अब तीन दिन हॉलीडे
अगर आप नौकरी करते हैं तो आप को बहुत जल्द खुशखबरी मिलने वाली है काम करने के घंटों और छुट्टियों में कई बदलाव देखने को मिल सकते हैं नए लेबर कोड लागू होने के बाद हफ्ते में चार दिन काम और तीन दिन छुट्टी मिलेगी.
देश में सरकार नया लेबर कोड लागू करने की तैयारियों में काफी समय से लगी हुई है बता दें केंद्र सरकार पूरे देश में एक साथ इस व्यवस्था को लागू करना चाहती है . हालांकि देश में नया श्रम कानून कब से लागू होगा अभी कुछ साफ नहीं है.
सप्ताह में 48 घंटे करना होगा काम
बता दें नया लेबर कोड लागू होने पर कंपनियों को अपनी काम करने की रणनीति में कुछ बदलाव करने होंगे अभी हाल में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था फ्लैक्सिबल वर्क प्लेस और फ्लैक्सिबल वर्किंग के घंटे भविष्य की जरूरत. केंद्र सरकार चाहती है सभी राज्य लेबर कोड को एक साथ लागू करे लोगों की पर्सनल लाइफ और प्रोफेशनल लाइफ दोनों में बराबर बैलेंस बना रहे इसलिए इस कॉन्सेप्ट को लाया जा रहा है. चार लेबर कोड लेबर कोड वेज,सोशल सिक्योरिटी, इंडस्ट्रियल रिलेशन और ऑक्यूपेशन से जुड़े हैं लेबर कोड लागू होने के बाद जिस चीज की सबसे ज्यादा खुशी और चर्चा है वो है सप्ताह में मिलने वाली छुट्टी की जी हां नए श्रम कानून में चार दिन काम और तीन दिन छुट्टी का प्रावधान है हालांकि काम करने घंटों में इजाफा हो सकता है नया लेबर कोड लागू होने पर आपको 12 घंटे काम करना होगा कुल मिलाकर सप्ताह में 48 घंटे काम करना पड़ सकता है लेकिन इन बारह घंटे में आधे आधे की दो बार छुट्टी मिलेगी.
पीएफ में बढ़ेगा अंशदान
नए लेबर कोड में छुट्टियों को लेकर भी बदलाव होंगे पहले किसी भी संस्था में लंबे समय तक के लिए छुट्टी लेने के लिए साल में कम से कम 240 दिन काम करना जरूरी होता था लेकिन नए लेबर कोड लागू होने के बाद आपको 180 दिन काम करने के बाद लंबी अवधि की छुट्टी मिल सकती है नए लेबर वेज कोड लागू होने के बाद टेक होम सैलरी यानि इन हैंड सैलरी आपके खाते में पहले के मुकाबले कम आएगी सरकार ने नए नियम में प्रावधान किया है की किसी भी कर्मचारी की बेसिक सैलरी यानि की कुल सैलरी की 50 फीसदी या उससे अधिक अगर बेसिक सैलरी अधिक होगी तो पीएफ में अंशदान बढ़ जाएगा सरकार के इस प्रावधान में ध्यान रखा गया है कि प्राइवेट सेक्टर में काम कर रहे लोगों को रिटायरमेंट के बाद पैसे की कमी ना हो इसलिए पीएफ में कंट्रीब्यूशन बढ़ा दिया गया है.
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2 दिनों में फुल एंड फाइनल
रिर्पोट की माने तो अगर कोई कर्मचारी नौकरी छोड़ता है या उसे नौकरी से बरखास्त किया जाता है तो ऐसे में कंपनी को दो दिन में फुल एंड फाइनल करना होगा वर्तमान समय में कंपनियां फुल एंड फाइनल में 45 दिन का समय ले लेती है .
कर्मचारियों की शिकायते होंगी खत्म
बता दें लगातार कर्मचारियों की शिकायत आ रही थी कि ज्यादा काम और छुट्टी ना मिलने की वजह से वे लोग परिवार को टाइम नहीं दे पाते हैं अब नए श्रम कानून से ये समस्या दूर होगी इस प्रावधान का असर सभी क्षेत्र में काम करने वालों पर होगा चाहे वो ऑफिस में काम करने वाले कर्मचारी हो या फैक्टरी में काम करने वाले वर्कर हों.
केंद्रशासित राज्यों में नया लेबर कोड लागू
जानकारी के लिए बता दें कई केंद्रशासित और राज्यों में नया श्रम कानून लागू कर दिया गया है 31 से ज्यादा केंद्रशासित राज्यों और प्रदेशों में नया लेबर कोड को अपनाया जा चुका है. नए लेबर कोड में कई बदलाव किए गए हैं इसमें महिलाओं पर विशेष कर ध्यान दिया गया है.
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महिलाएं नाइट शिफ्ट नहीं करेंगी
नए लेबर कोड में अब महिलाओं से कंपनी ज्यादा काम का वास्ता देते हुए नाइट शिफ्ट करने के लिए जोर नहीं डाल सकती है. अगर महिला नाइट शिफ्ट में सहज नहीं है तो उसे कोई भी जबरन नाइट शिफ्ट करने के लिए नहीं कह सकता है अगर वो खुद नाइट शिफ्ट करना चाहती है तो कर सकती है.
ग्रेच्युटी रकम नियमों में बदलाव
ग्रेच्युटी रकम मिलने के नियमों में भी कई बदलाव किए जाएंगे पहले 5 साल नौकरी करने वालों को ग्रेच्युटी रकम पाने का अधिकार था अब 1 साल नौकरी करने वालों को भी ग्रेच्युटी रकम पाने का अधिकार मिलेगा अब कर्मचियों को सैलरी कम प्रोविडेंट फंड और
ग्रेच्युटी ज्यादा मिलेगी.
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चार कोड में सब कुछ समाहित
पहले का श्रम कानून इतना मुश्किल था की श्रमिकों को चार चार फॉर्म भरने पड़ते थें ऐसे में अब मौजूदा सरकार ने पहले के श्रम कानून को रद्द करते हुए 29 कानूनों को चार कोड में समाहित कर दिया है. अब सरकार ने न्यूनतम मजदूरी कानूनी अधिकार के लिए वेज कोड में चार , सोशल सिक्योरिटी कोड में 9, ओएसएच कोड में 13 और आईआर कोड में 13 कानून शामिल किया गया है.
किसी भी चीज के निर्माण या कंपनी चलाने के लिए श्रमिकों की जरूर पड़ती है इसलिए संसार में मजदूरों की भूमिक अहम होती है घर बनाने से लेकर अनाज उपजाने तक मजदूरों का एक बड़ा योगदान होता है बावजूद इसके हमारे देश में श्रमिकों की हालत कुछ खास अच्छी नहीं है इतना कुछ करने के बाद में उनकी स्थिति में कोई सुधार नहीं हो रहा है और इसी के मद्देनजर सरकार समय समय पर मजदूरों को स्थिति में सुधार हेतु कदम उठाती आई है और अब नए लेबर कोड को लाकर सरकार ने श्रमिकों के लिए एक क्रांतिकारी कदम उठाया है जिसके बाद से बहुत हद तक मजदूरों की स्थिति में सुधार होने की उम्मीद जताई जा रही है.
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