पति के हाथों जल ग्रहण कर व्रत खोलती हैं.
करवा चौथ का व्रत शादीशुदा महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है इस व्रत को विवाहित महिलाएं अखंड सौभाग्य की कामना के लिए रखती हैं ऐसी मान्यता है की इस व्रत को कुवांरी लड़कियां भी सुयोग वर लिए रख सकती हैं. चलिए जान लेते हैं करवा चौथ व्रत के दिन क्या करना चाहिए क्या नहीं.
व्रत के दिन बाल धोना चाहिए
बहुत से लोगों का ये सवाल रहता है कि क्या करवा चौथ के दिन बाल धो सकते हैं तो बता दें व्रत के दिन बाल नहीं धोना चाहिए एक दिन पहले ही बाल धो लें, अगर किसी कारण वश आप एक दिन पहले बाल नहीं धो पाई हैं तो व्रत वाले दिन पानी में एक चुटकी हल्दी डालकर अपने बालों को धो सकती हैं ऐसा करने से आप दोष से बच सकती हैं.
सम्बंधित : – कार्तिक मास के नियम और किन उपायों से माता लक्ष्मी होंगी प्रसन्न
करवा चौथ पूजा में करवा का महत्व
करवा चौथ में करवा का विशेष महत्व है, बता दें करवा चौथ की पूजा करते समय दो करवा रखा जाता है एक मिट्ठी का एक धातु का या फिर दोनों करवा मिट्टी का रहा तो भी चलेगा मिट्टी के करवे में चावल या फिर गेहूं भर दें और उसके ऊपर रखे ढक्कन पर मिठाई रख दें दूसरे करवे में जल भर के रख दें और उसी करवे से चांद को अर्घ्य दिया जाता है. करवा का करवा चौथ के पूजा में विशेष महत्व है इसके बिना पूजा अधूरी मानी जाती है करवा को गणेश जी का स्वरूप माना जाता है और करवा में लगी हुई टूंटी को गणेश जी के सूंड का प्रतीक माना गया है इसलिए करवा चौथ की पूजा में करवा को रखना मंगलकारी माना गया है.
हिंदू पंचांग के अनुसार चतुर्थी तिथि भगवान गणेश को समर्पित है इस दिन भगवान गणेश के लिए व्रत और उनकी पूजा अर्चना की जाती है कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष के चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश और करवा माता दोनों की पूजा की जाती है इसलिए इसे करवा चौथ कहा जाता है.
सम्बंधित : – सनातन धर्म क्या है , क्या हिंदू धर्म सनातन धर्म से अलग है?
करवा चौथ पूजा मुहूर्त
करवा चौथ पूजा मुहूर्त शाम 5: 54 से लेकर शाम 7:3 मिनट तक
करवा चौथ चंद्रोदय का समय रात 8 बजकर 10 मिनट पर.
पूजा विधि
चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर करवा चौथ माता की तस्वीर रखें साथ में शिव पार्वती और गणेश जी की भी मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें उसके बाद एक करवे में चावल या गेहूं और दूसरे में जल भर के रख दें करवा माता की तस्वीर पर हार फूल, कुमकुम और अक्षत अर्पित करें साथ ही श्रृंगार का सामान करवा माता को चढ़ाएं और घर में जो भी भोजन बना है उसका और पांच फल का भोग माता को लगाना चाहिए, इसके बाद भगवान गणेश और करवा माता की आरती करें और व्रत से जुड़ी कहानी कहनी और सुननी चाहिए कहानी कहने के बाद अगर चांद आ गया है तो करवे में भरे जल से चांद को अर्घ्य दें और छलनी के अंदर दीपक रखकर पहले चांद फिर अपने पति का चेहरा देखकर पति के हाथों पानी ग्रहण कर व्रत तोड़ना चाहिए. इस प्रकार करवा चौथ का व्रत संपन्न होता है.
आप सभी को करवा चौथ की ढेर सारी शुभकामनाएं इस प्रकार करवा चौथ माता की विधि विधान से पूजा अर्चना कर अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त करें.
सम्बंधित : – वाहन की नजर कैसे उतारे?